लखनऊ: पूर्व मंत्री के बेटे ने काटी हाथ की नस, कमरे में किया खुद को बंद, पुलिस ने दरवाजा तोड़कर बचाई जान

By: Sandeep Gupta Tue, 31 Dec 2024 7:37:18

लखनऊ: पूर्व मंत्री के बेटे ने काटी हाथ की नस, कमरे में किया खुद को बंद, पुलिस ने दरवाजा तोड़कर बचाई जान

लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मंगलवार को एक युवक ने हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की। युवक की पहचान बसपा के पूर्व मंत्री राम लखन वर्मा के बेटे उपकार वर्मा के रूप में हुई है। घटना डालीबाग स्थित उनके मकान की है, जहां उपकार ने नशे की हालत में यह कदम उठाया। हजरतगंज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि दोपहर में पड़ोसियों से मामले की सूचना मिली। चौकी इंचार्ज शुभम पांडेय को टीम के साथ मौके पर भेजा गया। जब पुलिस पहुंची तो घर का दरवाजा अंदर से बंद था और बाहर खून फैला हुआ था। टीम ने युवक को बातों में उलझाने के बाद फावड़े से दरवाजा तोड़ा। अंदर पहुंचने पर फर्श और बिस्तर खून से सने मिले। उपकार वर्मा नशे में धुत था और पुलिस से भिड़ गया। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने उसे काबू किया और एंबुलेंस से सिविल अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल उसकी हालत सामान्य है।

कमरे से असलहा बरामद


पुलिस को फ्लैट से एक असलहा भी मिला है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। चौकी इंचार्ज शुभम पांडेय ने बताया कि उपकार वर्मा पहले हाथ की नस काटकर बाहर घूम रहा था। पड़ोसियों की सूचना पर जब पुलिस पहुंची, तो वह कमरे में भागकर दरवाजा बंद कर लिया। टीम ने दरवाजा तोड़ा, लेकिन वह दूसरे कमरे में भाग गया। अंततः पुलिस ने बाउंड्रीवाल कूदकर उसे पकड़ा।

हाथी बना मौत का कारण

उपकार वर्मा के पिता राम लखन वर्मा अंबेडकरनगर की राजनीति में एक समय बड़ा नाम थे। 1982 में जिला पंचायत सदस्य के रूप में राजनीति की शुरुआत करने वाले वर्मा ने 1989, 1991, और 1993 में बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते। बसपा के सहयोग से बनी मुलायम सिंह यादव की सरकार में वे पंचायती राज मंत्री बने। बाद में गठबंधन टूटने पर मायावती की सरकार में भी उन्होंने मंत्री पद संभाला। बाद में वर्मा सपा में शामिल हो गए, लेकिन 1996 के बाद के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। राम लखन वर्मा अपने हाथी प्रेम के लिए प्रसिद्ध थे। मंत्री रहते उन्होंने सरकारी आवास में भी हाथी पाला था। दुर्भाग्य से, 2003 में उनके पालतू हाथी ने ही उन्हें रौंदकर मार डाला। इस घटना ने राम लखन वर्मा की राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन की कहानी में एक दुखद मोड़ जोड़ दिया। अब उनके बेटे उपकार वर्मा का यह कदम उनके परिवार की परेशानियों को फिर से उजागर करता है।

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