
क्या कोई इंसान आध्यात्मिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जान देने का निर्णय ले सकता है? हैदराबाद से सामने आई एक चौंका देने वाली घटना ने इसी सवाल को जन्म दिया है। तेलंगाना की राजधानी में 43 वर्षीय महिला ने आत्महत्या कर ली, और उसका सुसाइड नोट पढ़कर हर कोई सन्न रह गया। महिला ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि वह "भगवान से मिलना चाहती थी।"
हिमायतनगर में घटी घटना, सन्न रह गया मोहल्ला
यह हृदयविदारक घटना हैदराबाद के हिमायतनगर इलाके की है, जहां पूजा जैन नाम की महिला अपने परिवार के साथ रहती थीं। रोज की तरह उनके पति दोपहर में अपने काम पर गए थे। इसी दौरान पूजा ने एक सुसाइड नोट लिखा और फिर पांचवीं मंजिल से छलांग लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी।
जैसे ही लोगों ने महिला को नीचे गिरते देखा, इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग मौके पर दौड़ पड़े और तुरंत उनके पति को सूचना दी गई। घटना के तुरंत बाद पुलिस को बुलाया गया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
सुसाइड नोट में लिखा – 'भगवान से मिलना है'
घटना स्थल पर पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें पूजा ने खुद के निर्णय की वजह बताई। नोट में उन्होंने लिखा था कि वह भगवान से मिलने के लिए अपनी जान दे रही हैं। उनके अनुसार यह निर्णय उन्होंने पूरी श्रद्धा, विश्वास और भक्ति के साथ लिया ताकि वह आध्यात्मिक रूप से ईश्वर के और निकट पहुंच सकें।
धार्मिक रुझान और मानसिक स्थिति
परिवारवालों और पड़ोसियों के अनुसार, पूजा पिछले कुछ समय से अत्यधिक धार्मिक गतिविधियों में संलग्न थीं। ध्यान, भजन, पूजा-पाठ और धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन में उनका समय बीतने लगा था। उनके व्यवहार में धीरे-धीरे एक गहराई और एक अलग-सी तन्मयता दिखने लगी थी।
कई बार उन्होंने अपने निकटजनों से यह भी कहा था कि उन्हें सांसारिक बंधनों से मुक्ति चाहिए और वह ईश्वर के चरणों में शरण लेना चाहती हैं। जैन परिवार के अनुसार, हाल के दिनों में पूजा का मानसिक संतुलन कुछ असामान्य लगने लगा था, लेकिन किसी ने यह कल्पना नहीं की थी कि वो इतना बड़ा कदम उठा लेंगी।
पुलिस जांच जारी, सभी पहलुओं पर ध्यान
हैदराबाद पुलिस ने घटना स्थल से सभी आवश्यक सबूत एकत्रित कर लिए हैं। शुरुआती जांच में किसी प्रकार की साजिश या मानसिक बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुलिस सभी संभावित एंगल्स से जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि महिला किसी गहरी मानसिक पीड़ा से जूझ रही थीं या पूरी तरह से धार्मिक आस्था ने उनके निर्णय को प्रभावित किया।
समाज के लिए एक चेतावनी
पूजा जैन की आत्महत्या एक ऐसी घटना है, जो समाज को आत्मचिंतन का अवसर देती है। यह मामला न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि धार्मिक आस्था और अध्यात्म कब सीमा पार कर आत्मघाती बन सकता है। परिवार, मित्रों और समुदाय की सतर्कता ऐसे मामलों में जीवन बचा सकती है।














