इन कारणों की वजह से युवा महिलाएं होती जा रही हैं हार्ट अटैक की शिकार, जानें और संभले
By: Priyanka Maheshwari Tue, 28 Nov 2023 10:25:11
हार्ट अटैक आज के समय की सबसे जानलेवा बीमारियों में से एक है। पहले के समय में बुजुर्गों में से ही मरीज दिल की बीमारी का मिलता था, लेकिन आजकल यह रोग युवाओं में भी देखने को मिल जाता हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले कम ही देखने को मिलते हैं। लेकिन पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की जान जाने का खतरा 20% अधिक देखा गया है। अगर औरतें हार्ट अटैक से बचना चाहती हैं तो उसके लिए उन्हें अपने हार्ट का खास ध्यान रखने की जरूरत है। आज इस कड़ी में हम आपको महिलाओं की उन आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से वे हार्ट अटैक की चपेट में आती जा रही हैं। आइये जानते हैं इन कारणों के बारे में...
मोटापा
युवा महिलाओं में हार्ट अटैक का एक मुख्य कारण माेटापा है। माेटापे से ग्रसित लाेगाें में हृदय राेगाें का जाेखिम अधिक देखने काे मिलता है। दरअसल, युवा महिलाओं में माेटापा शरीर के विभिन्न हिस्साें में पाेषक तत्वाें और ऑक्सीजन की जरूरत काे बढ़ाता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हाेती है। हाई ब्लड प्रेशर युवा महिलाओं में दिल के दौरे या हार्ट अटैक के प्रमुख कारणाें में से एक है। माेटापा कई बीमारियाें का कारण भी बनता है।
नींद पूरी न होना
महिलाएं अक्सर घर की और काम की जिम्मेदारी के चलते वक्त से पहले उठ जाती हैं। वहीं रात को देर से सोती हैं। इसकी वजह से उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। नींद न पूरी होने की वजह से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। वहीं कम नींद मिलने के कारण तनाव भी पैदा हो जाता है। इसका असर भी हृदय पर पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को अपनी नींद का पूरा ध्यान रखना चाहिए और एक दिन में कम से कम 7 से 8 घंटे सोना चाहिए।
मधुमेह
मधुमेह यानी डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिसीज है। लेकिन यह किडनी और हृदय राेगाें का एक अहम कारण हाे सकता है। डॉक्टर सलिल शिडाेडकर बताते हैं कि पिछले कुछ सालाें में मधुमेह से पीड़ित युवा महिलाओं की संख्या में काफी इजाफा देखने काे मिला है। मधुमेह के कारण होने वाली चयापचय संबंधी विसंगतियां युवा महिलाओं में धमनी पट्टिका निर्माण और स्ट्रोक या दिल के दौरे के जाेखिम काे बढ़ाता है।
एक्सरसाइज न करना
महिलाओं के ऊपर ऑफिस के काम से लेकर घर के काम तक की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में ज्यादातर महिलाएं एक्सरसाइज के रूटीन को बनाकर नहीं रख पाती। यह एक गलत आदत है। विशेषज्ञों की मानें तो पुरुष हो या महिलाएं दोनों को ही सप्ताह में कम से कम 5 दिन एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।
तनाव
स्ट्रेस यानी तनाव कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। यह हृदय
राेग और हार्ट अटैक का भी एक प्रमुख कारण है। डॉक्टर सलिल शिडाेडकर कहते
हैं कि युवा महिलाएं स्वतंत्र और अपने करियर काे लेकर फाेक्सड रहती हैं। इस
बीच वे तनाव का भी सामना करती हैं। स्ट्रेस, तनाव या टेंशन काेराेनरी
धमनियाें में एथेरोस्क्लेरोसिस या प्लाक गठन को उत्तेजित करता है, जिससे
रक्त का प्रवाह प्रतिबंधित हाे जाता है। जिससे युवा महिलाओं में दिल का
