किसान आंदोलन: आज पंजाब के खिलाड़ी और कलाकार लौटाएंगे अवॉर्ड , कल भारत बंद को 20 पार्टियां और 10 ट्रेड यूनियन का साथ

By: Pinki Mon, 07 Dec 2020 09:43:50

किसान आंदोलन: आज पंजाब के खिलाड़ी और कलाकार लौटाएंगे अवॉर्ड , कल भारत बंद को 20 पार्टियां और 10 ट्रेड यूनियन का साथ

नए किसान कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन का आज 12वां दिन है। इस आंदोलन को पंजाब-हरियाणा से लेकर विदेशों तक से समर्थन मिल रहा है। किसानों के समर्थन में अबतक कई राजनीतिक दल आ गए हैं, बसपा प्रमुख मायावती ने भी साथ देने की बात कही है। दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों के ऑटो, टैक्सी यूनियन भी मंगलवार को होने वाले भारत बंद में शामिल होंगे। दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख संजय सम्राट के मुताबिक, उनके समेत कुछ अन्य टैक्सी संगठन आठ दिसंबर को भारत बंद में भागीदारी करेंगे और काम बंद रखेंगे। सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन के कमलजीत गिल ने भी भारत बंद को समर्थन दिया है, यहां के अधिकतर ड्राइवर दिल्ली में कैब सर्विस में काम करते हैं। हालांकि, कुछ ऑटो एसोसिएशन ने इस स्ट्राइक से दूर रहने की बात कही है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी इन आंदोलनों को राजनीति से प्रेरित बता रही है। भाजपा का कहना है कि तीनों कृषि कानून ऐतिहासिक हैं और इससे किसानों की आय और जीवन शैली में शानदार बदलाव आएगा।

किसानों के आंदोलन के समर्थन में आज कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अपने अवॉर्ड वापस कर सकते हैं। दोपहर दो बजे प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है, जिसमें करीब 30 खिलाड़ी अवॉर्ड वापसी का ऐलान करेंगे। ओलिंपिक मेडलिस्ट बॉक्सर विजेंदर सिंह ने रविवार को कहा कि कानून वापस नहीं हुए वे राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार वापस कर देंगे। उनसे पहले पंजाब में कई लोग सम्मान लौटा चुके हैं।

अब तक किन-किन स्पोर्ट्स पर्सन ने अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया?

खिलाड़ी/कोच - अवॉर्ड

विजेंद्र सिंह, बॉक्सिंग - खेल रत्न
गुरबख्श सिंह संधू, बॉक्सिंग - द्रोणाचार्य अवॉर्ड
करतार सिंह, कुश्ती - पद्मश्री, - अर्जुन अवॉर्ड
सज्जन सिंह चीमा, बास्केट बॉल - अर्जुन अवॉर्ड
राजबीर कौर, हॉकी - अर्जुन अवॉर्ड

छठें दौर की वार्ता 9 दिसंबर को

किसान और सरकार के बीच अब तक 5 दौर की वार्ता हो चुकी है वहीं छठें दौर की वार्ता के लिए 9 दिसंबर की तारीख तय की गई है। किसान MSP, तीनों कानूनों को रद्द करने, सभी किसानों के खिलाफ दर्ज मामले हटवाने समेत पांच मांगों को लेकर अडिग हैं।

विपक्ष का किसानों को समर्थन


किसान 8 दिसंबर को 'भारत बंद' पर अड़े हुए हैं। इस बंद को 20 राजनीतिक दलों और 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का भी समर्थन है। विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने 9 दिसंबर को राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करेगी। पार्टी के प्रवक्‍ता पवन खेड़ा ने इसे राहुल गांधी के किसानों को समर्थन को मजबूत करने वाला कदम करार दिया। इसके अलावा लेफ्ट पार्टियों ने भी एक संयुक्‍त बयान जारी कर भारत बंद का खुलकर समर्थन किया।

ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC), लालू प्रसाद यादव की राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD), तेलंगाना राष्‍ट्र समिति (TRS), राष्‍ट्रीय लोकदल (RLD) ने भी राष्‍ट्रव्‍यापी बंदी का साथ देने का फैसला किया है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी बंद के समर्थन का ऐलान किया है।

बसपा ने भी किया समर्थन का ऐलान

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने सोमवार सुबह ट्वीट कर भारत बंद का समर्थन कर दिया है। मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि कृषि से सम्बंधित तीन नये कानूनों की वापसी को लेकर पूरे देश भर में किसान आन्दोलित हैं व उनके संगठनों ने दिनांक 8 दिसम्बर को 'भारत बंद' का जो एलान किया है, बी एस पी उसका समर्थन करती है। साथ ही, केन्द्र से किसानों की मांगों को मानने की भी पुनः अपील करती है।

अपडेट्स


- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज सिंघु बॉर्डर जाएंगे। उनके साथ दिल्ली सरकार के दूसरे मंत्री भी रहेंगे। केजरीवाल देखेंगे कि किसानों के लिए क्या व्यवस्थाएं हैं।

- नोएडा से दिल्ली जाने के लिए चिल्ला बॉर्डर से एंट्री बंद है। ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि दिल्ली आने के लिए नोएडा लिंक रोड की बजाय DND का इस्तेमाल करें।

- NH-24 पर गाजीपुर बॉर्डर बंद है। गाजियाबाद से दिल्ली आने वालों को NH-24 की बजाय अप्सरा, भोपरा या DND के रास्ते आने की सलाह दी गई है।

एम्बुलेंस और शादियों वाली गाड़ियां आ-जा सकेंगी

किसान पहले ही कह चुके हैं कि 8 दिसंबर यानी मंगलवार को भारत बंद करेंगे। किसान नेता बलदेव सिंह निहालगढ़ ने बताया कि मंगलवार को बंद सुबह से शाम तक और चक्का जाम दोपहर 3 बजे तक रहेगा। एम्बुलेंस और शादियों वाली गाड़ियां आ-जा सकेंगी।

कानून वापसी की जरूरत नहीं, संशोधन कर सकते हैं: कृषि राज्य मंत्री

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने रविवार को कहा, 'मैं नहीं मानता असली किसान, जो अपने खेतों में काम कर रहे हैं, वे इस बारे में चिंतित हैं। कुछ राजनीतिक लोग आग में घी डाल रहे हैं। मुझे नहीं लगता कानून वापस लिए जाने चाहिए। जरूरत पड़ी तो इनमें कुछ संशोधन हो सकते हैं।'

आंदोलन केवल पंजाब के किसानों का नहीं

किसान नेता बलदेव सिंह यादव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'यह आंदोलन केवल पंजाब के किसानों का नहीं बल्कि पूरे देश का है। हम अपने आंदोलन को मजबूत बनाने जा रहे हैं और यह पहले ही पूरे देश में फैल चुका है। चूंकि, सरकार हमसे उपयुक्त ढंग से नहीं निपटने में समर्थ नहीं रही है इसलिए हमने भारत बंद का आह्वान किया। कल की बैठक के दौरान मंत्री ‘भारत बंद’ के हमारे आह्वान से परेशान थे।'

उन्होंने कहा, ' हम किसी को भी हिंसक होने की इजाजत नहीं देंगे और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। हम सभी से बंद का हिस्सा बनने का आह्वान करते हैं।'

उधर, स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, 'हम अपने रुख पर सदैव अडिग हैं। हमने हमेशा मांग की है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। हमने अपना रुख नहीं बदला है। हम उस पर दृढ़ हैं।'

उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों के कई संगठन भी भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सभी मंडियां बंद रहेंगी लेकिन शादियों को बंद से छूट दी गयी है। कई राजनीतिक दलों ने हमारा समर्थन किया है और हम सभी से बंद में हिस्सा लेने की अपील करते हैं।'

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