बच्चों के मन को बहुत प्रभावित करती हैं मां-बाप की लड़ाई, होते हैं ये नुकसान

By: Ankur Wed, 22 Mar 2023 2:33:07

बच्चों के मन को बहुत प्रभावित करती हैं मां-बाप की लड़ाई, होते हैं ये नुकसान

किसी भी रिश्ते में प्यार के साथ तकरार होना आम बात हैं, लेकिन इस तकरार को आप किस तरह हैंडल करते हैं यह बहुत मायने रखता हैं। खासतौर से पति-पत्नी के रिश्ते में होने वाली बहस, नोकझोंक हर दिन चलने वाले लड़ाई-झगड़े का रूप ले लेती है। लेकिन आपको यह समझने की जरूरत हैं कि इस बहस का असर आपके बच्चों पर भी पड़ रहा हैं। जी हां, जब पैरेंट्स झगड़ा या बहस करते हैं, तो बच्चे में एंग्जायटी, डिप्रेशन, असहजता और यहां तक कि आगे चलकर अपने रिलेशनशिप में परेशानियां आने का खतरा रह सकता है। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों के सामने बहस करना नजरअंदाज करना चाहिए। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह मां-बाप की लड़ाई बच्चों के मन को प्रभावित करती हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...

parents fight,parents fight effect mind of children,parental tips,parents,relationship,child care tips,relationship tips in hindi

अपराध-बोध

अपने माता-पिता को हमेशा झगड़ते देखने वाले ज्यादातर बच्चों में आत्मविश्वास की कमी और अपराध-बोध देखा गया है। दरअसल बच्चा यह सोचने लगता है कि इन झगड़ों का कारण कहीं वह तो नहीं है? इससे उसके भीतर अपराध-बोध की भावनाएं पैदा होती हैं। उसके आत्मसम्मान को भी चोट पहुंचती है, जिससे खुद पर उसका भरोसा कम होने लगता है।

आती है इनसिक्योरिटी

बच्चे अपने परिवार से ही भरोसा करना सीखते हैं। जब पेरेंट्स के बीच झगड़ा रहता है तो इससे बच्चों के मन में भी टेंशन पैदा होती है। उसे डर लगता है कि उसकी मां या पापा घर कब लौटेंगे। पेरेंट्स के बीच अनबन रहने पर बच्चे को उनका प्यार, देखभाल और अटेंशन नहीं मिल पाती है।

दिमाग पर पड़ता है असर

पेरेंट्स का बस झगड़ते रहना और अपने बच्चे पर कोई ध्यान न देना, बच्चे के डिप्रेशन या किसी बिहेवरियल विकार की ओर धकेल सकता है। जब पेरेंट्स का प्यार और सपोर्ट बच्चे को नहीं मिल पाता है, तो इसका नेगेटिव असर पड़ता है। कई बार बच्चा खुद को अकेला और असहाय समझने लगता है क्योंकि उसके पास अपनी बात को शेयर करने के लिए कोई नहीं होता है।

parents fight,parents fight effect mind of children,parental tips,parents,relationship,child care tips,relationship tips in hindi

संवादहीनता के शिकार

बच्चों के लिए माता-पिता और परिवार के दूसरे लोगों से बातचीत करना जरूरी होता है। इससे उन्हें भावनात्मक मजबूती मिलती है और वे खुद को ताकतवर समझते हैं। उनमें एक तरह का भरोसा भी पैदा होता है। लेकिन जब घर में ज्यादा लड़ाई-झगड़े होने लगते हैं, तो बच्चे जल्दी मां-पिता या दूसरे फैमिली मेंबर्स से बात नहीं करते। वे संवादहीनता के शिकार हो जाते हैं। वे अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पाते। इससे आगे चल कर उनके व्यक्तित्व में असंतुलन पैदा हो सकता है।

गुस्सैल होना

लड़ाई-झगड़े वाले माहौल में बच्चे की परवरिश में वह हमेशा गुस्सैल हो जाता है। एेसे में उसका व्यवहार बदल जाता है, जिसके कारण उनकी जीवनशैली और अन्य बातों पर भी बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है।

रिलेशनशिप होते हैं खराब

जब पेरेंट्स बच्चे के लिए एक अप्रिय वातावरण बना देते हैं, तो बच्चे को यही लगने लगता है कि हर जगह रिश्ते ऐसे ही होते हैं। इसका असर आगे चलकर बच्चे के बाकी के रिश्तों पर भी पड़ता है। इसका बुरा असर पेरेंट्स के साथ बच्चे के रिलेशनशिप पर भी पड़ सकता है।

parents fight,parents fight effect mind of children,parental tips,parents,relationship,child care tips,relationship tips in hindi

आत्मविश्वास में कमी

जो बच्चे तनावपूर्ण पारिवारिक माहौल में रहते हैं, उनमें आत्मविश्वास में कमी हो जाती है। वे चिंतित और उदास रहने लगते हैं। मामूली बात पर भी वे डर जाते हैं। हर समय उनके मन में एक तरह की आशंका बनी रहती है। इससे उनके व्यक्तित्व का सही तरीके से विकास नहीं हो पाता है। उनमें हीन भावना भी आ जाती है।

पैरेंट्स क्या करें

- लड़ाई होना नॉर्मल बात है लेकिन आप कोशिश करें कि इससे बच्चे को कम से कम नुकसान हो।
- आप दोनों अकेले में बात करें और बच्चे को इस दौरान सामने न लाएं।
- आराम से बात करें ताकि बच्चे को समझ आए कि चिल्लाने से परेशानी का हल नहीं होता है।
- सामने वाले को भी बोलने का मौका दें।
- बार-बार गलती करने की बजाय हल ढूंढें।
- इस सबके बीच बच्चे को इग्नोर न करें।
- बच्चे को यह पता होना चाहिए हर लड़ाई परेशानी की वजह नहीं होती है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com