क्या आपके कंधे में भी रहता हैं दर्द, दिनचर्या में शामिल करें ये 7 योगासन
By: Ankur Fri, 28 Jan 2022 7:33:12
इस बढ़ती तकनिकी के जमाने में लोग अपना काम एक सीट पर घंटों बैठे लैपटॉप या कंप्यूटर पर करते नजर आ रहे हैं। इसकी वजह से लोग शारीरिक श्रम नहीं कर पा रहे हैं और लंबे समय तक बैठे रहने की वजह से कई लोगों को कंधे में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं। कई बार यह कंधे का दर्द इतना पीड़ादायी होता हैं कि बैठना भी मुश्किल हो जाता हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे योगासन लेकर आए हैं जिन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर कंधे के दर्द को दूर किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन योगासन के बारे में...
शवासन
- पीठ के बल लेट जाएं।
- इस दौरान हाथ शरीर से जरा-सा दूर रहेंगे और हथेलियां ऊपर छत की ओर रहेगी।
- दोनों पैरो में करीब दो फुट का फासला कर लें और शरीर को एकदम ढीला रखें।
- आंखें बंद रखिए ताकि आप रिलैक्स महसूस करें।
- ध्यान रहे इस दौरान सोना नहीं है। बस संपूर्ण शरीर और दिमाग को आराम देना है।
- कोशिश करें कि आपकी श्वास एकदम शांत और धीमी हो जाए। जितनी श्वास शांत और धीमी हो जाएगी, उतना आप रिलैक्स महसूस करेंगे।
- शवासन में 5 से 10 मिनट तक रहें।
- शवासन से बहार निकलने के लिए सांस पर ध्यान केंद्रित करें। धीमे से पैरों और हाथों की उंगलियों को हिलाना शुरू करें, फिर कलाइयों को घुमाएं।
- अब हाथ ऊपर उठाकर पूरे शरीर को स्ट्रेच करें और धीरे से उठ कर बैठ जाएं।
ताड़ासन
- सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ लेकर जाएं।
- अपने दोनों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे के साथ मिलाएं और अपनी हथेलियों को आसमान की तरफ रखें।
- अपनी बॉडी को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करने की कोशिश करें। इस दौरान आपका सिर भी ऊपर की तरफ होना चाहिए और आपकी नजरें हाथों पर होनी चाहिए।
- इस स्थिति में कम से कम 20 से 30 सेकंड तक रहें और उसके बाद अपने हाथों को नीचे की लेकर जाएं।
- अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ मिलाएं और अपने पूरे शरीर को आगे की तरफ झुकाएं।
- जैसे-जैसे आपका शरीर आगे की तरफ जाएगा वैसे-वैसे आपके दोनों हाथ ऊपर की तरफ उठते चले जाएंगे।
- अब अपने सर को पैरों से छुबाने की कोशिश करें और अपने हाथों को आगे की तरफ लेकर जाएं। इस दौरान अपने हाथों पर ज्यादा जोर ना दें।
- अब फिर से पुरानी स्थिति में आएं और अपने हाथों और शरीर को हल्का छोड़ दें।
भुजंगासन
- अपने पेट के बल लेट जाएं
- हथेलियां छाती के समीप रखें, अपनी छाती को धीमे -धीमे उठाएं, इस मुद्रा में कोहनी हल्की-सी मुड़ी रहती है यानी हाथ पूरी तरह से सीधे नहीं रहते हैं।
- इस दौरान ध्यान रहे कि सिर से लेकर पेट के निचले हिस्से को हवा में उठाना है जबकि कमर से नीचे का हिस्सा जमीन पर ही रहना चाहिए।
- पैरों के पंजे जमीन को छूते रहने चाहिए। पीठ जितनी आराम से मुड़ सके, सिर्फ उतनी ही मोड़ें।
- चेहरा ऊपर छत की ओर नहीं बल्कि सामने की ओर रहना चाहिए।
