महाकुंभ के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका है प्रयागराज, योगी सरकार ने बदल दी सूरत

By: Rajesh Bhagtani Thu, 02 Jan 2025 8:24:23

महाकुंभ के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका है प्रयागराज, योगी सरकार ने बदल दी सूरत

प्रयागराज। कभी संकरी और खस्ताहाल सड़कों के लिए पहचाने जाने वाले प्रयागराज का आज कायाकल्प हो चुका है। पहले कुंभ 2019 और अब महाकुंभ 2025 को देखते हुए योगी सरकार ने यहां की सूरत ही बदल दी है। 2019 कुंभ के दृष्टिगत जो विकास कार्य हुए, उसे 2025 महाकुम्भ में और विस्तार देते हुए स्थाई कार्यों पर जोर दिया गया है।

सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुंभ के लिए बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया गया है। आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी तरह की परेशानी न हो, इसको देखते हुए इस बार 200 सड़कों का निर्माण और विकास किया गया है। इन सड़कों को 3 लाख पौधों और एक लाख हॉर्टिकल्चर सैंपलिंग से सजाया गया है। कुल मिलाकर महाकुंभ के दौरान जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आएंगे तो यहां की सड़कों और उनके सौंदर्यीकरण की मनमोहक छवि के साथ यादगार अनुभव लेकर वापस जाएंगे।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, प्रयागराज में महाकुंभ के महा आयोजन को देखते हुए कुल 200 ऐसी सड़कें हैं, जिनका उन्नयन किया गया है। इसमें नई सड़कों का भी निर्माण हुआ है, जबकि सड़कों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण भी किया गया है। सड़कों के निर्माण और विकास में तीनों विभागों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें सबसे ज्यादा काम प्रयागराज नगर निगम की ओर से किया गया है, जिसने कुल 78 सड़कों का नव निर्माण, चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण करने में सफलता प्राप्त की है।

इसके बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 74 और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने कुल 48 सड़कों का विकास किया है। इसके साथ ही सड़कों का सौंदर्यीकरण भी किया गया है। खासतौर पर विभिन्न तरह के पौधों को यहां सजाया गया है, जबकि हॉर्टिकल्चर सैंपलिंग्स भी की गई है। इन 200 सड़कों पर कुल मिलाकर तीन लाख पौधों को रोपित किया गया है, जबकि एक लाख हॉर्टिकल्चर सैंपलिंग्स को प्लांट किया गया है। इन्हीं सड़कों के माध्यम से श्रद्धालुओं का संगम तक आवागमन सुगम हो सकेगा और उन्हें दिव्य आनंद की अनुभूति प्राप्त होगी।

इन सड़कों का निर्माण तीनों विभागों के लिए कतई आसान नहीं रहा है। इसके लिए इन्हें कई तरह की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। उदाहरण के तौर पर निर्माण के दौरान कई ऐसे स्थल थे, जहां पर एंक्रोचमेंट था जिन्हें हटाया गया है।

श्रद्धालुओं के साथ ही प्रयागराज वासियों की सुविधा के लिए निर्मित इन सड़कों के विकास के लिए कुल मिलाकर 4426 एंक्रोचमेंट को ध्वस्त किया गया है। इसी तरह, कई स्थलों पर निर्माण को लेकर कोर्ट केस का भी सामना करना पड़ा है। कुल मिलाकर 82 कोर्ट केसेस को रिजॉल्व किया गया है। वहीं, निर्माण के दौरान 4893 इलेक्ट्रिक पोल्स को भी यहां से शिफ्ट करने में सफलता प्राप्त हुई है। इतना ही नहीं, सड़कों के निर्माण के साथ-साथ 170 किमी. लंबी अंडरग्राउंड केबलिंग भी की गई है।

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