आखिर क्या है आर्टिकल 35A? क्यों उठ रही है इसे हटाने की मांग, धारा 370 पर विवाद क्यों?

By: Pinki Mon, 05 Aug 2019 08:49:19

आखिर क्या है आर्टिकल 35A? क्यों उठ रही है इसे हटाने की मांग, धारा 370 पर विवाद क्यों?

जम्मू-कश्मीर को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला नजरबंद किए गए हैं। किसी भी हालात से निपटने के लिए जम्मू और श्रीनगर में धारा 144 लगा दी गई है। जम्‍मू के 8 जिलों में सीआरपीएफ की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं। जम्मू जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रशासनों से उन्हें सोमवार को ऐहतियातन बंद रखने के लिये कहा है। जम्मू की उपायुक्त सुषमा चौहान ने रविवार रात कहा, 'सभी निजी तथा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों को ऐतहियातन बंद रखने की सलाह दी गयी है।' इसके अलावा जम्मू में इंटरनेट सेवा को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। कश्मीर यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। यहां भी मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। कश्मीर में सभी बड़े अफसरों और पुलिस थानों को सैटेलाइट फोन दे दिए गए हैं। इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। ज़रूरत पड़ने पर लैंडलाइन फोन तक बंद करने की तैयारी है। इन सब घटनाक्रम की वजह आर्टिकल 35A बताया जा रहा है। खबर है कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 35A (Article 35A) हटाने जा रही है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर सरकार आर्टिकल 35A (Article 35A) हटाती है तो जम्मू एवं कश्मीर में क्या बदलाव आ सकते है।

क्या है आर्टिकल 35A?

- जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए स्थायी नागरिकता के नियम और नागरिकों के अधिकार तय आर्टिकल 35A से होते हैं। इसके तहत 14 मई 1954 के पहले जो कश्मीर में बस गए थे, वही स्थायी निवासी हैं।

- स्थायी निवासियों को ही राज्य में जमीन खरीदने, सरकारी रोजगार हासिल करने और सरकारी योजनाओं में लाभ के लिए अधिकार मिले हैं।

- किसी दूसरे राज्य का निवासी जम्मू-कश्मीर में जाकर स्थायी निवासी के तौर पर न जमीन खरीद सकता है, न ही राज्य सरकार उन्हें नौकरी दे सकती है।

- इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी कर लेती है तो उसके अधिकार छिन जाते हैं। हालांकि पुरुषों के मामले में ये नियम अलग है।

संविधान में नहीं है आर्टिकल 35A का जिक्र

आर्टिकल 35A (कैपिटल ए) का जिक्र संविधान में नहीं है। हालांकि संविधान में आर्टिकल 35ए (स्मॉल ए) का जिक्र जरूर है, लेकिन इसका जम्मू एवं कश्मीर से कोई सीधा संबंध नहीं है। दरअसल इसे संविधान के मुख्य भाग में नहीं बल्कि परिशिष्ट (अपेंडिक्स) में शामिल किया गया है। 14 मई 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से आर्टिकल 35A को संविधान में जगह मिली थी। 14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ। राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था। इस आदेश के जरिए भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35A जोड़ दिया गया।

35A हटाने की मांग क्यों?

अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर 35A हटाने की मांग क्यों हो रही है। दरहसल, इस अनुच्छेद को संसद के जरिए लागू नहीं किया गया है। इस अनुच्छेद की वजह से शरणार्थी अधिकार से वंचित हैं। पाक के शरणार्थियों को जम्मू कश्मीर की नागरिकता नहीं है। इनमें 80 फीसदी लोग पिछड़े और दलित हिंदू समुदाय के हैं।

जम्मू कश्मीर में शादी करने वाली महिलाओं से भेदभाव जारी है। भारतीय नागरिकों के साथ जम्मू कश्मीर में भेदभाव होता है। जम्मू कश्मीर में संविधान से मिले अधिकार खत्म हो जाते हैं। संविधान सभा से संसद की कार्यवाही तक बिल का जिक्र नहीं। अनुच्छेद 35A के लिए संविधान संशोधन लाने का भी जिक्र नहीं।

jammu kashmir,article 35a,article 370,article 35a news in hindi,article 370 news in hindi,jammu kashmir news in hindi,narendra modi,news,news in hindi ,मोदी सरकार,जम्मू-कश्मीर,आर्टिकल 35A

धारा 370 पर विवाद क्यों?

जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता, झंडा भी अलग है। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है। देश के सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते हैं। संसद जम्मू-कश्मीर को लेकर सीमित क्षेत्र में ही कानून बना सकती है। रक्षा, विदेश, संचार छोड़कर केंद्र के कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होते। केंद्र का कानून लागू करने के लिये जम्मू-कश्मीर विधानसभा से सहमति ज़रूरी। वित्तीय आपातकाल के लिए संविधान की धारा 360 जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं। धारा 356 लागू नहीं, राष्ट्रपति राज्य का संविधान बर्खास्त नहीं कर सकते। कश्मीर में हिन्दू-सिख अल्पसंख्यकों को 16% आरक्षण नहीं मिलता। जम्मू कश्मीर में 1976 का शहरी भूमि कानून लागू नहीं होता है। धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI और RTE लागू नहीं होता। जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष नहीं, 6 वर्ष होता है।

बता दे, जम्मू कश्मीर की मौजूदा हालत पर आज दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होने जा रही है. सुबह 9:30 बजे प्रधानमंत्री आवास पर कैबिनेट बैठक बुलाई है। बैठक के एजेंडे को पूरी तरह से टॉप सीक्रेट रखा गया है और इसे सीधे कैबिनेट में लाया जाएगा। लेकिन खबर है कि कैबिनेट की इस बैठक में कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा हो सकती है और कुछ महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है। अब तक सरकार और सेना आतंकवाद की कमर तोड़ने का दावा कर रही थी, ऐसे में महज कुछ हथियार मिलने के आधार पर अमरनाथ यात्रा रद्द करने और बाहरी लोगों के कश्मीर छोड़ने का फरमान सुनाने के पीछे लोग बड़ी वजह तलाश रहे हैं। यही नहीं, ये भी संकेत दिए जा रहे थे कि इस साल के अंत में कश्मीर में चुनाव होंगे। ऐसे में सवाल वाजिब है कि जब अमरनाथ यात्रा नहीं हो सकती तो फिर चुनाव कैसे होंगे?

आज होने वाली कैबिनेट बैठक से पहले रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नेशीर्ष अधिकारियो के साथ बैठक की थी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों के हवाले से खबर है कि अमित शाह ने सुरक्षा मामले को लेकर बैठक की है। हालांकि इस बैठक को भी कश्मीर की हलचल से जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि मोदी मंत्रीमंडल की बैठक आम तौर पर बुधवार को होती है। लेकिन, इस बार सोमवार को बैठक बुलाई है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com