चंडीगढ़। खडूर साहिब से सांसद और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर लागू राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) को पंजाब सरकार ने एक बार फिर बढ़ा दिया है। इस फैसले के चलते अब अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल में एक और साल बिताना होगा। यह विस्तार उस समय हुआ है जब उनका वर्तमान एनएसए 22 अप्रैल को समाप्त होने वाला था।
पंजाब सरकार ने क्यों बढ़ाया NSA?
अधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, अमृतसर की उपायुक्त साक्षी साहनी की सिफारिश के बाद यह निर्णय लिया गया। इसमें कई ऑडियो क्लिप, रिकॉर्डिंग्स और दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा गया है कि अगर अमृतपाल सिंह को रिहा किया गया तो राज्य की कानून-व्यवस्था को खतरा हो सकता है। यही कारण है कि उन्हें अब और एक वर्ष तक हिरासत में रखने का फैसला लिया गया है।
पंजाब वापसी की तैयारी, लेकिन अचानक बढ़ा आदेश
सूत्रों के अनुसार, पंजाब पुलिस अमृतपाल को लाने के लिए पहले ही असम रवाना हो चुकी थी। लेकिन 17 अप्रैल को अचानक सरकार की ओर से एनएसए के विस्तार का आदेश जारी कर दिया गया। इस फैसले ने न सिर्फ अमृतपाल के समर्थकों बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है।
वकील बोले— ‘सरकार ने घबराहट में लिया फैसला’
अमृतपाल सिंह के वकील ईमान सिंह खारा ने आम आदमी पार्टी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बैसाखी के दिन हुई एक बड़ी सभा के बाद सरकार घबरा गई है और अमृतपाल की लोकप्रियता को देखते हुए उसे पंजाब में प्रवेश से रोकने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सब एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है और हम जल्द ही अदालत में इस आदेश को चुनौती देंगे।
राजनीतिक विरोध भी तेज
फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने भी इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि अमृतपाल सिंह अब पंजाब की जनता की आवाज बन चुके हैं, और इसी डर से सरकार उन्हें रोके रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि एनएसए का विस्तार केवल एक राजनीतिक हथकंडा है।
धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने जताया विरोध
भर्ती कमेटी के सदस्यों समेत कई जत्थेदारों और नेताओं ने इस फैसले को असंवैधानिक और सिख समुदाय के खिलाफ बताया है। जारी बयान में कहा गया कि सरकारों का रवैया सिखों के साथ दोहरा है—एक तरफ तो वर्षों से जेल में बंद सिखों की रिहाई नहीं की जा रही और दूसरी ओर जन प्रतिनिधियों पर अनुचित तरीके से NSA लागू किया जा रहा है।
क्या कहती है जनभावना?
समर्थकों का कहना है कि अमृतपाल सिंह न सिर्फ अपने संसदीय क्षेत्र बल्कि पूरे पंजाब की आवाज संसद में उठा रहे हैं और उन पर लगाया गया NSA उनके संवैधानिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है। मांग की जा रही है कि उन पर से NSA हटाकर उन्हें तुरंत पंजाब लाया जाए।