महाकुंभ इन दिनों सनातन धर्म को मानने वालों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है। इस महाकुंभ में स्नान करने के लिए न केवल भारत से, बल्कि विदेशों से भी लोग निरंतर पहुंच रहे हैं। वहीं, कुछ ऐसे लोग हैं जो इस सनातन आस्था पर बयान देकर सुर्खियों में आ रहे हैं। एक दिन पहले, संत रविदास जयंती के अवसर पर गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने एक विवादित बयान दिया।
माघी पूर्णिमा पर आयोजित महाकुंभ स्नान की भीड़ को देखकर महरूम मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने कहा, "संगम तट पर नहा कर व्यक्ति का पाप धुल जाएगा। इसका मतलब यह है कि आगे बैकुंठ में जाने का रास्ता खुल जाएगा। भीड़ देखकर ऐसा लग रहा है कि अब नर्क में कोई नहीं बचेगा और स्वर्ग में हाउसफुल हो जाएगा।"
इसी माघी पूर्णिमा के अवसर पर संत रविदास की जयंती पूरे देश में धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान सनातन धर्म से जुड़े लाखों लोगों ने महाकुंभ में स्नान किया। वहीं, पूरे देश में रविदास जयंती की भी धूम देखने को मिली। इसी कार्यक्रम के दौरान गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी शादियाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने महाकुंभ में स्नान करने वालों को लेकर एक अजीब बयान दे डाला। इस कार्यक्रम में सुरक्षित जखनिया विधानसभा के विधायक बेदी राम भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।
गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने मंच से महाकुंभ के दौरान संगम तट पर नहाने के संबंध में विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, "मान्यता है कि संगम तट पर नहाकर व्यक्ति का पाप धुल जाएगा। पाप धुलने का मतलब है कि आगे बैकुंठ में जाने का रास्ता खुल जाएगा। अब जो भीड़ देखने को मिल रही है, उससे लगता है कि नर्क में अब कोई बचेगा ही नहीं और स्वर्ग में हाउसफुल हो जाएगा।"
इसके बाद उन्होंने ट्रेनों में यात्रा करने वाली भारी भीड़ पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "आलम यह है कि लोग ट्रेनों के शीशे तक तोड़ रहे हैं। इस कारण ट्रेनों में यात्रा कर रही महिलाएं कांप रही हैं और वे बच्चों को गोद में छुपाकर बिलख रही हैं। मैंने यह सब अपनी आंखों से देखा है।"
अफजाल अंसारी ने आगे कहा, "मैंने देखा है कि ट्रेनों में तोड़फोड़ करने वाले लोग 15 से 20 साल की उम्र के हैं। इतनी भीड़ है कि ट्रेनों में यात्रा करना इन दिनों असुरक्षित सा महसूस हो रहा है। वहां भगदड़ जैसी स्थिति बन चुकी है। महाकुंभ में जो भगदड़ मची, उसमें न जाने कितने लोगों की जान गई। आज तक उस भगदड़ में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा सामने नहीं आ पाया है। जो लोग भी वहां से आ रहे हैं, वे मौत का मंजर बयां कर रहे हैं।"