जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकवादियों के देखे जाने के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की, जिससे मुठभेड़ की स्थिति उत्पन्न हुई। अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ में 2 आतंकवादी मारे गए, जबकि 5 जवान घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कठुआ उप-जिला अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि घायल पुलिसकर्मियों में से एक के चेहरे पर गोली या छर्रे लगे हैं। उसकी हालत स्थिर है, लेकिन उसके चेहरे की धमनी के पास लगी चोट के कारण उसे गंभीर सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे में घायल पुलिसकर्मी को जीएमसी कठुआ रेफर किया गया है, जहां उसकी स्थिति पर और ध्यान दिया जाएगा।
कठुआ जिले में आतंकवादियों की मौजूदगी का पता लगने के बाद पिछले चार दिनों से सुरक्षा बलों द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा है। गुरुवार सुबह मुठभेड़ की शुरुआत उस वक्त हुई, जब सुरक्षा बलों ने राजबाग के घाटी जुथाना इलाके में जाखोले गांव के पास आतंकवादियों को देखा। यह इलाका हीरानगर सेक्टर के मुठभेड़ स्थल से करीब 30 किलोमीटर दूर है।
अधिकारियों के अनुसार, सर्च ऑपरेशन के दौरान अतिरिक्त बलों को भेजा गया है और मुठभेड़ की स्थिति जारी है। अनुमान जताया जा रहा है कि रविवार को हीरानगर सेक्टर में मुठभेड़ के बाद जिन आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की थी, उन्हें सुरक्षा बलों ने जुथाना इलाके में घेर लिया है।
इससे पहले, पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सान्याल गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद अभियान शुरू किया था। इस अभियान में पुलिस, सेना, एनएसजी, बीएसएफ, सीआरपीएफ, और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को तकनीकी और निगरानी उपकरणों से लैस किया गया है। हेलीकॉप्टर, यूएवी, ड्रोन, बुलेटप्रूफ वाहनों और खोजी कुत्तों की मदद से आतंकवादियों का पता लगाया जा रहा है।
इस ऑपरेशन से पहले, 23 मार्च को कठुआ के हीरानगर इलाके में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया था, जिसके बाद गोलीबारी हुई थी। पुलिस और सेना की संयुक्त टीम ने राइजिंग स्टार कोर के तहत कार्रवाई करते हुए आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में अनंतनाग जिले में भी तलाशी अभियान चलाया था, क्योंकि क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने की आशंका थी। जम्मू-कश्मीर में इस तरह के ऑपरेशन लगातार जारी हैं, ताकि आतंकवादी गतिविधियों पर काबू पाया जा सके और इलाके में शांति बनाए रखी जा सके।