इस तरह कराएं बच्चों को किताबो से प्यार, मानसिक और व्यक्तित्व विकास में मिलेगी मदद
By: Ankur Tue, 20 Sept 2022 3:19:40
आजकल देखा जाता हैं कि बच्चों के हाथ में किताबों से ज्यादा समय मोबाइल रहता हैं। वे दिनभर मोबाइल में लगे रहते हैं और अपनी पढ़ाई भी मोबाइल में ही करने लगे हैं। जो गलत नहीं हैं लेकिन किताबों के प्रति लगाव होना भी जरूरी हैं। किताबें बच्चों का मानसिक और व्यक्तित्व विकास करने में सहायक होती हैं।
ज्यादातर बच्चों का किताबों के प्रति रुझान कम होता जा रहा है। अभिभावकों के सामने बच्चों को किताबों की दुनिया से जोड़ना एक चुनौती बनता जा रहा है। ऐसे में आज हम आपको इससे जुड़ी जरूरी बातें बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप बच्चों में किताबो के प्रति प्यार जगाने में कामयाब होंगे।
घर से करें शुरुआत
बच्चे के लिए पहली पाठशाला उसका घर होता है और पहले शिक्षक उसके माता-पिता। अगर आप किताबें पढ़ते हैं, तो इस बात का अनुसरण आपके बच्चे भी करेंगे। उनमें भी किताब पढ़ने की रूचि पैदा होगी। इसलिए अपने घर में पढ़ने-लिखने का माहौल बनाएं। अगर आप अपने बिस्तर पर मोबाइल फोन की जगह किताबें पढ़ते हैं, तो बच्चा भी धीरे-धीरे यही आदतें सीखता है। किताबों को लेकर उसकी दिलचस्पी भी पैदा होती है। हालांकि आप अपने बच्चों को उम्र के हिसाब से ही किताबें पढ़ने दें ताकि उसमें उनका मन लगे।
सोच समझकर खरीदें किताबें
बच्चों के लिए किताबें खरीदते समय कुछ बातों को ध्यान में जरूर रखें जैसे- किताब में तस्वीरें ज्यादा हों, उसके अक्षर बड़े और उभरे हों। साथ ही तस्वीरों के जरिए कहानी समझाई गई हो। दरअसल ऐसी किताबें पढ़ने में बच्चों को आसानी होगी और वे उन्हें बार-बार पढ़ना चाहेंगे।
बचपन से ही डालें आदत
बचपन कच्ची मिट्टी की तरह होता है, जैसा ढालेंगे वैसा ढल जाएगा। शुरुआत से ही बच्चों में किताबों के प्रति जिज्ञासा जगाएं। किताबों की दुनिया में ले जाने के पहले कदम के तौर पर एकदम छोटे बच्चों के लिए 'क्लॉथ बुक' से शुरुआत कर सकते हैं। उसके बाद 'टेक्सचर बुक', 'बोर्ड बुक्स', 'कलर बुक', 'गेम बुक' और 'वाटर प्रूफ बुक्स' आदि बच्चों को दे सकते हैं। फिर बच्चों की रुचि अनुसार समय-समय पर किताबें दें। किताबें खरीदते वक्त बच्चों को भी साथ ले जाएं तो बढि़या होगा।
घर में रखें अच्छी किताबों का संग्रह
घर में अच्छी किताबों का संग्रह रखें। विविधता का विशेष ध्यान रखें। इसमें ¨हदी और अंग्रेजी दोनों भाषाएं हों। बुक शेल्फ या किताबें रखने की जगह ऐसी हो जिसके लिए बच्चों को ज्यादा मशक्कत न करनी पड़े।
साहित्य की बातें बताएं
अपने बच्चे को किताबें पढ़ने के लिए जागरूक करने का सबसे सरल उपाय है कि आप उन्हें नई-नई कहानियां बताएं और गीता-रामायण की भी कुछ दिलचस्प कहानियां सुनाएं ताकि बच्चे बुक पढ़ने को लेकर उत्साहित हो। जैसे- जब आप अपने बच्चे को खरगोश और कछुए की कहानी सुनाते है, तो उनके सामने किताब खोलकर रखे ताकि वह चित्रों के माध्यम से किताब को पढ़ने की आदत बना सके। इसके अलावा उन्हें हमेशा कहानी सुनाने को भी कहें। इसकी मदद से बच्चे किसी भी चीज को ज्यादा समय तक याद करके रखते हैं।
उपहार में दें पुस्तकें
जन्मदिन या कुछ खास अवसरों पर बच्चों को अन्य उपहारों के साथ किताबें भी गिफ्ट करें। रिश्तेदारों को भी तोहफे में किताबों के लिए कहें। बच्चा 'हैरी पॉटर' या 'स्टार वार्स' जैसी फिल्में देखने का शौकीन है तो उसे इन्हीं पर केंद्रित किताबें भी लाकर दें। जिससे उनकी दिलचस्पी किताबों में बढ़ेगी।
कराएं पुस्तक मेला की सैर
शहर में समय-समय पर पुस्तक मेला लगते रहते हैं। कोशिश करें की बच्चों को वहां जरूर लेकर जाएं। बच्चों को वहां अपने पसंद की किताबें खरीदने को कहें। चारबाग स्थित रवींद्रालय में पुस्तक मेला के रूप में एक अच्छा विकल्प सामने है, खुद भी जाएं और बच्चों को भी ले जाएं।
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