श्रीलंका: आर्थिक संकट के विरोध में हिंसा-आगजनी-सड़कों पर जनसैलाब, आपातकाल लागू

By: Priyanka Maheshwari Sat, 02 Apr 2022 09:08:23

श्रीलंका: आर्थिक संकट के विरोध में हिंसा-आगजनी-सड़कों पर जनसैलाब, आपातकाल लागू

श्रीलंका वर्तमान में इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी लाइनें लगी है, कम आपूर्ति में जरूरी सामान और घंटों बिजली कटौती से जनता हफ्तों से परेशान है। श्रीलंका में गहराती आर्थिक समस्या को लेकर लोग सड़क पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। आगजनी, हिंसा, प्रदर्शन, सरकारी संपत्तियों में तोड़ फोड़ चल रही है। लंबे पावर कट, खाने-पीने की चीजों की किल्लत से जूझ रहे श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने शुक्रवार को आपातकाल का ऐलान कर दिया।आदेश में कहा गया है कि देश की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के रखरखाव के लिए ये फैसला लिया गया है। श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि देश में कानून व्यवस्था कायम रखने, आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को जारी रखने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया है। इसलिए पूरे श्रीलंका में आपातकाल लागू किया जाता है। राष्ट्रपति के इस फैसले के बाद सेना संदिग्धों को बिना किसी मुकदमे के गिरफ्तार कर सकती है और लंबे समय तक हिरासत में रख सकती है। आपातकालीन नियमों के तहत, राष्ट्रपति किसी भी संपत्ति पर कब्जा करने और किसी भी परिसर की तलाशी लेने के लिए हिरासत को अधिकृत कर सकते हैं। वे किसी भी कानून को बदल या निलंबित भी कर सकते हैं।

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जनता का गुस्सा

प्रतिबंधों, किल्लतों और दिक्कतों का सामना कर रही श्रीलंका की जनता शुक्रवार रात को कोलंबो में सड़कों पर उतर आई। 5000 से ज्यादा लोगों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के घर की ओर रैली निकाली। भीड़ राष्ट्रपति के घर तक आना चाहती थी। इस दौरान भीड़ की पुलिस से झड़प हुई है जिसके बाद 54 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। बेकाबू प्रदर्शन कारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े हैं और पानी की बौछार की है।

श्रीलंका के वरिष्ठ पुलिस प्रवक्ता अजीत रोहाना ने कहा कि हिंसा, मारपीट और आगजनी में 24 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं, कई नागरिक भी घायल हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार और सेना की कई गाड़ियों में आग लगा दी है। मंदी, विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहे श्रीलंका में प्रदर्नकारियों और बलवाइयों ने करोड़ों रुपये की संपत्ति को आग लगा दी है। पुलिस का कहना है कि इनकी पहचान की जाएगी और इनके खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने का मुकदमा चलाया जाएगा।

इससे पहले गुरुवार देर रात हजारों लोगों ने राष्‍ट्रपति राजपक्षे के निवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन और पथराव किया। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस हिंसक टकराव में कम से कम 5 पुलिसकर्मियों समेत 10 लोग घायल हुए। हिंसा के आरोप में 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उधर, राजपक्षे की सरकार को समर्थन दे रही 11 पार्टियों ने कैबिनेट भंग कर अंतरिम सरकार के गठन की मांग की है। इनका कहना है कि हालिया कैबिनेट बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हुई है।

अर्थव्यवस्था पर टूरिज्म का बड़ा रोल

श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म सेक्टर का बड़ा रोल है, लेकिन कोरोना की मार से यह पहले ही ठप पड़ा है। टूरिज्म देश के लिए फॉरेन करेंसी का तीसरा बड़ा सोर्स है। इसके कमजोर पड़ने से देश का विदेश मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है। करीब 5 लाख श्रीलंकाई सीधे पर्यटन पर निर्भर, जबकि 20 लाख अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़े हैं। श्रीलंका की GDP में टूरिज्म का 10% से ज्यादा योगदान है। टूरिज्म से सालाना करीब 5 अरब डॉलर (करीब 37 हजार करोड़ रुपए) फॉरेन करेंसी श्रीलंका को मिलती है।

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