
राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में स्कूल की छत गिरने से हुई बच्चों की दर्दनाक मौत ने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया है। इस हृदयविदारक घटना के बाद गांव में आक्रोश का माहौल है। शोक संतप्त परिवारों और ग्रामीणों ने हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। परिजनों की ओर से मृतकों के लिए एक-एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की गई है। इस हादसे के 12 घंटे बाद प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने घायल बच्चों से मुलाकात की और परिजनों को सांत्वना दी।
घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद मंत्री मदन दिलावर ने सरकारी सहायता की घोषणा की। उन्होंने मृत बच्चों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की राहत राशि देने की बात कही। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार से बातचीत कर संविदा पर नौकरी दिलाने का प्रयास किया जाएगा। हालांकि, नौकरी को लेकर अभी केवल आश्वासन दिया गया है, औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
घायल बच्चों को लेकर मुआवजा अब भी अधर में
शिक्षा मंत्री ने अपने बयान में केवल मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की बात कही। घायल बच्चों के लिए फिलहाल किसी प्रकार की वित्तीय सहायता की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। उन्होंने यह जरूर कहा कि घायलों के हित में सरकार से बातचीत चल रही है और जल्द कोई निर्णय लिया जा सकता है।
मदन दिलावर ने आगे कहा कि जिस भवन की छत गिरने से यह हादसा हुआ, उसकी जगह अब एक नया और भव्य स्कूल भवन बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि स्कूल की कक्षाओं के नाम उन बच्चों के नाम पर रखे जाएंगे, जिनकी इस दुर्घटना में जान गई है। इससे उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी और यह अगली पीढ़ी को एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
वसुंधरा राजे ने भी जताया दुख, विभाग पर उठाए सवाल
इस हादसे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी झालावाड़ पहुंचीं। उन्होंने घायलों से मिलकर उनकी स्थिति की जानकारी ली और परिजनों को ढांढस बंधाया। वसुंधरा राजे ने मौके पर पहुंचकर शिक्षा विभाग की लापरवाही पर कड़े सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि शिक्षा ढांचे की निगरानी में गंभीर खामियां हैं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है।














