कोटा: नागौर सांसद और आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के निजी घर का बिजली कनेक्शन बकाया बिल के चलते काट दिया गया और यह खबर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, जो इस समय कोटा दौरे पर हैं, ने स्पष्ट और दो टूक शब्दों में कहा कि बिजली का बकाया होना चाहे किसी आम नागरिक का हो या फिर किसी सांसद का, कार्रवाई एक समान रूप से ही होगी। उनके शब्दों में एक सामान्य-से-व्यक्ति के प्रति भी वही कड़ाई, जो किसी VIP के लिए होगी — यही सच्चे लोकतंत्र का संकेत है।
बिजली बकाया पर कोई रियायत नहीं
हीरालाल नागर ने कहा, “बिजली कनेक्शन काटना कोई असामान्य या विशेष कार्रवाई नहीं है। जैसे एक आम व्यक्ति का बिजली बिल बकाया होता है तो कनेक्शन काट दिया जाता है, वैसे ही किसी जनप्रतिनिधि पर भी यही नियम लागू होता है।” इस बयान में सिर्फ प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि समानता की भावना झलकती है — जहां हर नागरिक, चाहे वो बड़ा नेता हो या सामान्य परिवार का सदस्य, नियमों के अधीन ही रहेगा।
जनप्रतिनिधियों की ज़िम्मेदारी और भी ज़्यादा
मंत्री नागर ने अपनी बात में एक सार्थक सामाजिक पहलू भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि, “जनप्रतिनिधि जनता के रोल मॉडल होते हैं। अगर वे खुद ही बिल नहीं भरते, तो आम लोग उनसे क्या सीखेंगे?”
उनका यह कहना वास्तव में गंभीर सोच को दर्शाता है कि जब नेता ही नियमों को नहीं मानेंगे, तो बाकी जनता से हम क्या अपेक्षा करेंगे? उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह की बुरी आदतों पर लगाम जरूरी है, क्योंकि इससे सिस्टम की साख और भरोसा दोनों टूटता है।
बिजली चोरी पर भी मंत्री ने जताई सख्ती
हीरालाल नागर ने यह भी स्पष्ट किया कि मामला सिर्फ नागौर तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि, “पूरे राजस्थान में जहां कहीं भी बिजली चोरी या बकाया है, वहां कार्रवाई होनी चाहिए। ईमानदारी से बिल भरने वाले उपभोक्ताओं का भरोसा तभी कायम रहेगा जब सभी के साथ एक जैसा व्यवहार हो।”
उनका यह बयान उन लोगों के लिए भी एक साफ चेतावनी है जो बिजली का अनधिकृत उपयोग कर रहे हैं। मंत्री ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति बिजली चोरी की सूचना देता है तो सरकार उस पर तुरंत और बिना भेदभाव के कार्रवाई करेगी।
पार्टी देखकर नहीं होती कार्रवाई — मंत्री का स्पष्ट संकेत
जब मंत्री नागर से पूछा गया कि क्या यह कार्रवाई राजनीतिक पक्षपात का हिस्सा है, तो उन्होंने साफ कहा, “हमारी सरकार पार्टी देखकर कार्रवाई नहीं करती। नियमों का उल्लंघन करने वाला कोई भी हो, उस पर सख्त कार्रवाई होगी।”
इस वक्तव्य से एक बात तो साफ हो गई कि सरकार पारदर्शिता और निष्पक्षता के सिद्धांत पर काम कर रही है, और किसी भी तरह का राजनीतिक चश्मा लगाकर निर्णय नहीं लिया जा रहा है।