दौरा, स्ट्राेक जैसी बीमारियाें की संभावना बढ़ती हैं। हार्ट अटैक हाेने पर
कई लक्षण भी नजर आते हैं।
गर्भनिराेधक गाेलियाें का सेवन
युवा महिलाओं में हार्ट अटैक आने का एक अहम कारण गर्भनिराेधक गाेलियाें का अधिक सेवन करना भी हाे सकता है। गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक सेवन से हार्मोनल प्रभाव पड़ता है। हार्मोन के स्तर में परिवर्तन रक्तचाप को बदल सकता है और युवा महिलाओं के दिल पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। गर्भनिराेधक गाेलियां युवा महिलाओं में थक्का निर्माण का कारण भी बन सकता है, जिससे हार्ट अटैक का जाेखिम बढ़ता
खराब जीवनशैली
आजकल के युवा एक खराब जीवनशैली के साथ जी रहे हैं। यानी व्यायाम न करना, स्क्रीन पर निर्भरता (फाेन, लैपटॉप या कंप्यूटर), अच्छी डाइट न लेना। इस तरह की दिनचर्या या जीवनशैली से हृदय की मांसपेशियों कमजाेर हाेने लगती हैं। जिसके कारण हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। खराब जीवनशैली हृदय के अलावा कई अन्य बीमारियाें काे भी आमंत्रित करता है।
अनहेल्दी डाइट
हृदय काे स्वस्थ रखने के लिए अच्छी डाइट और पूरी नींद लेना बहुत जरूरी हाेता है। लेकिन आजकल के युवा अपनी डाइट पर खास ध्यान नहीं देते हैं, साथ ही पर्याप्त नींद भी नहीं लेते हैं। प्रसंस्कृत चीनी, ट्रांस-वसा, सोडा और कोलेस्ट्रॉल का सेवन धमनियों या एथेरोस्क्लेरोसिस में पट्टिका निर्माण के लिए जिम्मेदार साबित होता है। अनहेल्दी डाइट नींद काे भी प्रभावित करता है। यह आगे चलकर युवा महिलाओं में उच्च रक्तचाप और हृदय की समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए अच्छी डाइट लें और 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।
स्मोकिंग करना
पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत में महिलाएं धूम्रपान कम ही करती हैं। लेकिन अगर शहरी इलाकों की बात करें तो यहां महिलाओं का धूम्रपान करना बहुत आम है। वहीं हृदय रोग की समस्या धूम्रपान से जुड़ी हुई है। जानकारों की मानें तो धूम्रपान की वजह से न केवल दिल का दौरा पड़ने का खतरा बना रहता है। बल्कि यह पल्मोनरी डिजीज की भी वजह बन सकता है। ऐसे में इन समस्याओं से बचने के लिए धूम्रपान को पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।
लक्षण नजरअंदाज करना
पुरुषों की तरह ही महिलाओं में भी हार्ट अटैक के कुछ लक्षण देखने को मिलते हैं। लेकिन वह पुरुषों के लक्षणों से भिन्न होते हैं। आमतौर पर जी मिचलाना, उल्टी, सांस फूलना और पसीना आना हार्ट अटैक के लक्षणों में गिने जाते हैं। वहीं सबसे आम लक्षण चेस्ट में पेन का होता है, जो महिलाओं में देखने को नहीं मिलता। इसकी वजह से ही ज्यादातर महिलाएं बाकी लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं। परिणामस्वरूप हृदय को भारी नुकसान होता है।
हेल्थ चेकअप के लिए न जाना
आपने खुद के घरों में भी देखा होगा कि महिलाएं अक्सर हेल्थ चेकअप को स्किप करती रहती हैं। महिलाओं की यह आदत उन्हें कई रोगों की स्थिति में डाल सकती है जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन, आदि। ध्यान रहे किसी भी बीमारी को रोकने का या उससे बचने का तरीका केवल एक है, कि आप समय - समय पर जांच कराते रहें। इसी के जरिए आप बीमारियों की चपेट में आने से बच सकते हैं और बीमारियों से जल्दी ठीक भी हो सकते हैं।