प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अर्जेंटीना की दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पर ब्यूनस आयर्स पहुंच चुके हैं। जैसे ही उनका विमान अर्जेंटीना की धरती पर उतरा, वहां मौजूद भारतीय समुदाय और स्थानीय प्रशासन ने बेहद गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। यह क्षण इसलिए और भी खास बन गया क्योंकि यह 57 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। मोदी इससे पहले 2018 में जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने यहां आए थे, लेकिन इस बार वह भारत और अर्जेंटीना के बीच रिश्तों की एक नई इबारत लिखने पहुंचे हैं।
पीएम मोदी की अर्जेंटीना यात्रा क्यों है खास?
इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी। चर्चा के केंद्र में रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्र रहेंगे। लेकिन जानकारों का मानना है कि असली फोकस तेल, गैस और लिथियम जैसे रणनीतिक संसाधनों पर रहेगा, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिहाज से बेहद अहम हैं।
इसलिए अर्जेंटीना बन रहा है भारत के लिए रणनीतिक भागीदार
आज जब मिडिल ईस्ट के हालात अनिश्चित बने हुए हैं, ऐसे में भारत को भरोसेमंद ऊर्जा स्रोतों की तलाश है। अर्जेंटीना, शेल गैस और शेल ऑयल का दुनिया में सबसे बड़ा भंडार रखने वाले देशों में से एक है। शेल गैस में यह दुनिया में दूसरा और शेल ऑयल में चौथा सबसे बड़ा देश है। पारंपरिक तेल-गैस के भंडार भी यहां मौजूद हैं, जिससे यह दीर्घकालिक ऊर्जा साझेदार के तौर पर उभर रहा है।
लिथियम ट्रायंगल: भारत की क्लीन एनर्जी की चाबी
अर्जेंटीना के पास लिथियम, कॉपर और रेयर अर्थ एलीमेंट्स जैसे कीमती संसाधनों का भी प्रचुर भंडार है। बोलीविया और चिली के साथ मिलकर यह देश 'लिथियम ट्रायंगल' का हिस्सा है, जहां दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार है। भारत के लिए जो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और ग्रीन टेक्नोलॉजी में निवेश कर रहा है, ऐसे में यह साझेदारी बेहद अहम मानी जा रही है।
‘मोदी-मोदी’ के नारों से गूंजा अर्जेंटीना का आसमान
पीएम मोदी के होटल पहुंचने पर वहां मौजूद भारतीय समुदाय ने उनका स्वागत 'मोदी-मोदी' के नारों और ‘भारत माता की जय’ के उद्घोष से किया। बच्चों, महिलाओं और युवाओं ने पारंपरिक पोशाकों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए अपनी खुशी जाहिर की। प्रधानमंत्री ने भी बेहद आत्मीयता से लोगों का अभिवादन स्वीकार किया और कुछ देर संवाद भी किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर इस मुलाकात को ‘हमारे देशों के बीच स्थायी मित्रता का जश्न’ बताया।