36 हजार करोड़ की डील हुई पक्की, एस-400 वायु रक्षा प्रणाली सौदे पर दोनों देशों के बीच हुए दस्तखत

By: Priyanka Maheshwari Fri, 05 Oct 2018 2:37:02

36 हजार करोड़ की डील हुई पक्की, एस-400 वायु रक्षा प्रणाली सौदे पर दोनों देशों के बीच हुए दस्तखत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में मुलाकात की। दोनों देशों के बीच S-400 डील सहित रक्षा, न्यूक्लियर एनर्जी, स्पेस जैसे कई मुद्दों पर शुक्रवार को समझौते किए गए हैं। आज की मीटिंग में अमेरिका द्वारा ईरान से तेल आयात पर लगे रोक पर भी दोनों नेता बात करेंगे। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि भारत और रूस के बीच शुक्रवार को शिखर वार्ता में एस-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्‍टम को लेकर समझौता हो गया है। दोनों देशों के बीच इस पर हस्‍ताक्षर भी हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक भारत रूस से पांच एस-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्‍टम खरीदेगा। शिखर वार्ता की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन का गर्मजोशी से स्‍वागत करते हुए उन्‍हें गले लगाया। इसके अलावा अंतरिक्ष क्षेत्र में भी आपसी सहयोग को लेकर दोनों देशों में समझौता हुआ है। इसके तहत साइबेरिया के नोवोसिबिर्स्क में एक भारतीय मॉनीटरिंग स्‍टेशन स्‍थापित किया जाएगा।

गुरुवार को भारत पहुंचे पुतिन

रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन अपने दो दिनी दौरे के तहत गुरुवार को भारत पहुंचे हैं। गुरुवार को नरेंद्र मोदी ने पुतिन के गले मिलकर उनका स्‍वागत किया थ। उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एस-400 वायु रक्षा प्रणाली सहित अंतरिक्ष और ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।

पीएम ने दिया रात्रि भोज

गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां पहुंचने पर पुतिन की अगुवानी की थी। उसके बाद पुतिन सीधे लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास गए जहां दोनों नेताओं ने आमने-सामने बैठक की। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया था।

19वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन

शु‍क्रवार को 19वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन हो रहा है। सम्मेलन में दोनों नेता विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे। इनमें मास्को के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध और आतंकवाद विरोधी सहयोग शामिल हैं। रूसी राष्ट्रपति के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है जिसमें उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और व्यापार एवं उद्योग मंत्री डेनिस मंतुरोव शामिल हैं।

russian,russian air defence,s 400 triumf deal,india,russia,indian air force,pm narendra modi,vladimir putin ,एस-400,नरेंद्र मोदी,भारत-रूस शिखर सम्मेलन, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

अमेरिका को खटक रही भारत-रूस की दोस्ती?

रूस ने पुतिन की भारत यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले ही ये घोषणा कर दी है कि इस सौदे पर दस्तखत पुतिन की यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। भारत के लिए ये सिस्टम कितना ज़रूरी है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका की हर आपत्ति को दरकिनार कर दिया गया, जबकि इस समय भारत और अमेरिका के सैनिक संबंध लगातार मज़बूत हो रहे हैं। आज 19वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन है। जिसमें भारत और रूस के बीच कई समझौतों पर दस्तखत हो सकते हैं। माना जा रहा है कि 19वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और पुतिन विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे। इनमें मास्को के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध और आतंकवाद विरोधी सहयोग शामिल हैं। बैठक के पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति पुतिन, भारत में आपका स्वागत है। बातचीत को लेकर उत्सुक हूं, इससे भारत-रूस संबंध और प्रगाढ़ होंगे।’ उनका ट्वीट रूसी भाषा में भी पोस्ट किया गया। पुतिन के भारत पहुंचने के बीच रूसी समाचार एजेंसी तास ने खबर दी है कि शुक्रवार को कई द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इनमें भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली देने के लिए पांच अरब डॉलर का करार शामिल है। हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौतों से रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार, ऊर्जा और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन मुख्य ध्यान एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे पर होगा क्योंकि यदि इस पर हस्ताक्षर किए गए तो इससे रूस से हथियारों की खरीद पर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन हो सकता है।

क्या है एस 400 डील?

