UNHRC में भारत का जवाब- दुनिया को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता, पाकिस्तान का हिंसा भरा रिकॉर्ड अपने आप में बोलता है

By: Pinki Wed, 11 Sept 2019 08:55:29

UNHRC में भारत का जवाब- दुनिया को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता, पाकिस्तान का हिंसा भरा रिकॉर्ड अपने आप में बोलता है

भारत ने आर्टिकल 370 (Article 370) पर जो फैसला लिया उससे पाकिस्तान (Pakistan) बौखला गया है। इसी मसले को लेकर PAK संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) पहुंचा लेकिन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की बैठक में कश्मीर को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) पर करारा हमला बोला।

भारत ने कश्मीर को लेकर पाक के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंक का केंद्र है और दुष्प्रचार कर रहा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) में भारत ने पाकिस्तान को दो टूक कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का आतंरिक मामला है। भारत इस मुद्दे पर कोई विदेशी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि यह उसका आंतरिक मामला है। भारत ने कहा हाल के विधायी उपायों के परिणामस्वरूप अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हमारे नागरिकों के लिए पूरी तरह से प्रगतिशील नीतियां लागू होंगी। यह लिंग भेदभाव को खत्म करेगा, किशोर अधिकारों की बेहतर रक्षा करेगा और शिक्षा, सूचना, और काम के अधिकारों को लागू करेगा।

भारत ने कहा कि कश्‍मीर में जो भी पाबंदियां लगाई गईं वो एहतियात के तौर पर लगाई हैं और उनमें बहुत हद तक रियायत भी दी गई है। विदेश मंत्रालय की सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि भारत के आंतरिक मामले में कोई देश हस्तक्षेप नहीं कर सकता। दिक्कतों के बावजूद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जरूरी सामानों की आपूर्ति जारी रखी है। प्रतिबंधों में भी धीरे-धीरे छूट दी जा रही है।

भारत ने कहा पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है और वह वैकल्पिक कूटनीति के तौर पर सीमा पार आतंकवाद का संचालन करता है। भारत मानवधिकारों को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने में दृढ़ता से विश्वास करता है।

भारत ने कहा पाकिस्तान पीड़ित बनने का रोना रो रहा है, जबकि वास्तव में वह खुद मानवाधिकारों के हनन का अपराधी है। हमें उन लोगों पर लगाम कसनी चाहिए, जो मानवाधिकारों की आड़ में दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक एजेंडों के लिए इस मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं। जो लोग क्षेत्र में किसी भी रूप में आतंकवाद को बढ़ावा देने व वित्तीय तौर पर इसका समर्थन करते हैं, वास्तव में वही मानव अधिकारों के सबसे बड़े हननकर्ता हैं।

भारत ने कहा पाकिस्तान दूसरे देशों के अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों पर बोलने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि वे अपने ही देश में उन्हें रौंद रहे हैं, वे पीड़ित की तरह रो रहे हैं, जबकि वास्तव में वे अपराधी हैं। भारत ने कहा पाकिस्तान ने आज मानवाधिकारों पर वैश्विक समुदाय की आवाज के रूप में बोलने की मिथ्या कोशिश की। लेकिन दुनिया को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता, पाकिस्तान का बुरा रिकॉर्ड अपने आप में बोलता है।

भारत ने अनुच्छेद 370 पर संसद द्वारा पारित अन्य विधानों की तरह ही भारतीय संसद द्वारा एक पूर्ण बहस के बाद लिया गया। इसे व्यापक तौर पर समर्थन भी मिला। इस फैसले से संपत्ति पर अधिकार और स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व समेत लैंगिक भेदभाव का अंत होगा, बाल अधिकारों का बेहतर संरक्षण होगा। साथ ही घरेलू हिंसा के खिलाफ संरक्षण मिलेगा। शिक्षा, सूचना और काम का अधिकार कानून लागू होगा और शरणार्थियों और वंचितों के खिलाफ भेदभाव समाप्त होगा।

भारत ने कहा सीमा पार आतंकवाद के विश्वसनीय खतरों का सामना करने में हमारे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी निवारक और एहतियाती उपायों की जरूरत थी।

बता दे, इससे पहले मंगलवार को भारत ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी की इस्लामाबाद की यात्रा के संदर्भ में जारी पाकिस्तान-चीन संयुक्त बयान में जम्मू कश्मीर के उल्लेख पर गहरी आपत्ति दर्ज की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बयान में पाक के कब्जे वाले कश्मीर में चीन पाकिस्तान आर्थिक कारिडोर के उल्लेख पर कहा कि भारत क्षेत्र की यथास्थिति को बदलने के किसी दूसरे देश की पहल का पूरे संकल्प के साथ विरोध करता है। इस बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'चीनी विदेश मंत्री की यात्रा के बाद चीन और पाकिस्तान की ओर से जारी संयुक्त बयान में जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के उल्लेख को हम खारिज करते हैं। जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।' उन्होंने कहा, 'दूसरी ओर, भारत ने लगातार चीन एवं पाकिस्तान (Pakistan) के तथाकथित ‘चीन पाकिस्तान आर्थिक कारिडोर' परियोजना पर चिंता व्यक्त की है, जो भारत के क्षेत्र में है और जिस पर 1947 के बाद से पाकिस्तान का अवैध कब्जा है।' कुमार ने कहा कि इससे जुड़े पक्षों को ऐसी कार्रवाई से बचना चाहिए।

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