मुन्नार घूमने जाए तो इस हिल स्टेशन को मिस न करे
By: Priyanka Maheshwari Fri, 11 May 2018 6:31:39
देवीकुलम दक्षिणी राज्य केरल, भारत के इडुक्की जिले में मुन्नार से लगभग 7 किलोमीटर दूर एक छोटा सा हिल स्टेशन है। यह समुद्र तल से 1800 मीटर ऊपर स्थित है। केरल में स्थित पर्वतीय स्थल देवीकुलम अपने सुरम्य प्राकृतिक परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटक इस जगह मुख्य रूप से प्रकृति से जुड़ने के लिए आते हैं यहां विभिन्न वनस्पतियों और जीव को देखने का लुत्फ उठाने के साथ-साथ उनका अध्ययन भी कर सकते हैं। ट्राउट मछली पकड़ना यहां की एक और गतिविधि है। देवीकुलम ट्रैकर्स के लिए भी पसंदीदा जगह है और बागानों तथा लाल गोंद के पेड़ों के मध्य भ्रमण वास्तव में एक अद्भुत प्रदान करता है।
सुंदर वातावरण का आनंद
देवीकुलम, इडुक्की जिले में मुन्नार से लगभग 7 किमी दूरी पर स्थित है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक पसंदीदा स्थल है क्योंकि वे यहां विभिन्न वनस्पतियों और जीव को देखने का लुत्फ उठाने के साथ-साथ उनका अध्ययन भी कर सकते हैं। हरी दूब के मैदानों से घिरी संकरी पहाड़ियों व नुकीली चट्टानों के बीच से गिरते कल-कल की ध्वनि करते झरने आपको सुंदर वातावरण का आनंद देते हैं।
# पल्लीवसल जलप्रपात
देवीकुलम में एक छोटा सा लेकिन एक लोकप्रिय झरना है तथा सीता देवी झील के निकट स्थित है। यह झरना, उन लोगों के लिए जो एक दिन शहर के पागलपन से दूर आनंद उठाना चाहते हैं, पिकनिक हेतु दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए एक उत्कृष्ट स्थान है।
# ट्रैकर्स के लिए भी पसंदीदा जगह
ट्राउट मछली पकड़ना यहां की एक और गतिविधि है। देवीकुलम ट्रैकर्स के लिए भी पसंदीदा जगह है और बागानों तथा लाल गोंद के पेड़ों के मध्य भ्रमण वास्तव में एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।
# चाय व मसालों के बागान
चाय और मसालों के बागान देवीकुलम को अत्यंत पसंदीदा पर्यटक स्थल बनाते हैं। इन बागानों में विविध वनस्पतियों और जीवों की छाप दिखाई पड़ती हैं। कई एकड़ में फैले चाय और मसाला में पेड़ों की कई अन्य विदेशी किस्मों भी दिखाई पड़ती हैं। यहां मसाला बागानों के महक का आनंद लिया जा सकता है तथा चाय बागानों में मख़मली क्यारियां देखकर कोई भी खो जाता है। वनस्पतियों और जीव के दुर्लभ किस्मों को इन मसाला उद्यानों में देखा जा सकता है। देवीकुलम की इन खूबसूरत घुमावदार पहाड़ियों में लाल और नीले रंग वाले गोंद वृक्ष और विदेशी वनस्पतियां मौजूद हैं। विशाल चाय और मसाला बागानों की एक यात्रा वास्तव में काफी समृद्ध सिद्ध होती है। बड़े करीने से पंक्तियों में सजी चाय की झाड़ियां, तथा पंक्तिबद्ध काली मिर्च, लौंग और इलायची की पंक्तियाँ हवा में मिलकर इसके अनुभव को अनूठा बना देती हैं। एक निर्देशित पर्यटन लेना अनुभव की गहराई को बढ़ा सकता हैं। इन बागानों में प्राकृतिक घटना को निहारते हुए कोई भी व्यक्ति ताजा चाय / कॉफी की चुस्कियां लेने के अलावा और कुछ नहीं चाहेगा।
# मट्टपेट्टी झील
मट्टपेट्टी झील देवीकुलम में इडुक्की की आकर्षक पहाड़ियों पर 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक शांत जगह है। यह स्थान मुन्नार के लहरदार बागानी पहाड़ियों से घिरा है। घने वन, पहाड़ी इलाके व एकरूप बागानों का पुनऊर्जान्वित करने वाला दृश्य किसी भी दर्शक का मन व शरीर मोह लेते हैं। इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता और आकर्षक वातावरण को देखकर दर्शकों की सांस रूक जाती हैं। 1940 में बनाया गया मट्टपेटी बांध एक आदर्श पिकनिक स्पॉट है। मट्टपेटी इंडो - स्विस पशुधन परियोजना के लिए विख्यात है, और गायों की 100 से अधिक किस्में यहां पाली जाती हैं। पर्वतीय इलाके तथा मसाला उद्यान इस सुरम्य झील की पृष्ठभूमि में स्थित हैं। इस झील के चारों ओर नौका विहार किया जा सकता है। स्पीड मोटर, और पेडल नौका विहार यात्रियों हेतु किराये पर उपलब्ध हैं। विभिन्न चहचहाते पक्षियों की ध्वनियों से गूंजती पहाड़ियों में पक्षियों को देखना यहां का एक और प्रमुख आकर्षण है।
# सीता देवी झील
सीता देवी झील, जो देवीकुलम झील के रूप में अधिक लोकप्रिय है, पिकनिकर्स को न केवल इसलिए आकर्षित करता है क्योंकि यह एक सुंदर जगह है, बल्कि यहां का जल खनिजों से भरपूर है व रोगनाशक गुणों से युक्त है। झील में एक गर्म पानी का झरना है तथा यह उन लोगों को आकर्षित करता है जो शांतिपूर्ण वातावरण का लुत्फ उठाना चाहते हैं। यहाँ प्रकृति के कई शानदार रूप दिखाई पड़ते हैं जो किसी को भी मंत्रमुग्ध कर देते हैं। इस झील की पवित्रता और शुद्धता से जुड़ा एक पहलू और है। एक किंवदंती के अनुसार महाकाव्य रामायण की सीता देवी नें खुद यहाँ स्नान किया था। लम्बे-लम्बे पेड़ों की छाया, हरे भरे लॉन, चट्टानों के मध्य से गिरता शांत व स्वच्छ जल तथा पक्षियों की चहचहाहट, सीता देवी झील को एक आदर्श गंतव्य स्थल बना देती हैं। प्रकृति की इन सुन्दर अठखेलियों का गवाह बनने से कोई नहीं चूकना चाहेगा क्योंकि ऐसा अहसास मिलता है कि मानो स्वंय स्वर्ग इन कोहरे से आच्छादित पहाड़ियों में उतर आया हो।
कब आएं
यहाँ मौसम, पूरे वर्ष सुखद रहता है। ग्रीष्मकाल, मानसून, और सर्दियां यहां के मुख्य मौसम है। देवीकुलम यात्रा के लिए गर्मियां और मानसून आदर्श मौसम हैं क्योंकि सर्दियों में तापमान में काफी गिरावट आ जाती है। गर्मियों में जलवायु सुखद रहती है तथा रात में तापमान गिर जाता है।