चंडीगढ़/जयपुर। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच गुरुवार शाम पंजाब और राजस्थान के कई सीमावर्ती जिलों में अचानक ब्लैकआउट लागू कर दिया गया। पंजाब के पठानकोट, अमृतसर, जालंधर, होशियारपुर, मोहाली और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ सहित कई इलाकों में अंधेरा कर दिया गया। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घरों में रहें और लाइट बंद रखें।
पठानकोट में स्थानीय लोगों ने धमाके जैसी आवाजें सुनने का दावा किया है, हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। यहां रात करीब 8:30 बजे सायरन बजाया गया और एयर रेड अलर्ट जारी किया गया। वहीं, छह सीमावर्ती जिलों – अमृतसर, तरनतारण, गुरदासपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का और पठानकोट – में पहले से ही आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
यह स्थिति तब बनी जब बुधवार को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा के मुरिदके स्थित अड्डों को निशाना बनाया गया।
राजस्थान के सीमावर्ती जिलों – श्रीगंगानगर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर – में भी रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। इन इलाकों में ब्लैकआउट के आदेश जारी किए गए हैं और लोगों से घरों में ही रहने की अपील की गई है। श्रीगंगानगर पुलिस ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, "रेड अलर्ट जारी है, सभी लोग घरों में रहें और लाइट बंद रखें।"
बाड़मेर और जैसलमेर में कई बार सायरन बज चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, जैसलमेर-पोकरण क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले की आशंका है। बीकानेर में संपूर्ण ब्लैकआउट लागू कर दिया गया है, जो अगले आदेश तक जारी रहेगा।
जोधपुर और फालोदी में भी पूरी तरह से अंधेरा कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने कहा है कि सभी प्रकार की रोशनी तुरंत बंद कर दी जाए और आदेशों का सख्ती से पालन किया जाए।
अस्पताल तैयार, आपातकालीन शेल्टर चालू
फालोदी में संभावित हवाई हमले के मद्देनजर जिला प्रशासन ने कई इमरजेंसी इंतजाम किए हैं। सभी अस्पतालों को पावर बैकअप, पानी, ईंधन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। दुकानों और होटलों को रात 10 बजे तक बंद करने का आदेश है।
जिला कलेक्टर हर्जी लाल अटल ने बताया कि 26 अस्पतालों में 450 बेड आरक्षित किए गए हैं, खून का पर्याप्त भंडारण, ICU की तैयारी, एम्बुलेंस और ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर उन्हें तत्काल मुख्यालय में हाजिर होने को कहा गया है।
फालोदी और बाप क्षेत्र में 25 से अधिक इमारतों को शेल्टर के रूप में चिन्हित किया गया है, जिनमें इंदिरा गांधी नहर परियोजना की कई इमारतें भी शामिल हैं।