बाड़मेर। चार साल की सगाई, तीन साल की वीज़ा प्रक्रिया और ढेरों उम्मीदों के बाद राजस्थान के बाड़मेर जिले से एक दूल्हा अपनी बारात लेकर पाकिस्तान के लिए निकला था। लेकिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पैदा हुए कूटनीतिक तनाव के कारण यह बहुप्रतीक्षित शादी अधर में लटक गई। अटारी-वाघा सीमा पर पहुंचते ही दूल्हे शैतान सिंह और उनके परिवार को पाकिस्तान में प्रवेश से रोक दिया गया और उन्हें वापस बाड़मेर लौटना पड़ा।
25 वर्षीय शैतान सिंह की सगाई पाकिस्तान के सिंध प्रांत के अमरकोट की केसर कंवर से चार साल पहले हुई थी। यह रिश्ता दोनों देशों की सरहदों से परे उन परिवारों की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है, जो आज भी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
सिंह के परिवार ने वीज़ा प्राप्त करने के लिए तीन वर्षों तक लगातार प्रयास किया। अंततः 18 फरवरी को वीज़ा क्लियरेंस मिली, और परिवार ने 30 अप्रैल को विवाह की तिथि तय की—जो वीज़ा की वैधता (12 मई तक) के भीतर थी। मगर ठीक शादी से कुछ दिन पहले पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द कर दिए और सीमा पार जाने पर रोक लगा दी।
इस रोक के चलते दूल्हे की बारात गुरुवार को अटारी सीमा पर रोक दी गई और पाकिस्तान में प्रवेश से इंकार कर दिया गया।
शैतान सिंह ने दुख जताते हुए कहा, "हमने सब कुछ कानून के अनुसार किया। इतने सालों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे, अब सब अधूरा रह गया। मैं बहुत बेबस महसूस कर रहा हूं।"