इन 10 जगहों पर जाए बिना अधूरी हैं मध्यप्रदेश की यात्रा, जानें इनके बारे में
By: Ankur Wed, 10 Aug 2022 7:27:11
भारत एक विशाल देश हैं जहां घूमने के लिए कई जगहें हैं। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं मध्यप्रदेश की जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है और भारत के हृदय के रूप में जाना जाता है। एतिहासिक स्थलों से लेकर प्रकृति की खूबसूरती तक, इस राज्य में आपको हर तरह के नजारे देखने को मिल जाएंगे। यहां दुनियाभर से पर्यटक घूमने आते हैं जो भारतीय वास्तुकला और संस्कृति का शानदार नमूना देखकर चकित रह जाते हैं। अगर आप भी इस बार छुट्टियां मनाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो मध्यप्रदेश की यात्रा आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित होगा। घूमने के लिहाज से यहां कई बेहतरीन जगहें हैं। आज इस कड़ी में हम आपको मध्यप्रदेश की कुछ ऐसी ही खूबसूरत जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जाए बिना मध्यप्रदेश की यात्रा अधूरी हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को नवाबों और तालाबों का शहर भी कहा जाता है। यहां कई ऐतिहासिक महल कोठिआं हैं। इनमें मुख्य रूप से सदर मंजिल, हमीद मंजिल ताजमहर, चिकलौद कोठी आदि शामिल हैं। इसके अलावा यहां कई तालाब भी मौजीद हैं, जो इस शहर की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। इनमें दो मानव निर्मित खूबसूरत झीलें भी शामिल हैं। भोपाल संस्कृति, विरासत और आधुनिक जीवन के सही मिश्रण का एक बड़ा शहर है। ये शहर राजसी मस्जिदों के लिये भी विश्वभर में फेमस हैं। यहां एशिया की सबसे बड़ी ताज-उल-मसाजिद और एशिया की सबसे छोटी ढाई सीढ़ी की मस्जिद मौजूद है। भोपाल में घूमने के लिए वन विहार नेशनल पार्क, लेक और हनुमान टेकरी जैसी जगह है, पर्यटकों को अपनी ओर खासा आकर्षित करते हैं।
ओरछा
ओरछा, मध्य प्रदेश में बेतवा नदी के तट पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। इस शहर को प्रसिद्ध रूप से 'महलों के शहर' के रूप में जाना जाता है। ओरछा, अपने भव्य महलों और जटिल नक्काशीदार मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह बुंदेल शासकों के स्मरण के लिए बनाए गए भित्ति चित्रों, फ्रेस्कोस और छत्रिस (सेनोटाफ्स) के लिए विश्व प्रसिद्ध है। बुंदेला राजपूत प्रमुख द्वारा 1501 में स्थापित, ओरछा का शाब्दिक अर्थ है 'छिपी हुई जगह'। यह भारत में बुंदेलों पर शासन करने वाले सबसे शक्तिशाली राजवंशों में से एक था। ओरछा के महलों और मंदिरों की मध्ययुगीन वास्तुकला, यहाँ आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करती है।
कान्हा नेशनल पार्क
कान्हा नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।यह नेशनल पार्क ना सिर्फ़ देशी पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी बहुत तेजी से आकर्षित करता हैं। यह पार्क वन सम्पदा, वन्य जीवों के लिए जाना जाता है। यहां पर आप टाइगर्स, बेरसिंघा और सनसेट पॉइंट देख सकते हैं। साथ ही आप किसली के बफ़र ज़ोन में जीप सफारी का आनदं लें सकते हैं। आप महुआ का स्वाद चख सकते हैं।
ग्वालियर
ग्वालियर, मध्य प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह शहर हर लिहाज से कला, संस्कृति और इतिहास में समृद्ध है। यह शहर मध्य प्रदेश पर्यटन का एक प्रमुख हिस्सा है और वास्तुशिल्प चमत्कारों और ऐतिहासिक मील के पत्थर का एक आदर्श मिश्रण है। शहर का सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण ग्वालियर का किला भारत के सर्वश्रेष्ठ किलों में से एक है। यहां पर आप ग्वालियर किले को देखने के अलावा सासबहू मंदिर में जाएं, पाटनकर और सर्राफा बाज़ारों में खरीदारी करें और गुजरी महल पुरातत्व संग्रहालय में समय बिताएं।