- इस दौरान कुल मिलाकर पांच बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप इस आसन को 30 से 60 सेकेंड तक के लिए कर सकें।
- धीरे-धीरे जैसे आपके शरीर में लचीलापन बढ़ने लगेगा, आप समय बढ़ा सकते हैं लेकिन 90 सेकेंड से ज्यादा इस आसन को ना करें।
- इस प्रक्रिया को कुल चार बार करें।
उत्तानासन
- सीधे खड़े हो जाएं।
- सांस छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से झुकना शुरू करें। याद रहे कि पैर एकदम सीधे रहने चाहिए।
- यदि आपके शरीर में इतना लचीलापन है कि आप इस मुद्रा में अपनी हथेली को जमीन पर टिका सकते हैं तो बेहतर रहेगा, अन्यथा आपसे जितना झुकते बन रहा हो सिर्फ उतना ही झुकें क्योंकि जबरदस्ती हथेली को जमीन पर टिकाने से आपकी हॅम्स्ट्रिंग में चोट लग सकती है।
- आसन में रहते हुए सांस बिल्कुल ना रोकें। सांस अंदर लेते हुए धड़ को उठाएं, लेकिन अपने कूल्हे के जोड़ों से ही वापिस सीधा खड़े होने की कोशिश करें।
- पूरी प्रक्रिया में पैरों को सीधा रखें।
- कुल मिलाकर पांच बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। शरीर में जैसे-जैसे लचीलापन आने लगेगा, आप हथेली को जमीन तक आसानी से ले जा पाने में सक्षम हो जाएंगे।
- इस प्रक्रिया को चार बार दोहराएं।
ऊर्ध्व मुख पाशासन
- सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाएं और उस पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। आपके घुटनों के बीच में थोड़ा-सा गैप होना चाहिए।
- अब अपने दोनों हाथों को आगे की तरफ रखें और गोमुखासन में आएं।
- अपने सर को जमीन पर छुबाएं और अपने सीधे हाथ को उल्टे हाथ की तरफ अंदर से लेकर जाएं।
- अब जमीन के समतल ले जाकर हाथ को जमीन पर रखें और अपने सिर को बाई तरफ मोड़ कर अपनी आंखों को सीधे हाथ की सीध में रखें।
- थोड़ी देर इस पोश्चर में रहें। उसके बाद फिर से गोमुखासन में आकर यही प्रक्रिया बाएं हाथ से करें।
- आप अपनी सहुलियत के हिसाब से 5 से 10 बार इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं।
सुखासन
- सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाएं और उस पर दोनों पैरों को क्रॉस करके बैठ जाएं।
- अब अपने हाथों को जांघों पर रखें और पूरे शरीर को हल्का छोड़ दें।
- अब अपनी गर्दन को आगे की तरफ झुकाएं और अपनी ठोड़ी को छाती से टच करवाएं।
- अब अपनी गर्दन को दाएं तरफ झुकाएं और अपने दाएं कान को दाएं कंधे पर टच करने की कोशिश करें। इस दौरान आपका कंधा ऊपर की तरफ नहीं उठना चाहिए।
- अब अपनी पुरानी स्थिति में आ जाएं और इसी प्रक्रिया को बाएं तरफ से करें।
- अपने बाएं कान को बाएं कंधे पर टच करने की कोशिश करें।
- उसके बाद अपनी गर्दन को पीछे की तरफ लेकर आएं और अपनी नजरों को आसमान की तरफ रखें। फिर से पुरानी स्थिति में आ जाएं।
- इस आसन के दौरान गर्दन और कंधे पर ज्यादा जोर ना डालें।
अपानासन
- पीठ के बल लेट जाएं।
- अब दोनों घुटने को छाती के पास लाने की कोशिश करें (जितना संभव हो सके)।
- हाथो से दोनों घुटनों को पकड़ें, ताकि पैर हिलने ना पाए।
- घुटने मोड़ते वक्त कंधे या सिर को न उठाएं।
- सांस निकालते हुए अपने पैरों और बाहों को छोड़ें ताकि प्रारंभिक स्थिति में वापिस लौट सकें।
- एक मिनट के लिए कम से कम आराम करें।
- इस प्रक्रिया को आठ बार दोहराएं।