कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ कितनी असरदार है वैक्सीन, जानें इसको लेकर क्या कहती है केंद्र सरकार

By: Pinki Tue, 29 June 2021 1:05:03

कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ कितनी असरदार है वैक्सीन, जानें इसको लेकर क्या कहती है केंद्र सरकार

भारत में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर चिंता बनी हुई है। इस बीच कोविड कार्यबल के प्रमुख वी के पॉल ने सोमवार को कहा है कि जिस अप्रत्याशित तरीके से कोरोना वायरस का व्यवहार बदलता है, उसमें कोविड महामारी की किसी लहर की कोई तारीख नहीं बतायी जा सकती।

पीटीआई-भाषा से बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी भी आकार की महामारी की नई लहर कई बातों पर निर्भर करती है। वर्तमान महामारी के मामले में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के समुचित व्यवहार, परीक्षण और संक्रमण की रोकथाम के लिए रणनीति के मामले में व्यापक अनुशासन और टीकाकरण की दर पर निर्भर करेगा। वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप के बारे में पूछे जाने पर पॉल ने कहा कि इसके बारे में वैज्ञानिक जानकारी काफी शुरुआती चरण की है।

उन्होंने यह भी कहा कि ‘अनुशासन और महामारी से निपटने के लिए प्रभावी कदम’ देश को किसी भी तरह के बड़े संकट से दूर रखने में मददगार हो सकते हैं। उन्होंने कहा की अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक आंकड़ा नहीं है, जिससे यह स्थापित हो कि यह एक से दूसरे में तेजी से फैलने वाला है या फिर कोविड के टीके का असर कम करता है।

उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, वायरस का अप्रत्याशित व्यवहार महामारी की गतिशीलता को भी बदल सकता है। ऐसे परिदृश्य में, उनका जटिल कारक संक्रमण के फैलने और उसके प्रकोप को निर्धारित करेगा।'

उन्होंने कहा, 'महामारी की और लहर आएगी या नहीं, यह हमारे अपने वश में नहीं है। मेरे हिसाब से, लहर की कोई तारीख नहीं बतायी जा सकती है।'

उल्लेखनीय है कि देश में कोविड महामारी की दूसरी लहर में एक समय संक्रमितों की संख्या रोजाना चार लाख से ऊपर पहुंच गयी थी, जो पिछले कुछ दिनों में घटकर 50,000 के करीब आ गयी है। इसके साथ देश के कई राज्यों में पाबंदियों में ढील भी दी जा रही है।

उन्होंने कहा, 'अगर हम दृढ़ संकल्प और अनुशासन के साथ काम करते हैं तथा महामारी से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाते हैं तो हम संक्रमण की किसी नई लहर से बच सकते है।'

उन्होंने कहा, 'डेल्टा स्वरूप में जो अतिरिक्त बदलाव है, क्या उससे संक्रमण तेजी से फैलेगा या उसके संक्रमण से बीमारी ज्यादा गंभीर होगी अथवा टीके के प्रभाव पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, इन सबके बारे में अब तक कोई बात स्थापित नहीं हुई है। हमें इस बारे में अभी और सूचना का इंतजार करना चाहिए।'

कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस के विरुद्ध कोवैक्सीन और कोविशील्ड की प्रतिरोधक क्षमता के बारे में पॉल ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक आकलन के अनुसार दोनों टीके डेल्टा प्लस समेत कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों के विरुद्ध प्रभावी हैं।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित टीकों का मार्ग प्रशस्त करने को लेकर चर्चा चल रही है। इस मुद्दे के कई आयाम हैं और हम जल्द से जल्द ऐसा रास्ता खोजने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर सभी की सहमति हो। हम हर संभव तरीके से इस मामले में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं।'

भारत बायोटेक के कोवैक्सिन आवेदन मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बारे में पूछे जाने पर, पॉल ने कहा कि प्रक्रिया बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है।

उन्होंने कहा, 'कंपनी ने पिछले सप्ताह अतिरिक्त दस्तावेज जमा किये हैं। हम आंकड़ों की शीघ्र समीक्षा देखना चाहते हैं और उम्मीद है कि निर्णय बहुत जल्द आएगा।'

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप डेल्टा प्लस का पता 11 जून को चला और इसे ‘चिंताजनक’ श्रेणी में रखा गया है।

अब तक मिले 66 मरीज

आपको बता दे, अब तक देश के 12 राज्यों में मिला डेल्टा प्लस तेजी से फैल रहा है। डेलटा प्लस के नए मामले 60 का आंकड़ा पार कर चुके हैं। स्थिति यह है कि बीते एक सप्ताह में महाराष्ट्र में 14 नए मामले सामने आए हैं। वहीं दिल्ली और पश्चिम बंगाल में भी इस वैरिएंट की मौजूदगी की आशंका व्यक्त की गई है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी की एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि महाराष्ट्र में 14 और नए मामले डेल्टा प्लस के मिले हैं। अब तक यहां 34 मरीज डेल्टा प्लस से संक्रमित मिल चुके हैं। इसी तरह मध्यप्रदेश से जांच के लिए पहुंचे सैंपल में तीन और डेल्टा प्लस संक्रमित मिले हैं। इस तरह देश में डेल्टा प्लस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 66 हो चुकी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, केरल, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओड़िशा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में डेल्टा प्लस के मामले सामने आ चुके हैं। जबकि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में भी इस वैरिएंट को संदिग्ध माना गया है। जानकारी मिली है कि इसी सप्ताह में इन चार राज्यों में डेल्टा प्लस की मौजूदगी का पता चल सकता है।

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