कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने दावा किया है कि बीजेपी सरकार लोकसभा में सीटों की संख्या को बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव लाने वाली है। उन्होंने ट्वीट कर दावा किया है कि उन्हें संसदीय सहयोगियों की तरफ से जानकारी मिली है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लोकसभा सीटों की संख्या को बढ़ाकर 1000 या उससे ज्यादा करने का प्रस्ताव है और इसके लिए पार्लिमेंट का नया चैंबर भी तैयार किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अगर ऐसा प्रस्ताव रखा जाता है तो फिर आम लोगों की राय भी इस पर ली जानी चाहिए।
मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'मुझे बीजेपी (BJP) के संसदीय सहयोगियों द्वारा विश्वसनीय रूप से बताया गया है कि 2024 से पहले लोकसभा (Loksabha) की संख्या बढ़ाकर 1000 या उससे अधिक करने का प्रस्ताव है। 1000 सीटों वाले नए संसद कक्ष का निर्माण किया जा रहा है। ऐसा करने से पहले एक गंभीर सार्वजनिक परामर्श होना चाहिए।'
तिवारी ने ट्वीट किया कि ‘एक सांसद का काम देश के लिए कानून बनाना है। भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची द्वारा भूमिका को कमजोर कर दिया गया था। विकास की अनिवार्यताओं का ख्याल रखने के लिए हमारे पास 73वां-74वां संविधान संशोधन है, जो विधानसभाओं में सबसे ऊपर है। अगर लोकसभा सीटों को 1000 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है तो इसमें कई दिक्कतें भी आ सकती हैं।
I am reliably informed by Parlimentary colleagues in @BJP4India that there is a proposal to increase strength of Lok Sabha to 1000 or more before 2024. New Parliament Chamber being constructed as a 1000 seater.
— Manish Tewari (@ManishTewari) July 25, 2021
Before this is done there should be a serious public consultation.
कार्ति चिदंबरम की राय
तिवारी के ट्वीट पर कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने भी अपनी राय दी है। उन्होंने कहा है कि इस मसले पर सार्वजनिक बहस की जरूरत है। उन्होंने ट्वीट कतरते हुए लिखा कि इस मुद्दे पर सार्वजनिक बहस की जरूरत है। हमारे जैसे बड़े देश को ज्यादा निर्वाचित प्रतिनिधियों की आवश्यकता है। लेकिन अगर ये इज़ाफ़ा जनसंख्या के आधार पर किया गया तो इससे दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व और कम हो जाएगा। जो स्वीकार्य नहीं होगा।
प्रणब मुखर्जी ने भी लोकसभा सीटों को बढ़ाने की कही थी बात
इससे पहले, 16 दिसंबर, 2019 को भी लोकसभा सीटों को बढ़ाने की बात उठी थी। उस समय पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा सीटों को बढ़ाकर 1,000 करने की मोदी सरकार की योजना की वकालत की थी। संसद के अधिक लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, मुखर्जी ने कहा था कि संसद के निचले सदन में सीटों की पिछली वृद्धि 1977 में हुई थी, जब देश की जनसंख्या 55 करोड़ थी। अब तक भारत की संसद में एंग्लो इंडियन समुदाय से 543 प्लस दो सदस्यों की स्वीकृत संख्या है।
आपको बता दें कि संविधान के मुताबिक लोकसभा में ज्यादा से ज्यादा 552 सदस्य हो सकते हैं। इसमें राज्यों से 530 और केंद्र शासित प्रदेशों से 20 सदस्यों का चयन किया जाता है। इसके अलावा एंग्लो-इंडियन समुदाय के दो सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते है। आखिरी बार साल 1977 में सीटों की संख्या बढ़ाई गई थी।