भारतीय राजनीतिक और मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली नेता असदुद्दीन ओवैसी बहरीन में एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को उजागर करने और उसकी निंदा करने पहुंचे हैं। ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवादी इस्लाम धर्म को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने निर्दोष लोगों से उनके धर्म के बारे में पूछताछ कर के उनकी हत्या की है, जो पूरी मानवता के खिलाफ एक घिनौना अपराध है। ओवैसी ने इस कायराना कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि इस्लाम पूरी तरह आतंकवाद के खिलाफ है और किसी भी तरह की हिंसा को स्वीकार नहीं करता।
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के लिए वित्तीय मदद उपलब्ध करवा रहा है और यह सीधे तौर पर वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने बहरीन समेत अन्य मुस्लिम देशों से अपील की कि वे पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) की ग्रे लिस्ट में डालने में सहयोग करें, ताकि पाकिस्तान के आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले नेटवर्क को मजबूत कार्रवाई के तहत लाया जा सके। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान की इस नीति से न केवल भारत बल्कि पूरे मुस्लिम विश्व की छवि प्रभावित हो रही है।
प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा, निशिकांत दुबे, फांगनोन कोन्याक, रेखा शर्मा, सतनाम सिंह संधू, गुलाम नबी आजाद और हर्ष श्रृंगला भी शामिल हैं, जो सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया के दौरे पर हैं। ओवैसी ने कहा कि भारत लगातार पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहा है, जिसमें अब तक कई मासूम जानें भी गई हैं। उन्होंने कड़ा संदेश दिया कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद बंद नहीं किया, तो भारत कड़ी कार्रवाई करेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि पहलगाम में एक महिला की शादी के महज छह दिन बाद उसके पति की हत्या कर दी गई। एक अन्य महिला जिसकी शादी दो महीने पहले हुई थी, उसके पति को भी आतंकियों ने मार डाला। ओवैसी ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर जब देश की सुरक्षा का सवाल आता है तो सभी एकजुट होते हैं।
ओवैसी की यह अपील इस वक्त काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद से लड़ने के लिए देशों के बीच सहयोग की जरूरत बढ़ रही है। उन्होंने मुस्लिम देशों से आग्रह किया कि वे पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएं ताकि इस्लाम और मुसलमानों की असली छवि बचाई जा सके और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में मदद मिल सके।