दिल को सेहतमंद बनाए रखने के लिए प्रतिदिन करें ये 8 योगासन
By: Ankur Sat, 27 Aug 2022 3:05:17
बदलती लाइफस्टाइल और खान-पान में अनियमितता के कारण दिल से जुड़ी बीमारियों के रोगीयों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा हैं और हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा हैं। दिल ही हैं जो ऑक्सीजन और रक्त को पंप करके शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाता है। भागदौड़ भरी इस जिंदगी में सेहतमंद रहना किसी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन ऐसी स्थिति में भी आप योग प्राणायाम के माध्यम से स्वस्थ रह सकते हैं और अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं जो दिल को सेहतमंद बनाने का काम करेंगे। आइये जानते हैं इन योगासन के बारे में...
उष्ट्रासन
अपनी पीठ के बल लेटकर शुरुआत करें। अपनी हथेलियों को नीचे की ओर रखते हुए अपनी भुजाओं के पास रखें। जैसे ही आप सांस लेते हैं, अपनी हथेलियों को अपने नितंबों पर रखें और अपनी पीठ में एक आर्च बनाते हुए अपने नितंबों को आगे की ओर धकेलते रहें। अपने कोर में जुड़ाव महसूस करने के लिए अपने नितंबों को सिकोड़ें। दोनों हथेलियों को धीरे-धीरे अपनी एड़ियों पर रखें। इस मुद्रा में अपने शरीर को मजबूत रखते सांस लेते रहें। 1-2 मिनट के लिए इस स्थिति में रहें और फिर सांस छोड़ें।
अधोमुख श्वानासन
टेबल-टॉप पोस्चर से शुरुआत करें। अपनी उंगलियों को अलग-अलग फैलाते हुए अपनी हथेली को चटाई पर रखें। आपकी हथेली और कंधा आपके घुटने और कूल्हे के जोड़ के साथ एक सीधी रेखा में होना चाहिए। अपनी हथेली को चटाई पर मजबूती से रखें और अपने पैर की उंगलियों को अंदर करें। अपनी हथेली पर वजन बदलते समय, अपने कूल्हे को ऊपर उठाने के लिए हथेली को चटाई पर दबाते रहें। अपनी कोहनी और कंधों को सीधा करें और अपनी नाभि को देखने के लिए अपने सिर को थोड़ा झुकाएं। आपकी दोनों भुजाएं आपके कंधों के समानांतर होनी चाहिए और आपकी एड़ी चटाई को छू रही हो।
भुजंगासन
भुंजगासन सीने को स्ट्रेच करता है और दिल के स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद करता है। यह आपकी ब्रीदिंग में सुधार करता है जिससे शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है। इसका हर रोज अभ्यास करने से दिल को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। अपने पेट के बल फर्श पर लेट जाएं। अब पैर की उंगलियों को एक साथ पास रखें और अपने पैर की उंगलियों को पीछे की ओर फैलाएं। दोनों हाथों को इस तरह रखें कि हथेलियां आपके कंधों के नीचे जमीन को छू रही हों। गहरी सांस अंदर लेते हुए धीरे-धीरे अपने सिर, छाती और पेट को ऊपर उठाएं और नाभि को फर्श पर रखें। अपने हाथों के समर्थन का उपयोग करते हुए अपने धड़ को पीछे खींचें। सुनिश्चित करें कि आप दोनों हथेलियों पर समान मात्रा में दबाव डाल रही हैं। सांस लेते रहें। यदि संभव हो तो, अपनी पीठ को जितना संभव हो सके झुकाकर अपनी बाहों को सीधा करें; अपने सिर को पीछे झुकाएं और ऊपर देखें। इस प्रक्रिया को दोहराते रहे।
ताड़ासन
ताड़ासन सभी आसनों का मूल आसन है। ये आसन सीने की मांसपेशियों में खिंचाव लाकर हार्ट पेशेंट की रक्त संचार प्रणाली को बेहतर बनाता है। ये आसन दिल की बीमारियों को होने से भी रोक सकता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं, और दोनों टांगों के बीच हल्की दूरी बना लें। जबकि दोनों हाथ भी शरीर से थोड़ी दूर बने रहें। जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करें। कंधे ढीले छोड़ दें। पीठ सीधी रहे। पैरों के पंजों के बल खड़े होने की कोशिश करें। पेट के निचले हिस्से पर बिल्कुल भी दबाव न दें। सामने की ओर देखें। धीरे से अपनी जांघों पर अंदर की तरफ दबाव बनाएं। कमर पर खिंचाव देते हुए ऊपर उठने की कोशिश करें। सांस भीतर लें और कंधे, भुजाओं और सीने को ऊपर की तरफ खिंचाव दें। शरीर का दबाव पैरों के पंजों पर ही रहेगा। सिर से लेकर पैर तक शरीर में खिंचाव महसूस कीजिए। कुछ सेकेंड तक इसी स्थिति में रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं।
त्रिकोणासन
