कभी किसी बेटी के चेहरे पर मुस्कान लाना, पूरे समाज को भावनात्मक रूप से जोड़ देता है। शुक्रवार को राज्य महिला सदन सांगानेर में ऐसा ही एक भावुक और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जब 11 आवासनियों का सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया। समारोह में खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शामिल हुए और वर-वधु को अपने स्नेहिल आशीर्वाद से नवाज़ा।
मुख्यमंत्री शर्मा ने मंच से कहा कि ऐसे सामूहिक विवाह सम्मेलन सिर्फ रस्म अदायगी नहीं हैं, बल्कि ये जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की लौ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक सोच और सौहार्द का वातावरण तैयार करते हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनते हैं।
लाडलियों की पसंद को मिली प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले सम्मेलन के बाद 1900 से अधिक युवकों ने यहां की बेटियों से विवाह की इच्छा जताई थी। इनमें से 11 योग्य युवकों का चयन किया गया, जो आज इन बेटियों के जीवनसाथी बने हैं। उन्होंने गर्व से कहा कि चयन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रही और इसमें बेटियों की मर्यादा, सम्मान और पसंद को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
जब मुख्यमंत्री ने यह बात कही, तो वहां मौजूद परिजनों और आमजनों के चेहरों पर संतोष और गर्व का भाव साफ झलक रहा था — मानो कोई अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य की नींव रख रहा हो।
महिला सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता को दोहराया
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा, "हमारा संकल्प है कि प्रदेश की हर बेटी आत्मनिर्भर बने, शिक्षित हो और समाज में अपनी अलग पहचान बनाए।" उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने महिलाओं के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका सीधा लाभ लाखों बेटियों और महिलाओं को मिल रहा है। यह बात उन्होंने सिर्फ कहने के लिए नहीं, बल्कि उदाहरणों के साथ साझा की — जिससे जनता को यह अहसास हो सके कि सरकार सिर्फ वादे नहीं करती, उन्हें जमीनी स्तर पर पूरा भी करती है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का ज़िक्र
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 21 हजार से 51 हजार रुपये तक की सहायता राशि दी जा रही है। पिछले डेढ़ वर्ष में 13,000 से अधिक बेटियों को 71 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यह योजना न केवल आर्थिक सहारा देती है, बल्कि बेटियों के भविष्य को आत्मसम्मान और सशक्तिकरण के साथ जोड़ती है।
‘लाडो’ योजना बनी गेम-चेंजर
मुख्यमंत्री ने ‘लाडो प्रोत्साहन योजना’ का भी जिक्र किया और बताया कि यह योजना बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करने, स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक गेम-चेंजर के रूप में उभर रही है। यह शब्द ‘गेम-चेंजर’ दर्शाता है कि यह पहल सिर्फ योजना नहीं, बल्कि सोच में क्रांति लाने वाला कदम है।
सम्मेलन बना आत्मनिर्भरता की नई सुबह
सम्मेलन के समापन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन केवल विवाह समारोह नहीं, बल्कि हमारी सरकार की सामाजिक समावेशन और महिला सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने 11 बेटियों और उनके जीवनसाथियों को सुखी वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दीं और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 21-21 हजार रुपये के चेक भेंट किए। कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत सहित विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।