जयपुर। उच्च शिक्षा के मंदिर में कानून की डिग्री देने वालों द्वारा ही कानून की पालना नहीं करने का मामला सामने आया है। बिना आंतरिक मूल्यांकन के ही मुख्य परीक्षा में बैठाया। राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि कॉलेज में सत्र 2024-25 में तीन वर्षीय लॉ के प्रथम सेमेस्टर में आन्तरिक मूल्यांकन के बिना ही सीधे ही मुख्य परीक्षा में बैठा दिया। ऐसे में जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते 660 छात्र छात्राओं का भविष्य संकट में आ गया है। नियमों की पालना नहीं करने पर अब परीक्षा परिणाम जारी करने पर भी संकट खड़ा हो गया है।
मौजूदा स्थिति में जिम्मेदार खानापूर्ति कर मामले को निपटाने में लगे है। मामला सामने आने के बाद अधिकारियों के होश उड़े हैं।
इस मामले में राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजीव सोनी का कहना है कि एलएलबी तीन वर्षीय कोर्स का सत्र 2024-25 देरी से प्रारम्भ हुआ, लेकिन परीक्षा के आवेदन समय पर भराए गए थे। आन्तरिक परीक्षा मूल्यांकन (इंटरनल) प्रक्रिया के बारे में पॉलिसी में पहले या बाद में कराने का उल्लेख नहीं था, लेकिन अब दूसरे सेमेस्टर परीक्षा में पहले आन्तरिक मूल्यांकन फिर मुख्य परीक्षा आयोजित की जाएगी।
संबंधित अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि पहले तो विधि में एनईपी-2020 पॉलिसी लागू नहीं होती और दूसरा यह कि पॉलिसी में इंटरनल का पहले या बाद में कहीं भी उल्लेख नहीं था, लेकिन अब दूसरे सेमेस्टर से सही सिस्टम लागू हो जाएगा। जिससे छात्रों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।
सत्र 2024-25 में सेमेस्टर सिस्टम लागू
एलएलबी तीन वर्षीय कोर्सेज सत्र 2024-25 में सेमेस्टर सिस्टम लागू कर अगस्त -2024 से प्रारंभ किया। इससे पहले स्टाफ काउंसिल की मीटिंग में पारित प्रस्ताव के अनुरुप पाठ्यक्रम को तैयार किया जाना था। सिलेबस को जनवरी -2025 में विवि की वेबसाइट पर अपलोड किया गया। जिसके चलते सेमेस्टर प्रथम में आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया को लिखित प्रक्रिया से पहले पूर्ण करना था, लेकिन ऐसा नहीं करने पर विधि कॉलेज प्रशासन के सामने दिक्कत खड़ी हो गई है।
पांच विषयों की मुख्य परीक्षा का आयोजन इस साल 21 जनवरी से 29 जनवरी तक, जिसमें लॉ ऑफ कान्ट्रेक्ट, फैमिली लॉ, संविधान कानून, लॉ ऑफ टोर्ट, लीगल विधि विषय शामिल।
प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट जमा कराने एवं प्रस्तुतिकरण की परीक्षा 7 व 8 फरवरी को सुबह 8:30 से दोपहर 1:30 बजे तक आयोजित किया गया।
अब परीक्षा का परिणाम जारी करने पर भी संकट आ गया है। कारण नियमानुसार पहले आंतरिक मूल्यांकन और बाद में मुख्य परीक्षा आयोजित कराना था। अब नियमानुसार नहीं होने पर भविष्य पर तलवार लटकी है।
विशेषज्ञों का कहना है
विशेषज्ञ के अनुसार अगर लॉ में एनईपी-2020 लागू कर रखी है तो प्रथम सेमेस्टर में पहले आंतरिक परीक्षा मूल्यांकन फिर मुख्य परीक्षा होनी चाहिए। ऐसा नहीं करके कानून की डिग्री देने वाले ही कानून की पालना नहीं कर रहे है, जो सही नहीं है। ऐसा नहीं होने पर बिना इंटरनल के ही मुख्य परीक्षा में बैठ ही नहीं सकता और अगर बैठा दिया तो परिणाम भी जारी करने में भी दिक्कत है।