मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव हुआ रोचक, मैदान में उतरी जनता दल (यू)

By: Rajesh Bhagtani Wed, 25 Oct 2023 3:02:24

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव हुआ रोचक, मैदान में उतरी जनता दल (यू)

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इंडिया (I.N.D.I.A.) में टिकटों को लेकर गठबंधन की संभावना खत्म हो चुकी है। समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बाद अब महागठबंधन के सहयोगी जनता दल (यू) (JDU) ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने फिलहाल पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। कहा जा रहा है कि एक-दो दिन में एक दर्जन और सीटों पर जनता दल (यू) अपने प्रत्याशी उतार सकती है। इंडिया में खींचतान से भारतीय जनता पार्टी (BJP) बेहद खुश है।

पांच सीटों पर जदयू के उम्मीदवार


ज्ञातव्य है कि मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होना है। नतीजा 3 दिसम्बर को आएगा। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है। इसी बीच मंगलवार को जनता दल (यू) ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करते हुए चंद्रपाल यादव को पिछोर, रामकुंवर (रानी) रैकवार को राजनगर, शिव नारायण सोनी को विजयराघवगढ़, तोल सिंह भूरिया को थांदला और रामेश्वर सिंघार को पेटलावद से चुनावी मैदान में उतारा है।

समाजवादी पार्टी उतार चुकी है 42 उम्मीदवार


जेडी(यू) ने न केवल कांग्रेस बल्कि समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट के सामने भी अपना प्रत्याशी खड़ा कर दिया है। राजनगर सीट पर अखिलेश यादव अपने उम्मीदवार की घोषणा कर चुके हैं। कांग्रेस के विक्रम सिंह के साथ सपा के बृजगोपाल उर्फ बबलू पटेल को जेडीयू के रामकुंवर रैकवार से चुनौती मिलेगी। कांग्रेस से समझौता न होने के बाद सपा अब तक 42 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है।

विजयराघवगढ़ सीट

कटनी जिले की विजयराघवगढ़ से भाजपा के संजय पाठक विधायक हैं, जो पिछले 15 वर्षों से लगातार जीतते आ रहे हैं। संजय पाठक पहले कांग्रेस में हुआ करते थे लेकिन उन्होंने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। साल 2013 की शिवराज कैबिनेट में संजय पाठक मंत्री भी थे। इस बार यहां से भाजपा के कई नेता कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। यही कारण है कि मौजूदा विधायक ने अपना दमखम दिखाने के लिए हाल ही में जनादेश के नाम पर निजी वोटिंग कराते टिकट के लिए दबाव बनाया था। भाजपा ने संजय पाठक को फिर से टिकट दी है और उनके मुकाबले कांग्रेस ने नया चेहरा नीरज बघेल के रूप में उतारा है। अब जनता दल यू का कैंडिडेट भी यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बना सकता है।

थांदला सीट

आदिवासी बहुल झाबुआ जिले की थांदला विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। 1990 से लेकर अब तक हुए चुनावों में 5 बार यहां पर कांग्रेस विजयी हुई है। जबकि, भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ एक बार ही जीत मिली है। थांदला विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने कलसिंह भाभर को टिकट दी है। कांग्रेस ने अपने विधायक वीरसिंह भूरिया के चेहरे पर एक बार फिर भरोसा जताया है। आईएनडीआईए गठबंधन के सहयोगी जनता दल यू ने भी यहां से अपना उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस को असहज कर दिया है।

पेटलावाद सीट

मालवा क्षेत्र के झाबुआ जिले में पेटलावद विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। पिछले विधानसभा चुनाव कांग्रेस के प्रत्याशी मैड़ा वालसिंह ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने एक बार फिर उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा उम्मीदवार निर्मला दिलीपसिंह भूरिया को भी फिर से टिकट दिया है, जिन्हें पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। अब जनता दल (यू) ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा करके मुकाबले को रोचक बना दिया है।

पिछोर सीट

यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। पिछोर से कांग्रेस के केपी सिंह 6 बार विधायक रहे। फिलहाल केपी सिंह को शिवपुरी से टिकट दिया है। कांग्रेस ने यहां से पहले शैलेंद्र सिंह को टिकट दिया था लेकिन बाद में उनका नाम काटते हुए जातीय समीकरण के हिसाब से अरविंद लोधी को टिकट दिया है। अब जनता दल (यू) के उम्मीदवार के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है।

राजनगर सीट

छतरपुर जिले की राजनगर सीट पर कांग्रेस का 3 बार से कब्जा है। इसलिए राजनगर सीट को लेकर भाजपा ने जमकर जोर लगाया है। 15 सालों से भाजपा को यहां जीत नहीं मिली है। साल 2018 में यहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। विक्रम सिंह नातीराज ने भारतीय जनता पार्टी के अरविंद पटेरिया को हराया था। भाजपा ने एक बार फिर अरविंद पटेरिया को टिकट दिया है। 2018 के चुनाव में भी यहां चतुष्कोणीय जंग दिखी थी। राज नगर सीट पर समाजवादी पार्टी और जनता दल (यू) के मैदान में उतर जाने से मुकाबला एक बार फिर चतुष्कोणी होता दिख रहा है।

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