जयपुर। जलमहल के आसपास नॉन वेंडिंग जोन घोषित कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद जयपुर हेरिटेज नगर निगम ने सूचना जारी की है। अब जलमहल के आसपास थड़ी- ठेले या हाट बाजार नहीं लग सकेंगे। सार्वजनिक स्थान और सड़क किनारे किसी भी अस्थाई दुकान लगाने की भी अनुमति नहीं मिलेगी। इससे जल महल की सुंदरता के साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रहने में भी सहयोग मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम को फटकार लगाते हुए जल महल की झील को नुकसान पहुंचाने और पानी को दूषित करने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। कोर्ट ने नगर निगम की ओर से झील के पास नाइट बाजार की अनुमति देने पर भी नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब तक झील के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए किसी विशेषज्ञ समिति का गठन नहीं किया गया है। गंदे सीवरेज का पानी जल महल झील में छोड़ा जा रहा है।
बता दें कि जल महल की दुर्दशा पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए जयपुर हेरिटेज नगर निगम को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि जल महल झील को नुकसान पहुंचा कर जयपुर स्मार्ट कैसे बन सकता है? झील के आसपास नाइट बाजार और वेंडिंग गतिविधियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए रोक लगाई है। झील में सीवरेज और किसी भी गंदगी का प्रभाव रोकने के साथ ही स्थिति सुधारने के लिए नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
जयपुर हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर अरुण कुमार के मुताबिक पर्यटकों और स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि जलमहल के आसपास ठेले और अस्थाई दुकानों की वजह से ज्यादा भीड़भाड़ और गंदगी बढ़ रही है। इससे ऐतिहासिक पर्यटक स्थल जल महल पर घूमने आने वाले पर्यटकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पर्यटक सीजन में ट्रैफिक व्यवस्था के हालात बिगड़ जाते हैं। जाम लगने से पर्यटकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नॉन वेंडिंग जोन लागू होने से यहां पर स्वच्छता और यातायात व्यवस्था बेहतर होगी। साथ ही जल महल का सौंदर्य और पर्यटकों का अनुभव बेहतर होगा।
जल महल के आसपास नॉन वेंडिंग जोन घोषित होने के साथ ही नगर निगम की ओर से चेतावनी भी जारी की गई है कि यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं इससे प्रभावित होने वाले व्यापारियों के पुनर्वास के लिए वैकल्पिक स्थान की तलाश की जा रही है, ताकि उनकी आजीविका चल सके।