यह आसन शरीर के कई हिस्सों को शामिल करके उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है। पैर, बाजू, कंधे, रीढ़, गर्दन और कमर आदि सभी अंगों को स्ट्रेच करने में मदद करता है। इस आसन के कार्डियोवस्कुलर फायदे भी हैं। यह ब्रीदिंग को बेहतर करने और सीने को खोलने में मदद करता है। इस आसन के अभ्यास के लिए सीधे जमीन पर खड़े हो जाएं। अब अपने पैरों को एक-दूसरे से तीन फीट की दूरी पर रखें। ध्यान रखें कि आपका दायां पैर आपके सामने 90 डिग्री पर हो और बायां पैर पीछे 15 डिग्री के कोण पर हो। इस दौरान शरीर का भार दोनों पैरों पर बराबर रखें। गहरी सांस लेते रहें। अब अपने दाएं हाथ को दाएं पैर के अंगूठे पर रखें और बाएं हाथ को आसमान की ओर सीधा उठाएं। ध्यान रखें कि बाया हाथ सिर के बिल्कुल ऊपर होना चाहिए। सिर को भी आसमान की ओर उठाएं और आंखों को खोलकर ऊपर की ओर देखें। इस दौरान आपके दोनों हाथ एक सीधी रेखा में होने चाहिए। जितनी देर हो सके, इसी अवस्था में रहें और गहरी सांस लेते रहे और छोड़ते रहें। अब इस आसन को दूसरे पैर की ओर दोहराएं।
पश्चिमोत्तासन
इस आसन को करने के लिए आपको जमीन पर बैठ जाना है और अपने सामने दोनों पैरों को सीधे फैलाना है। अब सिर को आगे की तरफ मोड़ते हुए घुटनों से मिलाना और हाथों को पैरों के तलवे से मिलाना है। पश्चिमोत्तानासन हार्ट रेट को कम करता है और पूरे सिस्टम को रिलैक्स करने में मदद करता है। जमीन पर दोनों पैरों को एकदम सीधे फैलाकर बैठ जाएं। दोनों पैरों के बीच में दूरी न हो और जितना संभव हो पैरों को सीधे रखें। इसके साथ ही गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें। इसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों पर रखें। अब अपने सिर और धड़ को धीरे से आगे की ओर झुकाएं और अपने घुटनों को बिना मोड़े हाथों की उंगलियों से पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें। इसके बाद गहरी श्वास लें और धीरे से श्वास को छोड़ें। अपने सिर और माथे को दोनों घुटनों से छूने की कोशिश करें। बांहों को झुकाएं और कोहनी से जमीन को छूने की कोशिश करें। श्वास को पूरी तरह छोड़ दें और इसी मुद्रा में कुछ देर तक बने रहें। कुछ सेकेंड के बाद वापस पहली वाली मुद्रा में आ जाएं। अब सामान्यरूप से श्वास लें और इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।
अर्ध मत्स्येंद्र आसन
यह योगासन स्पाइन को ट्विस्ट करने में मदद करता है। इसमें दोनों साइड परफॉर्म किया जाता है, इसलिए शरीर फेफड़ों को बेहतर तरीके से स्ट्रेच कर के उन्हें खोलता है। यह आसन दिल को बेहतर तरीके से काम करने में भी मदद करता है। जमीन पर बैठ जाएं और अपने पैरों को अपने सामने सीधा फैलाकर बैठें। इस दौरान अपनी कमर और रीढ़ को सीधी रखें। बाएं पैर को मोड़ें और बाएं पैर की एड़ी दाएं कूल्हे के बगल में रखें। दाएं पैर को बाएं घुटने के ऊपर ले जाएं। बाएं हाथ को दाहिने घुटने पर और दाएं हाथ को अपने पीछे रखें। इस दौरान कमर, कंधों और गर्दन को दाईं ओर मोड़ें और अपनी नजर दाएं कंधे पर रखें। रीढ़ को सीधा रखें। इस पोजीशन में रहें और गहरी और लंबी सांस लेते रहें। सांस बाहर छोड़ें, पहले दाहिने हाथ को रिलीज करें, फिर कमर को रिलीज करें, फिर छाती को, और आखिर में गर्दन को रिलीज करें। रिलैक्स करें और सीधे बैठें। इसी आसन को दूसरी तरफ दोहराएं। सांस बाहर छोड़ें, सामने की ओर देखें और रिलैक्स करें।
सेतुबंधासन
यह आसन सीने, गर्दन और रीढ़ को स्ट्रेच करता है। दिमाग को शांत करके तनाव, चिंता और डिप्रेशन से राहत दिलाने में यह मदद करता है। यह आसन एब्डोमिनल ऑर्गन, फेफड़ों और थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है। इसके अभ्यास से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद मिल सकती है। इसके लिए पीठ के बल लेटकर शुरुआत करें। अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को चटाई पर रखें। जैसे ही आप सांस लेते हैं, अपने टखनों को पकड़ने की कोशिश करें। अब अपनी छाती को ऊपर उठाएं और अपनी छाती को अपनी ठुड्डी तक खींचे। अपने नितंबों को सिकोड़ें और अपने पैरों को समानांतर स्थिति में रखें। जैसे ही आप इस मुद्रा में आएं, धीमी, गहरी सांसें लें। अपने पैर की उंगलियों को अपने घुटनों से दूर न करें। 1-2 मिनट के लिए इस स्थिति में रहें और फिर सांस छोड़ें।