नेल एक्सटेंशन, जिसे आमतौर पर आर्टिफिशियल नाखून भी कहा जाता है, आजकल महिलाओं के बीच काफी पॉपुलर हो गया है। यह एक आसान और आकर्षक तरीका है नाखूनों को लंबा और सुंदर बनाने के लिए। कई तरह के नेल एक्सटेंशन उपलब्ध हैं, जैसे ऐक्रेलिक, जेल और डिप पाउडर, जो हर किसी की पसंद और जरूरत के हिसाब से चुने जा सकते हैं।
हालांकि, इसके साथ कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है। अधिक समय तक नेल एक्सटेंशन लगाने से प्राकृतिक नाखून कमजोर और पतले हो सकते हैं। साथ ही, यदि इन्हें सही तरीके से मेंटेन न किया जाए, तो फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ सकता है।
इसके अलावा, इन एक्सटेंशनों को हटाने के लिए उपयोग किए जाने वाले केमिकल्स नाखूनों और त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, नेल एक्सटेंशन का उपयोग करने से पहले उसकी देखभाल और सही तकनीक की जानकारी लेना बेहद जरूरी है। यदि आप अपने नाखूनों की सेहत को बनाए रखना चाहते हैं, तो समय-समय पर नेल एक्सटेंशन से ब्रेक लेना और नाखूनों को पोषण देने वाले तेल या क्रीम का इस्तेमाल करना भी फायदेमंद हो सकता है।
नाखूनों का कमजोर होना
नेल एक्सटेंशन के दौरान आपके असली नाखूनों पर दबाव पड़ता है, जिससे वे कमजोर हो सकते हैं। एक्सटेंशन के लिए इस्तेमाल होने वाले ग्लू और केमिकल्स प्राकृतिक नाखूनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे वे टूटने लगते हैं और उनकी ग्रोथ में रुकावट आ सकती है। लंबे समय तक एक्सटेंशन लगाए रखने से नाखूनों की स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है, जिससे वे समय के साथ और भी कमजोर हो सकते हैं।
उपाय:
नेल एक्सटेंशन को समय-समय पर हटाना और नाखूनों को आराम देना जरूरी है। इसके अलावा, नाखूनों को हेल्दी बनाए रखने के लिए नियमित रूप से नाखूनों पर नेल ऑयल या विटामिन-ई ऑयल लगाने की सलाह दी जाती है।
इंफेक्शन का खतरा
यदि नेल एक्सटेंशन लगाने के दौरान साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए या गलत तरीके से एक्सटेंशन किया जाए, तो संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। नाखूनों में कीटाणु प्रवेश कर सकते हैं, जिससे सूजन, दर्द और रेडनेस हो सकती है। इसके अलावा, एक्सटेंशन के ग्लू और अन्य केमिकल्स से त्वचा पर एलर्जी भी हो सकती है।
उपाय:
नेल एक्सटेंशन करने से पहले और बाद में अपने नाखूनों की सफाई और देखभाल पर ध्यान दें। एक प्रमाणित और प्रशिक्षित नेल आर्टिस्ट से ही यह प्रक्रिया करवानी चाहिए।
क्यूटिकल्स का ड्राई होना
नेल एक्सटेंशन के बाद नाखूनों के आसपास की स्किन यानी क्यूटिकल्स ड्राई हो सकती है, क्योंकि नाखूनों के आसपास के क्षेत्र पर अधिक दबाव पड़ता है और नमी की कमी हो सकती है। इससे स्किन पर रैशेज, खुजली और सूजन की समस्या हो सकती है।
उपाय:
क्यूटिकल्स को हाइड्रेटेड रखने के लिए नेल एक्सटेंशन के बाद नाखूनों के आसपास के एरिया में क्यूटिकल ऑयल का नियमित रूप से उपयोग करें। साथ ही, नाखूनों और क्यूटिकल्स को सुरक्षित रखने के लिए सौम्य उत्पादों का चयन करें।
नाखूनों का रंग बदलना
नेल एक्सटेंशन के बाद कई बार नाखूनों का रंग बदल सकता है। गलत तरीके से एक्सटेंशन लगाने या अत्यधिक ग्लू का इस्तेमाल करने से नाखूनों पर पीले धब्बे और अन्य रंग परिवर्तन हो सकते हैं। इसके अलावा, नाखूनों की प्राकृतिक रंगत खराब हो सकती है, जो एक सामान्य समस्या बन सकती है।
उपाय:
नाखूनों की सही देखभाल के लिए एक अच्छे क्वालिटी के एक्सटेंशन ग्लू का चयन करें। एक्सटेंशन हटाने के बाद नाखूनों की अच्छी तरह से सफाई और देखभाल करें। इसके साथ ही, नाखूनों को थोड़ी देर के लिए एक्सटेंशन से आराम देने की भी आवश्यकता है।
लंबे समय तक नेल एक्सटेंशन का असर
अगर नेल एक्सटेंशन को बहुत लंबे समय तक किया जाए, तो यह न केवल नाखूनों की प्राकृतिक ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है, बल्कि इससे नाखूनों का आकार भी बदल सकता है। एक्सटेंशन को बार-बार लगवाने से नाखूनों की सुदृढ़ता कमजोर हो सकती है और उन्हें असल आकार में वापस लाने में समय लग सकता है।
उपाय:
नेल एक्सटेंशन को थोड़े-थोड़े समय पर हटाना और अपनी प्राकृतिक नाखूनों को पुनः सामान्य रूप से बढ़ने का अवसर देना चाहिए। साथ ही, नेल एक्सटेंशन के बाद नाखूनों को पोषण देने वाले उत्पादों का उपयोग करें।
नाखूनों में जलन या एलर्जी
कुछ लोगों को नेल एक्सटेंशन से एलर्जी हो सकती है, खासकर यदि उनका त्वचा संवेदनशील हो। ग्लू और केमिकल्स से जलन या सूजन हो सकती है, जो न केवल नाखूनों को प्रभावित करती है, बल्कि आसपास की त्वचा पर भी असर डाल सकती है।
उपाय:
इससे बचने के लिए, पहले किसी छोटे हिस्से पर पैच टेस्ट करें, ताकि यह पता चल सके कि आपको किसी भी सामग्री से एलर्जी तो नहीं है। यदि जलन या सूजन हो तो नेल एक्सटेंशन को तुरंत हटा दें और एक डॉक्टर से संपर्क करें।