किसान संगठनों ने 26 मार्च को किया भारत बंद का एलान, 28 को जलाएंगे तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां

By: Pinki Thu, 11 Mar 2021 09:03:07

किसान संगठनों ने 26 मार्च को किया भारत बंद का एलान, 28 को जलाएंगे तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां

किसान संगठनों ने केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक बार फिर भारत बंद का आह्वान किया है। यह बंद 26 मार्च को होगा और यह बंद पूरे दिन का होगा। बता दे, 26 मार्च को किसान आंदोलन को चार महीने पूरे होने वाले है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बूटा सिंह बुर्जगिल ने बुधवार को कहा कि हम 26 मार्च को अपने आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर पूर्ण रूप से भारत बंद का पालन करेंगे। शांतिपूर्ण बंद सुबह से शाम तक प्रभावी रहेगा। बंद के दौरान किसानों के ट्रैक्टर भी नहीं चलेंगे।

दरअसल, सरकार और उससे जुड़े लोग लगातार इस बात का प्रचार कर रहे हैं कि किसान आंदोलन कमजोर पड़ गया है और अब किसान आंदोलनों में लोग नहीं आ रहे हैं। बूटा सिंह ने कहा कि ऐसे लोगों को बताने के लिए कि किसानों का आदोलन अभी जीवित है, भारत बंद का आह्वान किया गया है।

इतना ही नहीं उन्होंने कहा किसान और व्यापार संघ मिलकर 15 मार्च को पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि और निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे इसके अलावा किसान 19 मार्च को 'मंडी बचाओ-खेती बचाओ' दिवस मनाएंगे।

बूटा सिंह ने बताया कि जिस तरह 8 मार्च को देशभर की महिलाओं ने सभी किसान आंदोलन स्थलों पर जुटकर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया, उसी तरह संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 मार्च से 28 मार्च तक का अपना कार्यक्रम सुनिश्चित किया है। बूटा सिंह ने बताया कि जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं या चुनाव होने वाले हैं वहां पर संयुक्त किसान मोर्चा अपने मंच लगाएगा और लोगों को बीजेपी के खिलाफ वोट देने की अपील करेगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कुछ इस तरह तय किया है कार्यक्रम

- 15 मार्च को डीजल, पेट्रोल, गैस सिलिंडर की कीमत वृद्धि और रेलवे निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन होंगे। एसडीएम, डीसी को ज्ञापन दिया जाएगा।
- 17 मार्च को आल इंडिया ट्रेड यूनियन सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग में हिस्सा लेंगे और भारत बंद पर फैसला करेंगे।
-19 मार्च को किसान खेती बचाओ-मंडी बचाओ दिवस मनाएंगे, सभी मंडियों में पहुंचकर प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।
- 23 मार्च को शहीदे आजम भगत सिंह का बलिदान दिवस मनाएंगे।
- 26 मार्च को किसान आंदोलन के चार महीना पूरा होने पर भारत बंद का आह्वान किया जा रहा है।
- 28 मार्च को होलिका दहन में पूरे भारत के अंदर तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी।

बता दें कि दिल्ली के सिंघू बॉर्डर से लेकर टीकरी बॉर्डर और यहां तक कि गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों का जमावड़ा अब भी है। कृषि कानून के विरोध में 8 दिसंबर को किसान संगठनों ने तीन घंटे का भारत बंद किया था। कई जगहों पर ट्रैफिक रोका गया, बाज़ारों को भी बंद रखने का किसान संगठनों ने आह्वान किया, जिसका असर कुछ राज्यों के अलावा देश में कम हीं देखने को मिला।

26 जनवरी को दिल्ली में हुआ था हंगामा

बता दें कि किसान आंदोलन के बीच 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में जमकर हंगामा हुआ था। किसान यूनियन और पुलिस की बीच बैठकों के दौर के बाद गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर रैली निकाली गई थी जिसके लिए एक निर्धारित रूट तैयार किया गया था , लेकिन ट्रैक्टर रैली निर्धारित समय से पहले ही दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर गई। तय रूट के अलावा भी किसानों के कई गुटों ने आईटीओ और लाल किले की ओर कूच कर दिया। सड़कों पर पुलिस और किसानों के बीच टकराव हुआ, हिंसा हुई और यहां तक कि लाल किले की प्रचीर पर किसानों का एक जत्था पहुंचा और वहां सिक्खों के धार्मिक झंडे को फहराया गया। आंदोलन में शामिल कुछ लोगों ने पुलिस पर भी हमला किया, जिसमें कई पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।

बता दें कि 1 दिसंबर से सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर शुरू हुआ। पहले दौर की बैठक के बाद एक के बाद एक 11 दौर की बातचीत सरकार और तकरीबन 40 किसान संगठनों के नेताओं के बीच हुई। अलग-अलग प्रस्तावों के बावजूद, किसान तीन कानून की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग पर अड़े रहे। सरकार ने कानून को लगभग डेढ़ साल तक स्थगित करने तक का प्रस्ताव भी दिया, जिसे किसानों ने सर्वसम्मति से ठुकरा दिया।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com