उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक देते ही तबाही मचा दी है। हल्द्वानी से बुधवार सुबह ऐसी भयावह घटना सामने आई जिसने पूरे शहर को झकझोर दिया। मूसलधार बारिश के बीच एक कार सिंचाई नहर में गिर गई और तेज बहाव में बहती चली गई। इस दर्दनाक हादसे में सात लोगों में से चार की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें एक मासूम बच्चा भी शामिल है। तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में जिंदगी से जूझ रहे हैं।
कैसे हुआ हादसा?
यह दर्दनाक घटना हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र के फायर ब्रिगेड कार्यालय के पीछे स्थित सिंचाई नहर में घटी, जहां सुबह से ही तेज बारिश हो रही थी। नहर के किनारे से गुजर रही कार अचानक अनियंत्रित हो गई और पानी से लबालब नहर में गिर पड़ी। तेज बहाव की वजह से कार कुछ दूर बहकर एक पुलिया में फंस गई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
रेस्क्यू टीम ने शीशे तोड़े, लेकिन चार की सांसें थम चुकी थीं
कार के नहर में गिरने की सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ और कार को बाहर निकालने की कोशिशें तेज की गईं। जब तक कार के शीशे तोड़कर लोगों को निकाला गया, तब तक चार लोगों की मौत हो चुकी थी। मृतकों में एक मासूम बच्चा भी शामिल है।
तीन घायलों की हालत नाजुक
हादसे में घायल तीन लोगों को तत्काल सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की एक टीम घायलों के इलाज में जुटी है। इस घटना ने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया है, और परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है।
एसपी सिटी का बयान और प्रशासन की सक्रियता
एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने पुष्टि की कि हादसे में चार लोगों की मौत हो चुकी है और तीन घायल हैं। उन्होंने बताया कि तेज बारिश के चलते कई नाले और नहरें उफान पर हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ गया है।
नगर आयुक्त ऋचा सिंह भी हालात का जायजा लेने सुबह से ही फील्ड में सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश नालों की सफाई पहले ही कर दी गई थी, इसलिए जलभराव की स्थिति अपेक्षाकृत कम है। फिर भी संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है।
लोगों से की गई सतर्कता की अपील
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे भारी बारिश के दौरान घरों से बाहर न निकलें, विशेषकर नालों, पुलियों और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें। दुर्घटना के बाद देवखड़ी, रक्सिया और कलसिया जैसे इलाकों में भी पानी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ा है।
हल्द्वानी की यह दर्दनाक घटना मानसून की भयावहता की ओर इशारा करती है। एक पल की चूक या प्राकृतिक आपदा की छोटी सी लहर भी इंसानी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। प्रशासन की सक्रियता और समय पर चेतावनियों के बावजूद अगर सतर्कता नहीं बरती गई तो ऐसे हादसे दोहराए जा सकते हैं। समय है कि सरकार, स्थानीय निकाय और आमजन मिलकर मानसून से निपटने की तैयारी में जुटें और अनमोल जिंदगियों को बचाने के हरसंभव प्रयास करें।