पचमढ़ी
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। प्राकृतिक सुंदरता के कारण इस जगह को 'सतपुड़ा की रानी' के नाम से भी जाना जाता है। चारों तरफ हरे-भरे जंगल, पहाड़ों की ऊंचाई से गिरते झरने, यहां की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। यहां का सिल्वर फॉल तो देखने लायक है, जहां करीब 350 फुट की ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है और यह पानी देखने में बिल्कुल दूध के समान लगता है।
खजुराहो
मध्य प्रदेश में स्थित खजुराहो भारत के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है जो अपने कामुक नक्काशी से सजे आश्चर्यजनक मंदिरों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित एक छोटा शहर, खजुराहो मध्ययुगीन काल में भारतीय वास्तुकला और इसकी संस्कृति का शानदार उदाहरण है। इन हिंदू और जैन मंदिरों की वास्तुकला प्रेम के कामुक रूपों को दर्शाती है। चंदेला शासन के दौरान 10वीं से 12वीं शताब्दी के दौरान 200 वर्षों में मंदिर का निर्माण किया गया था।
भीमबेटका रॉक शेल्टर
अगर आप इतिहास में रूचि रखते हैं तो यह जगह आपके घूमने के लिए सबसे बेस्ट है। रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका रॉक शेल्टर एक पुरातात्विक स्थल है, जिसे मानव विकास का आरंभिक स्थान माना जाता है। यहां 500 से भी अधिक रॉक शेल्टर और गुफाएं हैं, जहां की चट्टानों पर हजारों वर्ष पूर्व बनी चित्रकारी आज भी मौजूद है। यहां की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12 हजार साल पुराना माना जाता है। यहां आकर आपको एक अलग ही दुनिया में आने का अहसास होगा।
इंदौर
मध्य प्रदेश के मालवा पठार पर बसा इंदौर, यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है और इसका एक समृद्ध अतीत है। इस शहर में 18वीं सदी का प्रसिद्ध मंदिर है जो भगवान इंद्रेश्वर को समर्पित है। इंदौर का नाम इंद्र देवता के नाम पर पड़ा है। इंदौर को मध्य प्रदेश का दिल भी कहा जाता है। इंदौर, भारत के सबसे स्वच्छ शहरून की सूची में सबसे ऊपर है। यह शहर अपनी नदियों, शांत झीलों और ऊंचे पठारों से एक लुभावना दृश्य पेश करता है। यह शहर दो नदियों, खान और सरस्वती नदी के संगम का बिंदु है।
उज्जैन
यह मध्यप्रदेश के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। पवित्र क्षिप्रा (शिप्रा) नदी के तट पर बसे उज्जैन को 'मंदिरों का शहर' भी कहा जाता है, क्योंकि यहां लगभग हर गली में मंदिर ही मंदिर दिखाई पड़ते हैं। इस पवित्र शहर की सबसे खास बात ये है कि यहां स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यही वो शहर है, जहां हर 12 साल में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें दुनियाभर से लाखों-करोड़ों लोग आते हैं। इस शहर की खूबसूरती का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि प्रसिद्ध कवि कालिदास ने कहा है कि पृथ्वी को स्वर्ग बनाने के लिए यह शहर स्वर्ग से उतर आया है।
सांची
सांची मध्य प्रदेश में बौद्ध धर्म के दर्शनीय स्थलों में से एक, भारत में सबसे पुराने पत्थर संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। सांची में स्थित बौद्ध स्मारक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत में मौजूद विशाल धरोहर का प्रतीक है। यहां स्थित महान स्तूप को तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य वंश के सम्राट अशोक द्वारा स्थापित किया गया था। सांची में स्थित स्तूपों को भगवान बुद्ध और कई महत्वपूर्ण बौद्ध अवशेषों के घरों के रूप में बनाया गया था। ये स्थान हरे भरे बागानों से घिरा हुआ है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को एक अलग प्रकार का आनंद और शांति महसूस कराता है।