ईरान और इजराइल के बीच छिड़े भीषण युद्ध के बीच, भारत सरकार तेहरान में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने की कड़ी कोशिशों में जुटी हुई है। इसी संदर्भ में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि ईरान में फंसे जम्मू-कश्मीर के छात्रों को किन सुरक्षित मार्गों से भारत लाया जाएगा और इस प्रक्रिया की निगरानी वह स्वयं विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर कर रहे हैं।
छात्रों को तेहरान से निकालने की रणनीति तैयार
सीएम उमर अब्दुल्ला ने बताया कि बीते कई दिनों से सरकार की कोशिश जारी थी। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से कई बार संपर्क कर इस पूरे ऑपरेशन पर चर्चा की और आश्वासन प्राप्त किया कि एक समन्वित योजना के तहत सबसे पहले उन छात्रों को तेहरान और इस्फहान जैसे अत्यधिक संवेदनशील इलाकों से सुरक्षित निकाला जाएगा, जहां खतरा ज्यादा है।
पहले सुरक्षित जोन फिर आर्मेनिया, फिर भारत
सीएम ने आगे बताया कि प्रारंभिक योजना के तहत छात्रों को पहले ईरान के अपेक्षाकृत शांत शहर कोम भेजा गया, ताकि उन्हें अस्थायी सुरक्षा मिल सके। लेकिन चूंकि ईरान के ज्यादातर एयरपोर्ट और बंदरगाह बंद हैं, ऐसे में एक वैकल्पिक और सुरक्षित मार्ग के तौर पर छात्रों को आर्मेनिया लाने का निर्णय लिया गया, जहां से उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
#WATCH | Srinagar | On evacuation of Indians stranded in Iran, J&K CM Omar Abdullah says, "I had been in touch with the Ministry of External Affairs. I also spoke to External Affairs Minister Dr S Jaishankar. He assured me that our students would be evacuated from those areas… pic.twitter.com/AxvVt2Uk8S
— ANI (@ANI) June 17, 2025
इजराइल-ईरान युद्ध का पृष्ठभूमि
इस बीच, ईरान और इजराइल के बीच हालिया टकराव पूर्ण युद्ध में तब्दील हो चुका है। इजराइल ने शुक्रवार रात को ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इसके जवाब में ईरान ने भी पलटवार किया और इजराइल पर हमला किया। दोनों देशों के बीच लगातार हो रहे हमलों ने पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र को संकट में डाल दिया है।
छात्रों की सुरक्षित निकासी से मिली राहत
तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने 110 छात्रों को सुरक्षित आर्मेनिया पहुंचा दिया है, जिनमें से अधिकतर जम्मू-कश्मीर से हैं। इससे उन परिवारों को काफी राहत मिली है जो अपने बच्चों की सलामती को लेकर चिंतित थे। अब इन छात्रों को जल्द ही आर्मेनिया से भारत लाया जाएगा, ताकि वे सकुशल अपने घर पहुंच सकें।
विदेश मंत्रालय की चेतावनी
विदेश मंत्रालय ने तेहरान में रह रहे अन्य भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने और यदि संभव हो तो परिवहन के साधनों से शहर से बाहर निकलने की सलाह दी है, क्योंकि स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
ईरान में कितने भारतीय हैं?
2022 के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 2,050 भारतीय छात्र ईरान की प्रमुख यूनिवर्सिटीज़ जैसे तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, शाहिद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी और इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें मेडिकल स्टूडेंट्स की संख्या सर्वाधिक है। इसके अलावा, विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ईरान में कुल 10,765 भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें से अधिकतर छात्र और कारोबारी हैं।