एसिडिटी की समस्या से हैं परेशान तो तुरंत अपनाए ये घरेलू नुस्खे, मिनटों में मिलेगा फायदा
By: Priyanka Maheshwari Sun, 07 July 2024 9:32:00
बदलते खान-पान और जीवनशैली के कारण इन दिनों अमूमन लोगों को पेट से सम्बंधित कई समस्याएं होने लगी हैं। इनमें से एक है एसिडिटी। एसिडिटी होने पर पेट के ऊपरी भाग में जलन व दर्द होना, भूख ना लगना, खट्टी डकार आना और पेट में गैस बनने जैसी परेशानियां होती हैं। एसिडिटी यदि बार-बार होती है तो यह गैस्ट्रो इसोफेगल डिजीज में भी बदल सकती है।
एसिडिटी होने के कारण
- अत्यधिक मिर्च-मसालेदार और तैलीय भोजन करना।
- पहले खाए हुए भोजन के बिना पचे ही पुन भोजन करना।
- अधिक अम्ल पदार्थों के सेवन करने पर।
- पर्याप्त नींद न लेने से भी हाइपर एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
- बहुत देर तक भूखे रहने से भी एसिडिटी की समस्या होती है।
- लम्बे समय से पेनकिलर जैसी दवाइओं का सेवन करने से।
- गर्भवती महिलाओं में भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो जाती है।
- नमक का अत्यधिक सेवन करने से।
- शराब और कैफीन युक्त पदार्थ का अधिक सेवन।
- अधिक भोजन करना और भोजन करते ही सो जाना।
- धूम्रपान करना।
- अत्यधिक तनाव लेने के कारण भी भोजन ठीक प्रकार से हजम नहीं होता और एसिडिटी की समस्या उत्पन्न होती है।
- आजकल किसान फसल उगाने में कई प्रकार के कीटनाशक और उर्वरक का इस्तेमाल करते है, जिससे यह जहरीले रासायनिक खाद्य पदार्थ खाद्य सामग्रियों के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर पेट से संबंधित रोग उत्पन्न करते है।
आम तौर पर एसिडिटी से राहत पाने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खों पर ही ऐतबार करते हैं। चलिये ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो एसिडिटी दूर करने में हमारी मदद कर सकते हैं...
इलायची
इलायची खाने की आदत आपको एसिडिटी से बचाए रखने में मदद करती है। जब भी आपको एसिडिटी या पेट में जलन की समस्या हो तो एक से दो इलायची को मुंह में रखकर चूसते रहें।
तुलसी
तुलसीन केवल एसिडिटी में लाभदायक है बल्कि मानसिक और अन्य शारीरिक रोगों में भी बेहद प्रभावी औषधी है। खाने के बाद तुलसी के कुछ पत्तों को चबाएं या फिर गर्म पानी में डालकर इसका सेवन करें।
पुदीना
पुदीना हमेशा से ही पेट व पाचन की समस्याओं के लिए फायदेमंद रहा है। मसालेदार भोजन से पेट में होने वाली जलन, पुदीने के पत्तों को चबाने से शांत होगी या फिर पानी में नींबू और पिसी हुई पुदीना पत्ती को काले नमक के साथ मिलाकर पिएं।
दूध
एसिडिटी के लिए पुराना रामबाण उपाय है ठंडा दूध पीना। पेट या सीने में जलन होने पर दूध और पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर पिएं या फिर ठंडे दूध का सेवन करें।
जीरा
जीरा अपने रसोई में रखा वो मसाला है जो हर सब्जी, दाल के तड़के के लिए काम में लिया जाता है। जीरा सिर्फ तड़के के लिए ही नहीं बल्कि और भी तरीके से फायदेमंद है। जीरा पेट दर्द, कब्ज और एसिडिटी के इलाज में काफी कारगर है। जीरे को भूनकर काले नमक के साथ खाने से जल्दी आराम मिलता है।
अजवायन
अजवाइन को गैस और पेट दर्द में काफी फायदेमंद माना जाता है। एसिडिटी हो जाने पर अजवायन का उपाय बहुत कारगर होता है। दो चम्मच अजवायन को एक कप पानी में अच्छी तरह उबाल लें। जब ये पानी आधा हो जाए तो गैस बंद कर दें। ठंडा होने पर छानकर पी लें। अगर आपको स्वाद अच्छा न लगे तो आप इसमें चुटकीभर नमक भी मिला सकते हैं।
अदरक
अदरक सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। अदरक में पाए जाने वाले तत्व पेट गैस और एसिडिटी की समस्या से राहत दिला सकते हैं। एसिडिटी होने पर अदरक के टुकड़े को देसी घी में पकाकर खाना चाहिए इससे फौरन राहत मिलेगी।
आंवला
अगर आपको अक्सर एसिडिटी की शिकायत रहती है तो आंवला खाना आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। आप चाहें तो घर पर भी आंवला कैंडी बना सकते हैं। वैसे ये बाजार में भी आसानी से मिल जाती है।
काली मिर्च
गैस और बदहजमी की समस्या को काली मिर्च भी दूर करती है। काली मिर्च का सेवन करने से हाजमा भी सही रहता है और बदहजमी की समस्या नहीं होती। पेट में गैस होने पर आप दूध में काली मिर्च पाउडर मिलाकर पी सकते हैं।
हल्दी
हल्दी स्वास्थ्य के लिए हर रूप में फायदेमंद है। हल्दी में कई ऐसे पोषक तत्व है जो शरीर को कई लाभ प्रदान करते हैं। दही में हल्दी मिलाकर खाने से पेट दर्द, कब्ज, ऐंठन और एसिडिटी से राहत मिल सकती है।
सौंफ
खाने के बाद सौंफ का सेवन, पाचन में मददगार होता है। पेट में जलन, एसिडिटी होने पर भी सौंफ उतना ही फायदेमंद है। सौंफ ठंडी प्रकृति की होती है और यह पेट में ठंडक पैदा कर एसिडिटी में राहत देती है।
हींग
एसिडिटी की समस्या में हींग भी बेहद फायदेमंद होती है। आप एक गिलास गर्म पानी में हींग मिलाकर पिएं। इससे आपकी गैस की समस्या दूर हो जाएगी। ज्यादा गैस की समस्या हो तो दिन में करीब दो से तीन बार हींग का पानी पीने से आराम मिलेगा।
जरुरी बात: खान-पान के अलावा सही दिनचर्या का पालन करना भी ज़रूरी है। जल्दी सोएं और जल्दी उठें। देर रात तक जागने और फिर सुबह देर तक सोने से पित्त बढ़ता है जिससे एसिडिटी की समस्या बढ़ती है। साथ ही भोजन के बीच लंबा अंतराल नहीं होना चाहिए। तली-भूनी चीज़ें, बेकरी प्रोडक्ट्स, अचार से भी बचें। इसके अलावा खाना जल्दी-जल्दी नहीं बल्कि आराम से चबा-चबाकर खाएं। छोटे निवाले लें। खाने के बीच में पानी नहीं पिएं। खाली पेट फल न लें। बाहर का भोजन या फास्ट फूड से बचें। तनाव भी एसिडिटी का कारण बन सकता है। खाने में चावल, बैंगन, आलू, काला चना, चने का आटा, अधिक खट्टी चीज़ें, दही, कॉफी और दूध की चाय आदि एसिडिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। भरपूर नींद लें और सुबह सैर पर जाएं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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