- इस मिसाइल सिस्टम का पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से पुकारा जाता है। यह लंबी दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है जिसे रूस ने बनाया है। S-400 का सबसे पहले साल 2007 में उपयोग हुआ था जो कि S-300 का अपडेटेड वर्जन है। साल 2015 से भारत-रूस में इस मिसाइल सिस्टम की डील को लेकर बात चल रही है।

अमेरिका के थाड सिस्टम से बेहतर है S-400

- कई देश रूस से यह सिस्टम खरीदना चाहते हैं क्योंकि इसे अमेरिका के थाड (टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम से बेहतर माना जाता है। इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एकसाथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है। अलग-अलग काम करने वाले कई राडार, खुद निशाने को चिन्हित करने वाले एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, लॉन्चर, कमांड और कंट्रोल सेंटर एक साथ होने के कारण S-400 की दुनिया में काफी मांग है।

russian,russian air defence,s 400 triumf deal,india,russia,indian air force,pm narendra modi,vladimir putin ,एस-400,नरेंद्र मोदी,भारत-रूस शिखर सम्मेलन, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

क्या है इसकी खासियत?

- भारत, रूस से लगभग 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉतर क़ीमत में S-400 की पांच रेजीमेंट ख़रीद रहा है।

- हर रेजीमेंट में कुल 16 ट्रक होते हैं, जिनमें 2 लांचर के अलावा 14 रडार और कंट्रोल रूम के ट्रक्स होते हैं।

- S-400, 400 किमी की रेंज में आने वाले किसी भी फ़ाइटर एयरक्राफ्ट्स, मिसाइल या हेलीकॉप्टर को गिरा सकता है।

- इसे आदेश मिलने के 5 मिनट के भीतर तैनात किया जा सकता है औऱ ये एक साथ 80 टारगेट्स को निशाने पर ले सकता है।

- ये 600 किमी की दूरी से हर किस्म के टार्गेट का पीछा करना शुरू कर देता है।

- एक अंदाज़े के मुताबिक केवल 3 रेजीमेंट तैनात करके पाकिस्तान की तरफ़ से किसी भी हवाई हमले से बेफिक्र हुआ जा सकता है।

- ये सिस्टम -70 डिग्री से लेकर 100 डिग्री तक के तापमान पर काम कर लेता है।

- इसकी मारक क्षमता अचूक है क्योंकि यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है।

- 400 किमी के रेंज में एक साथ कई लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइल और ड्रोन पर यह हमला कर सकता है।

भारत, रूस से लगभग 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉतर क़ीमत में S-400 की पांच रेजीमेंट ख़रीद रहा है।

एस-400 के संदर्भ में वायुसेना के मौजूदा शक्ति?

- भारतीय वायुसेना को चीन और पाकिस्तान दोनों से निबटने के लिए 42 फ़ाइटर स्क्वाड्रन चाहिए। लेकिन इस समय वायुसेना के पास केवल 31 स्क्वाड्रन हैं। इनमें मिग-21, मिग-27, जगुआर और मिराज की बड़ी तादाद है जिन्हें चार दशक पहले खरीदा गया था। अगर मिग-29 और सुखोई-30 को छोड़ दिया जाए तो वायुसेना के फ़ाइटर जेट्स अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं।

- भारत ने संकेत दिए हैं कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद वह करार की दिशा में आगे बढ़ेगा। भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए। रूस भारत के प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा है। सूत्रों ने पहले कहा था कि मोदी और पुतिन ईरान से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभाव पर भी विचार करेंगे। पीएम मोदी के साथ बातचीत करने के अलावा रूसी नेता पुतिन शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी बैठक करेंगे। वह प्रतिभाशाली बच्चों के एक समूह के साथ भी बातचीत करेंगे और भारत-रूस व्यापार बैठक को संबोधित करेंगे।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com