इन 10 स्थानीय भोजन का स्वाद लिए बिना अधूरी हैं ओडिशा की यात्रा, जानें इनके बारे में
By: Ankur Thu, 09 Feb 2023 8:09:16
जगन्नाथ की भूमि ओडिशा अपने आध्यात्मिक महत्व और अद्भुत आकर्षणों के लिए प्रसिद्ध है। ओडिशा को 'भारत की आत्मा' के नाम से जाना जाता है जहां आपको सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक आदि परिदृश्य देखने को मिलते हैं। पर्यटन के लिहाज से ओडिशा एक परफेक्ट डेस्टिनेशन साबित होती हैं। ओडिशा जो भी पर्यटन के लिए जाता हैं वह यहां के खानपान का दिवाना हो जाता हैं। ओडिशा को अपने स्थानीय और पारंपरिक भोजन के लिए जाना जाता हैं। यहां के भोजन का अपना स्वाद और पौष्टिकता होती हैं। यहां शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजनों की एक श्रृंखला तैयार की जाती है जो स्वस्थ, स्वादिष्ट और खाने में आसान होती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन आहार की जानकारी देने जा रहे हैं जिनका स्वाद लिए बिना ओडिशा की यात्रा अधूरी मानी जाती हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
दालमा
ओडिशा की सबसे मशहूर और लोकप्रिय डिश दालमा आपको राज्य में लगभग हर जगह मिल जाएगी। ये डिश असल में एक तरह की करी है जिसको तूर दाल, चना दाल, कद्दू, आलू, बैगन और तरह तरह की अन्य सब्जियों को मिलाकर बनाया जाता है। इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है नारियल जो इस डिश में जान डाल देता है। दालमा को आप वैसे तो रोटी के साथ भी खा सकते हैं लेकिन यदि आप ओडिशा में चलने वाले तरीके से चलना चाहते हैं तो आपको इसको चावल के साथ खाना चाहिए। दालमा एक तरह से उडिया लोगों की भाषा में दाल का एक रूप है जिसको घर घर में पसंद किया जाता है। ओडिशा की ये डिश ना केवल बनाने में बेहद आसान है लेकिन पौष्टिक गुणों से भी भरपूर है।
खिसेडे
ओडिशा में व्यापक रूप से पकाया जाने वाला एक मुंह में पानी लाने वाला भोजन। यह आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे पुरी के जगन्नाथ मंदिर में चढ़ाए जाने वाले मुख्य भोग के रूप में पकाया जाता है। प्रतिदिन भगवान को भोग लगाया जाने वाला यह भोजन प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है। इसे शुद्ध घी, दाल, चावल, हल्के मसाले और कटी हुई सब्जियों से बनाया जाता है। यह एक उच्च पोषण और पौष्टिक भोजन है। पापड़ और ताज़ी दही के साथ इस व्यंजन का आनंद लिया जा सकता है।
छेना पोड़ा
छेना का मतलब पनीर होता है। यह ओडिशा के व्यंजनों की एक पनीर आधारित “स्वीट डिश” है। बनावट और दिखने में यह एक पके हुए स्पंज केक के समान दिखता है। लेकिन यह मिठाई अनोखी और काफी अलग है। इस फूड को पनीर केक भी कहा जाता है। सूजी, घी और अन्य सूखे मेवों से मिठाई बनाई जाती है। माना जाता है कि यह व्यंजन भगवान जगन्नाथ का प्रिय व्यंजन है। यह ओडिशा में सबसे अच्छे मीठे भोजन में से एक है।
चुंगडी मलाई
ओडिशा की स्थानीय भाषा में प्रॉन को चुंगडी कहा जाता है। तो इस हिसाब से चुंगडी मलाई प्रॉन से बनाई जाने वाली डिश का नाम है। चुंगडी मलाई में डलने वाली सभी चीजों में प्रॉन के सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है नारियल और क्रीम। इस करी को बनाने के लिए हल्के मसालों का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए यदि आपको तीखा और मसालेदार खाना नहीं पसंद है तब भी आप इस डिश को आराम से खा सकते हैं। पारंपरिक तरीके से बनाई जाने वाली चुंगडी मलाई करी का स्वाद बेहद लाजवाब होता है। खाने में ये डिश टेस्टी और मजेदार होती है। ओडिशा के बाकी व्यंजनों की तरह इस डिश को भी आप बासमती चावल के साथ खा सकते हैं।
