दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन को भारत सरकार की मंजूरी, निजी अस्पतालों में बूस्टर डोज के तौर पर लगवा सकेंगे

By: Priyanka Maheshwari Fri, 23 Dec 2022 12:41:00

दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन को भारत सरकार की मंजूरी, निजी अस्पतालों में बूस्टर डोज के तौर पर लगवा सकेंगे

भारत में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच भारत सरकार ने दुनिया की पहली नेजल कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई इस वैक्सीन को नाक से लिया जाएगा और यह बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जा सकेगा। यानी, जो लोग पहले वैक्सीन की दो डोज ले चुके हैं, उन्हें ही ये वैक्सीन दी जाएगी। कोविन पोर्टल पर मौजूद डेटा बताता है कि अब तक 95.10 करोड़ से ज्यादा लोग वैक्सीन की दो डोज ले चुके हैं। लेकिन सिर्फ 22.20 करोड़ लोगों ने ही बूस्टर डोज ली है। नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा गया है। पहले इसे BBV154 कहा गया था। बता दे, भारत बायोटेक ने ही कोवैक्सिन को बनाया था। नेजल कोरोना वैक्सीन सबसे पहले इसे प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए लोगों को पैसे देने होंगे। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इसे आज से ही कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल कर लिया गया है।

भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई इस वैक्सीन को नाक के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। इस वैक्सीन में इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती। साथ ही हेल्थकेयर वर्कर्स को भी खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी।

इधर, भारत में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ आज दोपहर 3 बजे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बैठक करने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मीटिंग में कोविड की स्थिति और तैयारियों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नए साल और आगामी त्योहारों के मद्देनजर के लिए एक नई गाइडलाइन जारी कर सकता है।

हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने नेजल वैक्सीन का 4 हजार वॉलिंटियर्स पर क्लीनिकल ट्रायल किया है। इनमें से किसी पर इसका कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है। अगस्त महीने में तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के बाद साफ हो गया था कि BBV154 वैक्सीन इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है। BBV154 के बारे में भारत बायोटेक ने बताया है कि इस वैक्सीन को नाक के जरिए दिया जाता है। यह भी कहा गया है कि यह वैक्सीन किफायती है जो कि कम और मध्यम आय वाले देशों के लिए ठीक रहेगी। बताया गया है कि यह वैक्सीन इंफेक्शन और संक्रमण को कम करेगी।

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