कौन से राजनेता को पसंद करती हैं हर्षा रिछारिया? आदर्श नेता पर दिया चौंकाने वाला जवाब

By: Sandeep Gupta Thu, 16 Jan 2025 08:27:03

कौन से राजनेता को पसंद करती हैं हर्षा रिछारिया? आदर्श नेता पर दिया चौंकाने वाला जवाब

स्वामी कैलाशानंद गिरि की शिष्या हर्षा रिछारिया महाकुंभ 2025 के दौरान खूब सुर्खियां बटोर रही है। महाकुंभ के दौरान उन्होंने अमृत स्नान में भाग लिया और शाही रथ पर भी बैठीं। हर्षा पहले से ही धर्म और आध्यात्मिकता से जुड़ी हुई हैं, लेकिन महाकुंभ में उनकी उपस्थिति ने उन्हें सुर्खियों में ला खड़ा किया। महाकुंभ में एबीपी न्यूज से बातचीत में हर्षा ने अपने आदर्श नेता, सनातन धर्म, इस्लाम, और क्रिसमस जैसे मुद्दों पर अपनी राय साझा की। उन्होंने महाकुंभ में सभी सनातन प्रेमियों को शामिल होने का निमंत्रण देते हुए इसे जीवन में बदलाव लाने वाला अनुभव बताया।

महाकुंभ में आने का दिया निमंत्रण

हर्षा रिछारिया ने लोगों से सनातन धर्म और संस्कृति को अपनाने की अपील करते हुए कहा, 'महाकुंभ एक ऐसा अवसर है, जो हमारी जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है। अपने घरों से बाहर निकलकर प्रयागराज की पवित्र धरा पर आइए और संगम में डुबकी लगाकर अपने जीवन को सार्थक कीजिए।'

उन्होंने सनातन धर्म को भारत की पहचान बताते हुए कहा कि यह केवल एक धर्म नहीं बल्कि हमारी सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक है। महाकुंभ के महत्व पर बात करते हुए उन्होंने विदेशी श्रद्धालुओं की उपस्थिति को गर्व की बात कहा।

सनातन धर्म को जानने और प्रचार करने की अपील

हर्षा ने सनातन धर्म और संस्कृति को जानने और समझने पर जोर देते हुए कहा,'अगर आपको धर्म के बारे में जानकारी नहीं है, तो खुद से पहल करें। इसे समझें और इसके महत्व को दूसरों तक पहुंचाएं। हमारे पास इतने त्योहार और रीति-रिवाज हैं कि किसी अन्य धर्म या त्योहार को जानने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।'

इस्लाम और क्रिसमस पर राय

इस्लाम धर्म से जुड़े सवालों पर हर्षा रिछारिया ने किसी विवाद में पड़ने से बचते हुए कहा कि इन मुद्दों को छोड़ देना ही बेहतर है।
क्रिसमस के बारे में अपनी राय व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, 'अगर आप सनातन धर्म में पैदा हुए हैं, तो उससे जुड़े त्योहारों और रीति-रिवाजों को अपनाना चाहिए। हमारे धर्म में इतनी खूबसूरती और त्योहार हैं कि और किसी धर्म के त्योहार को मनाने का समय नहीं बचता।'

आदर्श नेता पर सवाल का टालमटोल जवाब

जब हर्षा रिछारिया से उनके आदर्श पॉलिटिशियन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इस सवाल को टाल दिया। उन्होंने कहा, 'इसे यहीं रहने देते हैं।'

सनातन बोर्ड और धर्म संसद की वकालत

हर्षा ने महाकुंभ में धर्म संसद के आयोजन और सनातन बोर्ड के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा,'यह जरूरी है कि एक ऐसा बोर्ड बने जहां सनातन धर्म से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो और फैसले लिए जाएं। यह हर सनातनी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।'

गुरु से दीक्षा ली है, संन्यास नहीं

वहीं दूसरी तरफ एक मीडिया ग्रुप को दिए इंटरव्यू में हर्षा के माता-पिता ने बताया कि हर्षा का रुझान बचपन से ही अध्यात्म की ओर रहा है। वह बिना पूजा-पाठ किए स्कूल भी नहीं जाती थी। पूजा के बाद ही नाश्ता करती थी। यह आदत उसने 10-11 साल की उम्र से ही बना ली थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी बेटी ने संन्यास ले लिया है, तो उन्होंने कहा कि उसने गुरु से दीक्षा ली है, संन्यास नहीं। हर किसी का अध्यात्म की ओर झुकाव होना चाहिए। यह जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। जब हर्षा की शादी के बारे में पूछा गया, तो उनके माता-पिता ने कहा कि 2025 में उसकी शादी फाइनल हो जाएगी। अगर 2025 में नहीं हो पाई, तो 2026 में शादी कर देंगे।

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