मचा घांत
ओडिशा का खाना में यह एक मछली से तैयार की जाने वाली डिश है। ओडिशा में मछली के व्यंजन में बेहद लोकप्रिय हैं, यह अधिकतर लगभग हर घर का मुख्य भोजन है। इस आकर्षक ग्रेवी में तली हुई मछली होती हैं और गर्म उबले हुए चावल और सलाद के साथ परोसा जाती है। जिसकी ग्रेवी प्याज, आलू, लहसुन और नियमित मसालों का एक समृद्ध मिश्रण द्वारा तैयार की जाती है। चाहे आप कहीं भी हों, और ओडिशा में जब तक आप है इसे बार-बार खाने के लालसा अपको जरूर होगी।
कनिका
कनिका उड़ीसा का एक पारंपरिक भोजन है, जिसे स्थानीय लोग और आगंतुक समान रूप से पसंद करते हैं। इसका ज्यादातर पूजा, त्योहारों और अन्य विशेष अवसरों के दौरान आनंद लिया जाता है। स्वाद में मीठा, यह छप्पन भोग में से एक है, या भगवान जगन्नाथ को परोसे जाने वाले 56 व्यंजन हैं। यह पुलाव व्यंजन उच्च गुणवत्ता वाले बासमती चावल के साथ बनाया जाता है जिसमें काजू, चीनी, घी, किशमिश, इलायची और दालचीनी मिलाई जाती है। भारी भोजन के बाद इसे मिठाई के रूप में लिया जाता है।
पोड़ा पीठा
ओडिशा की एक और प्रसिद्ध मिठाई पोडा पिठा है। यह पारंपरिक भोजन एक तरह का पैनकेक है। इस स्वीट डिश को उड़द की दाल, गुड़ और नारियल और चावल के आटे से बनाई जाती है। दूध और सूखे मेवे आदि का भी उपयोग किया जाता है। यह मिठाई ज्यादातर ओडिशा के राजा “परबा त्योहार” के दौरान भगवान जगन्नाथ की सेवा के लिए तैयार किया जाता है। इसे गर्म और ठंडे दोनों रूपों में खाया जाता है।
संतुला
अगर आप अपने स्वास्थ्य का ख्याल करते हुए ओडिशा की कोई बढ़िया डिश खाना चाहते हैं तो आपको बिना ज्यादा सोचे संतुला के बारे में सोचना चाहिए। इस डिश की खासियत है कि इसमें कम मसालों के अलावा ढेर सारी हरी सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है। पारंपरिक तरीके से बनने वाले संतुला में उबली सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कच्चा पपीता, आलू, टमाटर और बैगन का इस्तेमाल किया जाता है। डिश का स्वाद निखारने के लिए कभी कभी इसमें दूध और कुछ देशी मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। ये डिश देखने में जितनी रंगीन होती है, खाने में भी ये उतनी ही स्वादिष्ट होती है। सबसे अच्छी बात है कि हैल्थ का ध्यान करने वाले लोग भी इसको आराम से खा सकते हैं।
पाखला भाटा
लगभग हर ओडिशा के घर में बनने वाला पाखला भाटा एक अनोखे तरीके से बनाया जाता है। स्वाद में लाजवाब यह डिश जीरा, खट्टी दही, धनिया पत्ती, पुदीने की पत्ती और पानी के मिश्रण में पकाए गए चावल से बनती है। इसे रात भर भिगोने के लिए छोड़ दिया जाता है और अगले दिन भुनी हुई सब्जियां, तली हुई मछली, पापड़, आलू और कच्चे प्याज के साथ इसका आनंद लिया जाता है। किण्वित चावल का पोषण मूल्य अधिक होता है और एक अद्वितीय स्वाद होता है। इस व्यंजन को इसके महत्व के लिए जाना जाता है, और इसलिए, 20 मार्च को राज्य में पाखला दिवस मनाया जाता है।
कदली मांजा
यह ओडिशा की व्यंजनों में से एक और शाकाहारी व्यंजन हैं। कदली मांजा राय ओडिशा का पारंपरिक भोजन है। मांजा का अर्थ है तना और राई सरसों को संदर्भित करता है। इस डिश को बनाने के लिए केले के तने और राई के पेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है।