ईरान पर इजरायल की ओर से किए गए भीषण हवाई हमलों में कितने निर्दोष लोग मारे गए? इसको लेकर ईरान की इस्लामिक गणराज्य के नई दिल्ली स्थित दूतावास ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर चौंकाने वाले आंकड़े साझा किए हैं। इस बयान में 13 जून को हुए इन हमलों को ईरान की क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय संप्रभुता पर सीधा हमला बताया गया है। दूतावास के मुताबिक, इजरायल ने ईरान के कई अहम इलाकों, खासकर घनी आबादी वाले रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बनाते हुए सैन्य कार्रवाई की, जिससे महिलाओं और बच्चों समेत कुल 224 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जबकि 1257 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
विज्ञप्ति में जोर दिया गया कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का खुला उल्लंघन हैं, जो किसी भी संप्रभु देश के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई की मनाही करता है। ईरान ने स्पष्ट किया कि वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के अंतर्गत आत्मरक्षा के अधिकार को सुरक्षित रखता है और आगे इसी आधार पर जवाबी कदम उठाने का दावा किया।
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि जब ईरान अमेरिका के साथ परमाणु मुद्दों और अन्य कूटनीतिक मामलों पर संवाद की प्रक्रिया में शामिल था, उसी दौरान इजरायल ने ये हमले करके वैश्विक कूटनीतिक संतुलन को खतरे में डाल दिया। ईरान ने दुनिया भर के देशों से अपील की है कि वे इजरायल की इस सैन्य आक्रामकता की कड़ी निंदा करें और इस तरह की कार्रवाइयों को रोकने के लिए त्वरित और ठोस कार्रवाई करें।
इजरायल पर परमाणु हमले की साजिश और वैज्ञानिकों की हत्या का आरोप
इसके अलावा ईरान ने इजरायल पर आरोप लगाया कि वह न केवल परमाणु हथियार विकसित कर रहा है बल्कि वह IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के प्रति जवाबदेह भी नहीं है। विज्ञप्ति में कहा गया कि इजरायल ने बार-बार ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला किया और जानबूझकर वैज्ञानिकों और विश्वविद्यालयों से जुड़े प्रोफेसरों को निशाना बनाया।
ईरान ने यह भी स्पष्ट किया कि उसकी सशस्त्र सेनाओं ने आत्मरक्षा के अंतरराष्ट्रीय सिद्धांत के तहत इजरायल के प्रमुख सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई की है। ईरानी दूतावास ने इजरायल को पश्चिम एशिया में अस्थिरता, युद्ध और मानवीय संकट का प्रमुख स्रोत करार देते हुए कहा कि यह शासन लगातार अपने पड़ोसी देशों की संप्रभुता का उल्लंघन करता है और क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल रहा है।