ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान और POK में आतंकियों के अड्डों पर की गई सटीक स्ट्राइक के बाद, पाकिस्तान की सरकार और सेना में हलचल मच गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत ने केवल सैन्य कार्रवाई ही नहीं की, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाई और उसे उपहास का पात्र बना दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने हमसे संवाद का अवसर छीना, जबकि हमने जांच में सहयोग की पेशकश भी की थी।
शरीफ ने आगे कहा कि जिस दिन वह तुर्की की राजकीय यात्रा पर थे, उसी दिन पहलगाम में हमला हुआ। उन्होंने इस हमले से पाकिस्तान के किसी प्रकार के संबंध होने से इनकार करते हुए अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग के गठन का प्रस्ताव दिया और दावा किया कि पाकिस्तान हर संभव सहयोग करेगा। इसके बावजूद, भारत ने इस प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिया और एक मित्र राष्ट्र के राजदूत को तलब कर फटकार भी लगा दी।
भारतीय हमले की पूर्व सूचना थी – पाकिस्तान पूरी तरह तैयार था
शहबाज शरीफ ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें सुरक्षा एजेंसियों से लगातार इनपुट मिल रहे थे कि भारत पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इस संदर्भ में उन्होंने पाकिस्तान की 24 करोड़ जनता और संसद को भरोसा दिलाया कि देश की सेना हर संभावित चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह सजग और तत्पर थी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने जो कार्रवाई की, वह केवल आतंकियों के खिलाफ थी, लेकिन यह पाकिस्तान की संप्रभुता के खिलाफ भी एक सीधा संदेश था।
भारत का स्पष्ट संदेश – ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है
दूसरी ओर भारत ने साफ कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी अधूरा है। भारतीय सेना ने यह स्पष्ट किया कि यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ है और तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान की सरजमीं से भारत विरोधी आतंक की साजिशें समाप्त नहीं हो जातीं। नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर भारत ने पूरी दुनिया को स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ केवल बयान नहीं होंगे, बल्कि निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
आतंकी ढांचे पर हमला और पाकिस्तान की रणनीतिक उलझन
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो भारत ने पहले से ही पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति और शहबाज शरीफ की संभावित प्रतिक्रियाओं को समझ लिया था। यही कारण है कि बिना किसी पूर्व घोषणा के, सटीक और सीमित सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इसका असर यह हुआ कि आतंकियों की संरचना को गहरा नुकसान पहुँचा और पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर सफाई देने के लिए विवश होना पड़ा।
पाकिस्तान की दुविधा में फंसी प्रतिक्रिया
भारत की इस निर्णायक कार्रवाई ने पाकिस्तान को न केवल सैन्य रूप से, बल्कि कूटनीतिक रूप से भी घेर लिया है। अमेरिका समेत कई वैश्विक शक्तियों ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समर्थन दिया है। वहीं, पाकिस्तान अब तक यह तय नहीं कर पा रहा कि उसे भारत को जवाब देना चाहिए या शांत रहना चाहिए। शहबाज शरीफ का हालिया संबोधन इसी असमंजस की झलक है, जहां उन्होंने स्वयं स्वीकार किया कि भारत ने न केवल हमला किया बल्कि पाकिस्तान की वैश्विक स्तर पर छवि को भी चोट पहुंचाई।