जैसलमेर। सदियों से शिक्षा, विशेष रूप से चिकित्सा के क्षेत्र में पिछड़ा रहा जैसलमेर अब चिकित्सा के क्षेत्र में अपना नाम रोशन करने जा रहा है। जैसलमेर जिले में रामगढ़ बाइपास मार्ग पर एक भव्य मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है।
मेडिकल कॉलेज के लिए कहा जा रहा है कि आगामी सत्र 2025-2026 के लिए एमबीबीएस में अभ्यर्थियों का प्रवेश शुरू होगा। जून-जुलाई में 150 सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया होगी। भविष्य के चिकित्सकों की पढ़ाई-लिखाई और प्रयोगात्मक प्रशिक्षण भी शुरू हो सकेगा। मरीजों को गुजरात और जोधपुर रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मेडिकल कॉलेज का 80 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है।
चिकित्सा महकमे की मानें तो आवश्यक एकेडमिक ब्लॉक का निर्माण लगभग पूरा हो चुका। आगामी समय में इसको संबंधित विभाग को सौंप दिया जाएगा। नए जिला अस्पताल का कार्य भी इसी साल पूरा हो जाएगा।
गौरतलब है कि सरहदी जिले में उच्चस्तरीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी उम्मीदें रामगढ़ बाइपास पर बन रहे मेडिकल कॉलेज और 345 बेड्स की क्षमता वाले नए जिला अस्पताल पर टिकी हैं। सरहदी जिला अब अब चिकित्सकों की पोस्टिंग को तरसता रहा है। वहां अब चिकित्सक बनेंगे। पहले चरण में मेडिकल कॉलेज 159 करोड़ रुपए की लागत से बनवाया जा रहा है। अस्पताल पर करीब 110 करोड़ रुपए खर्च होंगे। केंद्र व राज्य सरकार के साझा खर्च से मेडिकल कॉलेज व अस्पताल कार्यों के लिए 325 करोड़ रुपए का बजट तय किया है। केंद्र 60 और राज्य सरकार 40 प्रतिशत खर्च करेगी।
जैसलमेर में मेडिकल कॉलेज की शुरुआत के लिए जरूरी लाइसेंस के बाद यहां नए सत्र से मेडिकल के विद्यार्थियों का प्रवेश व अध्ययन कार्य शुरू होगा। पिछले वर्ष जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीकर शहर से वर्चुअल तौर पर जैसलमेर के मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था। केंद्र ने वर्ष 2019 में राज्य सरकार की अनुशंसा पर जैसलमेर में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी। इसके बाद जैसलमेर में रामगढ़ मार्ग पर यूआईटी की ओर से 55 बीघा जमीन आवंटित की गई। कुल 150 बीघा जमीन इसके लिए दी गई। कोरोना के कारण प्रोजेक्ट काम प्रभावित हुआ। बाद में कई कारणों से मेडिकल कॉलेज व अस्पताल निर्माण कार्य देर से शुरू हुए। राज्य सरकार की एजेंसी राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लि। (आरएसआरडीसी) की जैसलमेर यूनिट की तरफ से कार्य कराया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेज के पहले चरण में 47,975 वर्गमीटर में निर्माण कराया जा है। 345 बेड का अस्पताल 35419 वर्गमीटर में बनाया जा रहा है। शैक्षणिक ब्लॉक, छात्र व छात्रा हॉस्टल, रेजिडेंट हॉस्टल व मेस ब्लॉक बनेंगे। सहायक आचार्य, आचार्य और गैर शैक्षणिक स्टाफ के निवास, खेल का मैदान व अन्य कार्य भी करवाए जाएंगे।
इसी तरह 345 बेड का अस्पताल भूतल से तीसरी मंजिल तक होगा। इसमें भूतल पर ऑथो, सर्जिकल, आई-ईएनटी, स्किन व पीएसवाई, पल्मोनरी ओपीडी, सेंट्रल लैब, मेडिकल ओपीडी, फार्मेसी स्टोरेज, ब्लड बैंक रेडियोलॉजी तथा 30 बेड वाला इमरजेंसी वार्ड बनाया जाएगा। प्रथम तल पर 50 बेड ऑर्थो, 40 बेड सर्जरी, 90 बेड मेडिसिन, 10-10 बेड एमईडी, पीएसवाई, डर्मा, आई-ईएनटी व पल्मोनरी के लिए लगाए जाएंगे।दूसरे तल पर ओटी कॉम्पलेक्स, 5 फैकल्टी कक्ष, 15 बेड का आईसीयू, 16 बेड का सर्जरी वार्ड व मेडिकल रिकॉर्ड सेक्शन एवं प्रशासनिक कक्ष, मोर्चरी, किचन, बीएमडब्ल्यू व लॉन्ड्री होगी।
जैसलमेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। राजेन्द्र पालीवाल ने बताया कि निर्माण एजेंसी जल्द मेडिकल कॉलेज का निर्माण पूरा कर भवन सौंप देगी। इस जून-जुलाई में शुरू होने वाले सत्र से जैसलमेर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नए अस्पताल का काम भी इस वर्ष पूरा हो जाएगा।