महाराष्ट्र दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कुछ विधायकों ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की। सूत्रों के अनुसार, विधायकों ने अमित शाह से आग्रह किया कि अजित पवार की बढ़ती दखलअंदाजी पर रोक लगाई जाए। इस शिकायत को लेकर वे शाह के हस्तक्षेप की मांग कर रहे थे। लेकिन शाह ने इस पर विधायकों को कुछ अलग ही संदेश दिया।
क्या कहा अमित शाह ने बीजेपी विधायकों से?
सूत्र बताते हैं कि जब बीजेपी विधायक अजित पवार की गतिविधियों को लेकर अमित शाह के पास पहुंचे, तो शाह ने पलटकर कहा कि दरअसल अजित पवार को ही उनकी शिकायत लेकर आना चाहिए। शाह ने विधायकों को सलाह दी कि वे शिकायत करने में समय गंवाने के बजाय सभी मंत्रियों के कार्यों के पीछे लगें और योजनाओं को तेज़ी से आगे बढ़ाएं। अमित शाह ने कहा कि बीजेपी के पास विधायकों की बहुमत संख्या है, ऐसे में उन्हें किसी से डरने या पीछे हटने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने साफ निर्देश दिए कि प्रशासनिक और सरकारी स्तर पर आक्रामक रुख अपनाकर काम किया जाए। शाह ने यह भी कहा कि हमें 'महायुती' गठबंधन के रूप में ही आगे बढ़ना होगा। यह घटना नांदेड़ में एक सभा के दौरान हुई, जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले भी मौजूद थे।
विधायकों की शिकायतें नहीं थमीं
बीजेपी विधायकों का आरोप है कि 2024 के विधानसभा चुनावों में अजित पवार ने जानबूझकर पार्टी उम्मीदवारों के सामने विपक्षी उम्मीदवारों को मज़बूत करने की कोशिश की। उनका कहना है कि अब आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनज़र भी अजित पवार बीजेपी की स्थिति कमजोर कर विपक्ष को बल देने का प्रयास कर रहे हैं। यही कारण है कि कई विधायकों और मंत्रियों ने अमित शाह के सामने अपनी-अपनी शिकायतें रखीं और अजित पवार की भूमिका पर सवाल उठाए।
शाह का स्पष्ट संदेश: पीछे हटने की ज़रूरत नहीं
इस पर शाह ने दो टूक कहा, “हमारी विधायकों की संख्या ज़्यादा है, इसलिए हमें पीछे हटने की ज़रूरत नहीं है। प्रशासन और शासन के स्तर पर कामों को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाएं।” उन्होंने साफ कर दिया कि कोई भी भ्रम या डर की स्थिति में न रहे और ठोस रणनीति के साथ सरकार और संगठन के कार्यों को पूरा करें।
"अजित पवार को मेरे पास शिकायत लेकर आनी चाहिए" – शाह
सूत्रों का कहना है कि अमित शाह ने दोहराया कि शिकायत तो अजित पवार को लेकर आनी चाहिए, ना कि बीजेपी विधायकों को उनके खिलाफ शिकायत करते रहना चाहिए। इस दौरान यह भी जानकारी सामने आई है कि मुंबई, ठाणे और पुणे जैसे शहरी क्षेत्रों में बीजेपी अकेले चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है। अमित शाह ने राज्य के नगर निगम चुनावों को लेकर भी संकेत दिए और स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं की चुनावी तैयारियों की समीक्षा की।