आइये जाने कैसें सोशल मीडिया हमारे जीवन पर बुरा प्रभाव डाल रहे है
By: Ankur Sat, 25 Nov 2017 5:50:47
सोशल मीडिया ने हमारी जिंदगी आसान बनायी है। आजकल सामाजिकता का एक मतलब सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना भी बन गया है। इस मीडिया ने समाज के हर वर्ग में अपनी पैठ बना ली है । हम सब सोशल मीडिया से जुड़ना चाहते है एवं उसे इस्तेमाल करना चाहते हैं। यह एक ऐसा समूह है जिससे जुड़कर हम आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं। यह नया मीडिया भारतवर्ष में देर से प्रचलित हुआ लेकिन धीरे-धीरे इसने समाज के हर वर्ग में अपनी जगह बना ली हैं। बच्चे,बूढ़े,युवा हर कोई सोशल मीडिया से जुड़ गया है और अपने विचारों को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहा है। लेकिन, इसके साथ ही इसकी लत के कई नुकसान भी हो सकते हैं। यह आपकी जिंदगी में कई परेशानियों का सबब भी बन सकता है। आइये जानते हैं किस तरह सोशल मीडिया हमारे जीवन पर बुरा प्रभाव डाल रहा हैं।
* समाज से हो सकते हैं दूर :
तकनीक के कारण लोगों तक पहुंच पहले से काफी आसान हो गयी है। लेकिन, इसका एक नुकसान यह भी है कि यह हमें अकेलेपन में डाल सकती है। सोशल मीडिया वेबसाइटों पर दुनिया भर की जानकारी भरी पड़ी होती है। और इन्हीं जानकारियों को खंगालने में हमारा काफी वक्त गुजर जाता है। तकनीक के कारण फौरन मैसेज भेजना भी पहले की अपेक्षा आसान हो गया है। आप फौरन दोस्तों के स्टेटस पर लाइक और कमेंट कर अपनी आभासी मौजूदगी दर्ज करा देते हैं। ऑनलाइन ज्यादा जुड़ने से हम असली दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
* भ्रामक जानकारी :
यह बहुत सारी जानकारी प्रदान करता है जिनमें से बहुत सी जानकारी भ्रामक भी होती है। जानकारी को किसी भी प्रकार से तोड़-मरोड़कर पेश किया जा सकता है। किसी भी जानकारी का स्वरूप बदलकर वह उकसावे वाली बनाई जा सकती है जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं होता। यहां कंटेंट का कोई मालिक न होने से मूल स्रोत का अभाव होना।
* आप कभी अकेले नहीं होते :
सोशल मीडिया आपको कभी अकेला नहीं छोड़ता। आप भले ही किसी कतार में हों, लेकिन हमेशा फेसबुक खंगालने में लगे रहते हैं। नयी तस्वीर खींचते ही उसे इंटाग्राम पर अपलोड करते हैं। अपने साथी के साथ होते हुए भी आप ऑनलाइन दुनिया खंगालने में लगे रहते हैं। एक दूसरे की आंखों में आंखे डालने के बजाय आपकी नजरें ट्विटर पर होती हें। इसका क्या फायदा। सोशल मीडिया आपके निजी जीवन में बहुत अंदर तक प्रवेश कर चुका है। हमारे पास खुद के लिए वक्त नहीं होता।
* बदल जाते हैं रिश्तों के मायने :
कितनी खुशी होती थी जब किसी दोस्त का फोन आता था। और दूर के किसी रिश्तेदार की पाती पढ़ते हुए आपके चेहरे के भाव लगातार बदलते रहते। हर लाइन के साथ होठों पर मुस्कान या आंखों में नमी तैर जाती। लेकिन, अब दोस्ती फोटो और स्टेटस पर कमेंट और लाइक तक सिमट कर रह गयी है। पहले प्यार होता था तो छुपछुपकर बातें होती थीं, अब रिलेशनशिप स्टेटस देखकर ही पता चल जाता है। और बदलते वक्त में यह स्टेटस भी बदलने में ज्यादा वक्त नहीं लेता। सोशल मीडिया ने अंतरंग रिश्तों और डेटिंग के मायने बदल दिये हैं।