नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को राजधानीवासियों को गर्मी से राहत देने के लिए एक अहम पहल करते हुए 'हीट एक्शन प्लान 2025' का अनावरण किया। इस योजना के तहत शहर में 3,000 वाटर एटीएम, शीतल छायादार आश्रय, और विशेष हीटवेव वार्ड जैसे कई ठोस कदम उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी, प्रदूषण और जलभराव जैसे मौसमी संकट दिल्ली के नागरिकों के जीवन को बार-बार प्रभावित करते हैं, लेकिन उनकी सरकार अब इस चुनौती को अवसर में बदलने को तैयार है। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि दिल्ली के लोग हर मौसम का सामना आसानी और गरिमा से कर सकें।"
हीट एक्शन प्लान की प्रमुख विशेषताएं
• 3,000 जल एटीएम:
- 1,000 सार्वजनिक स्थलों पर
- 1,000 सरकारी कार्यालयों और स्कूल परिसरों में
- 1,000 ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में
• 5 लाख लोगों के लिए आरओ जल व्यवस्था:
दिल्ली सरकार स्कूलों और ऑफिस परिसरों के चारों ओर 3,000 से 4,000 आरओ यूनिट लगाएगी, जो 24x7 शुद्ध और ठंडा पानी उपलब्ध कराएंगी।
• 1,800 ‘आपदा मित्र’ तैनात होंगे:
गर्मी से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों, विशेषकर झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों में, प्रशिक्षित आपदा स्वयंसेवकों की तैनाती की जाएगी।
• बस स्टॉप और ट्रैफिक पॉइंट्स पर छायादार आश्रय:
पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर छायादार ठहराव स्थान विकसित किए जाएंगे, जहां नागरिक गर्मी से थोड़ी राहत पा सकें।
• स्पेशल हीटवेव वार्ड:
सरकारी अस्पतालों में लू के मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाए जाएंगे।
• पशुओं के लिए भी राहत उपाय:
सड़क पर रहने वाले जानवरों के लिए पानी और छाया की विशेष व्यवस्था की जाएगी।
सीएसआर के तहत निजी भागीदारी की अपील
रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार निजी क्षेत्र की मदद लेना चाहती है। उन्होंने कॉर्पोरेट जगत से CSR (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत सहयोग की अपील की है, जिससे यह योजना और व्यापक हो सके।
गर्मी की चेतावनी SMS व सोशल मीडिया से
हीट एक्शन प्लान के तहत आम जनता को गर्मी और लू की जानकारी समय रहते दी जाएगी। इसके लिए SMS अलर्ट, सोशल मीडिया अपडेट्स और जनहित घोषणाओं का सहारा लिया जाएगा।
लोक निर्माण मंत्री का बयान
दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा, "हम सिर्फ घोषणाएं नहीं कर रहे, बल्कि हर योजना को जमीनी स्तर पर लागू कर रहे हैं।" उन्होंने बताया कि गर्मी से निपटने के लिए जीपीएस-संलग्न टैंकर, ठंडी छतों की तकनीक, और वातानुकूलन के नए मॉडल सरकारी भवनों में लागू किए जा रहे हैं।