
अमेरिका की बहुचर्चित पत्रिका टाइम ने पहली बार किसी बच्चे को 'किड ऑफ द ईयर' के खिताब से नवाजा है। भारतीय मूल की 15 साल की अमेरिकी किशोरी गीतांजलि राव को 2020 के लिए किड ऑफ द ईयर चुना गया है। एक उभरती वैज्ञानिक और खोजकर्ता के तौर पर पहचान बनाने वाली गीतांजलि ने करीब पांच हजार बच्चों को पछाड़ते हुए यह खिताब हासिल किया है। गीतांजलि एक तेजतर्रार युवा वैज्ञानिक और आविष्कारक हैं। गीतांजलि ने प्रौद्योगिकी का उपयोग कर दूषित पेयजल से लेकर अफीम की लत और साइबर धौंस जैसे मुद्दों से निपटने के मामले में शानदार कार्य किया है।
टाइम पत्रिका ने कहा, ‘यह दुनिया उन लोगों की है जो इसे आकार देते हैं।' टाइम की प्रथम ‘किड ऑफ द ईयर’ के लिये 5,000 से अधिक दावेदारों में से गीतांजलि का चयन किया गया। टाइम स्पेशल के लिए अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता एंजलीना जोली ने उनका साक्षात्कार लिया। गीतांजलि ने कोलोरैडो स्थित अपने घर से जोली के साथ बातचीत की।
उन्होंने कहा, 'अवलोकन करें, सोच विचार करें, अनुसंधान करें, निर्मित करें और उसे बताएं।'’ टाइम के मुताबिक किशोरी ने कहा, 'हर समस्या का हल करने की कोशिश ना करें, बल्कि उस एक पर ध्यान केंद्रित करें जो आपको उकसाता हो। यदि मैं यह कर सकती हूं तो कोई भी यह कर सकता है।'
गीतांजलि राव ने कहा कि उनकी पीढ़ी कई समस्याओं का सामना कर रही है जो पहले कभी नहीं आई थी। किशोरी ने कहा, ‘लेकिन साथ ही, हम पुरानी समस्याओं का भी सामना कर रहे हैं जो अब भी मौजूद है। जैसे कि हम यहां एक नयी वैश्विक महामारी का सामना कर रहे हैं और हम अब भी मानवाधिकारों के मुद्दे का सामना कर रहे हैं। ऐसी समस्याएं हैं जो हमने पैदा नहीं की हैं लेकिन उनका अब हमें प्रौद्योगिकी के जरिए हल करना है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन और साइबर धौंस।'
साइबर बुलिंग रोकने के लिए की गई खोज के बारे में बताते हुए गीतांजलि ने कहा कि ये एक तरह की सर्विस है, जिसका नाम Kindly है। ये एक ऐप और क्रोम एक्सटेंशन है, जो शुरुआत में ही साइबर बुलिंग को पकड़ सकता है। ऐसा करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की मदद ली जाती है। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद सिर्फ अपनी डिवाइस बनाकर दुनिया की समस्याएं सुलझाने तक सीमित नहीं रहा बल्कि अब मैं औरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहती हूं।
एंजेलिना जोली से अपनी खोज के बारे में चर्चा करते हुए गीतांजलि ने कहा कि जब मैं 10 साल की थी, तब मैंने कार्बन नैनोट्यूब सेंसर टेक्नोलॉजी पर रिसर्च करने के बारे में सोचा। यही बदलाव की शुरुआत थी, जब कोई इस काम को नहीं कर रहा तो मैं इसे करना चाहती हूं।
अपनी खोज के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वह एक प्रोसेस को अपनाती हैं जिसमें सबसे पहले आता है ऑब्जर्व करना इसके बाद उसपर मंथन करती हूं, फिर उसके बारे में शोध करती हूं और तब जाकर निर्माण शुरू होता है। फिर इस बारे में संवाद किया जाता है।
खाने के बारे में पूछे जाने पर गीताजंलि ने कहा कि हम अंडे का बहुत कम इस्तेमाल करते हैं। मैं अंडे के बिना बने कूकीज खाती हूं। मैंने हाल ही में ब्रेड बनाई थी और यह काफी अच्छी थी। मुझे इस पर गर्व है।














