धारा 377 : समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर के बाद बॉलीवुड हुआ खुश, ट्विट कर बयां की ख़ुशी
By: Priyanka Maheshwari Thu, 06 Sept 2018 1:22:11
समाज में भले ही समलैंगिक रिश्तों को उतनी आसानी से स्वीकार्यता नहीं मिली हो, लेकिन अभी तक अपराध की श्रेणी में गिने जाने वाले यह रिश्ते अब भारत में वैध हो गए हैं। समलैंगिकता को अपराध मानने वाली आईपीसी की धारा 377 की वैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सभी जजों की सहमति से फैसला लिया गया है।
कोर्ट ने कहा कि LGBTQ समुदाय को भी समान अधिकार है और पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने IPC की धारा 377 को मनमाना और अतार्किक बताते हुए निरस्त किया है। संविधान पीठ ने कहा कि सभी जजों की एक राय है। उन्होंने कहा कि समाज का व्यक्तियों से अलग नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि समलैंगिकता संबंध अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही बॉलीवुड में भी खुशी की लहर दौड़ गई है। अपनी फिल्मों में 'गे' किरदारों को प्रमुखता से दिखा चुके फिल्ममेकर करण जौहर Karan Johar से लेकर एक्टर विक्की कौशल vicky Kausal, स्वरा भास्कर Swara Bhaskar, आयुष्मान खुराना Ayushmann Khurrana समेत बॉलीवुड के कई सितारों ने इस फैसले पर अपनी खुशी जाहिर की है।
करण जौहर ने इस फैसले के आते ही ट्वीट किया, 'एतिहासिक फैसला!!! आज बहुत गर्व हो रहा है। समलैंगिता को अपराध की श्रेणी से हटाना और सेक्शन 377 को हटाना (कुछ हिस्सों को) समान अधिकारों और मानवता के लिए एक बड़ा सकारात्मक फैसला है। देश को अपनी ऑक्सीजन फिर से मिल गई है।'
वहीं एक्टर आयुष्मान खुराना ने लिखा, 'आज की सूरज की किरण एक प्रगतिशील भारत में उजाला कर रही है। सभी को प्यार।'
एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने लिखा, 'सभी याचिका कर्ताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह बधाई दी है। इस फैसले ने भारत को आज हर किसी के लिए एक मुक्त देश बना दिया है। सुप्रीम कोर्ट के लिए थ्री चीयर्स।'
वहीं लेखक चेतन भगत ने भी इस फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने लिखा, 'भारत एक ऐसा देश है, जहां हर 100 किलोमीटर पर संस्कृति बदल जाती है। विविधता को स्वीकार करना हमारी भारतीय संस्कृति के मूल में शामिल है। यह भारत के लिए अच्छा दिन है।
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई में 2 जुलाई 2009 को दो बालिगों में सहमति से अप्राकृतिक संबंध को अपराध नहीं माना था यानि कि इसे 377 IPC की धारा से बाहर कर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने 11 दिसंबर 2013 को हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए इसे अपराध ही ठहराया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका को भी खारिज करते हुए अपराध ही माना, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में कयूरेटिव पेटिशन दायर की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस याचिका को पांच जज सुनेगें और फिर फैसला सुनाएंगे।
Historical judgment!!!! So proud today! Decriminalising homosexuality and abolishing #Section377 is a huge thumbs up for humanity and equal rights! The country gets its oxygen back! 👍👍👍💪💪💪🙏🙏🙏 pic.twitter.com/ZOXwKmKDp5
— Karan Johar (@karanjohar) September 6, 2018
RIP #Section377
— Ayushmann Khurrana (@ayushmannk) September 6, 2018
The new sunshine of this day is that of a progressive India. Love all!
Congratulations to all the activists and petitioners on #SupremeCourt judgement scrapping #Section377 Your perseverance just made #India a freer place for everyone ! #LoveIsLove #Pride #377Verdict #377Scrapped Three cheers for the #SupremeCourt pic.twitter.com/grA64TTB3w
— Swara Bhasker (@ReallySwara) September 6, 2018
RIP #Section377. Happy birthday 2018 !! Equal love. Equal lives. Proud Indian today. ♥️🌈🇮🇳
— Nimrat Kaur (@NimratOfficial) September 6, 2018
“If you have a heart you should be free to love who you want.” 😍❤️😍So Happy to hear that the Supreme Court of India 🇮🇳 has abolished #section377 decriminalising Homosexuality 👍 #equality #lgbtrights #nodiscrimination #ting pic.twitter.com/47yEBdkul7
— Preity G Zinta (@realpreityzinta) September 6, 2018
Happy to see that loving someone of their own choice won't be criminalised anymore. #Section377
— Munmun Dutta (@moonstar4u) September 6, 2018