Green Crackers: क्या ग्रीन पटाखों से नहीं होता पॉल्यूशन? जानें कैसे अलग होते हैं यह नॉर्मल पटाखों से?

By: Priyanka Maheshwari Thu, 20 Oct 2022 12:33:24

Green Crackers: क्या ग्रीन पटाखों से नहीं होता पॉल्यूशन? जानें कैसे अलग होते हैं यह नॉर्मल पटाखों से?

पटाखे जलाना दिवाली के त्योहार का अहम हिस्सा है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक त्योहार पर पटाखे चलाते हुए देखे जा सकते हैं। पटाखे चलाकर लोग त्योहार को खूब एंजॉय करते हैं, लेकिन इससे निकलने वाली गैस हवा को जहरीला बना देती हैं। यही कारण है कि तमाम जगहों पर पटाखों को बैन कर दिया गया है। कई राज्य की सरकारों ने पटाखों पर पूरी तरह बैन लगा दिया है साथ ही कुछ राज्यों में सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी है। यह निर्देश राज्य के पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने जारी किया है। ग्रीन क्रैकर्स (Green Crackers) या हरे पटाखे कम प्रदूषण फैलाते हैं। इन पटाखों में ऐसे कच्चे माल का उपयोग होता है जो प्रदूषण कम फैलाने में मदद करते हैं। ऐसे में अधिकतर लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या ग्रीन पटाखे पॉल्यूशन फ्री होते हैं? क्या इन्हें जलाने से हवा में जहरीली गैस नहीं घुलती? आज आपको बताएंगे कि ग्रीन पटाखे क्या होते हैं और यह सामान्य पटाखों से कितना अलग हैं। साथ ही यह भी बताएंगे कि ग्रीन पटाखे चलाने से कितना पॉल्यूशन होता है।

green crackers,know about green crackers,diwali 2022,diwali green crackers

क्या होते है ग्रीन पटाखे?

एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए साल 2018 में ग्रीन पटाखों का कांसेप्ट लाया गया था। इसे सामान्य पटाखों के विकल्प के रूप में पेश किया गया था।नॉर्मल पटाखों में बारूद और अन्य ज्वलनशील रसायन होते हैं जो जलाने पर फट जाते हैं और भारी मात्रा में प्रदूषण फैलाते हैं। वहीं ग्रीन पटाखों में हानिकारक केमिकल नहीं होते हैं और वायु प्रदूषण कम होता है। पारंपरिक पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखे कम हानिकारक होते हैं और वायु प्रदूषण को कम करते हैं। ग्रीन पटाखे ना सिर्फ आकार में छोटे होते हैं। ग्रीन पटाखों में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले प्रदूषणकारी केमिकल जैसे एल्यूमीनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रेट और कार्बन को या तो हटा दिया गया है या उत्सर्जन को 15 से 30% तक कम कर दिया जाता है। इन पटाखों में सामान्य पटाखों की अपेक्षा आवाज भी काफी कम होती है। इन पटाखों में पार्टिक्यूलेट मैटर (PM) का विशेष ख्याल रखा जाता है ताकि धमाके के बाद कम से कम प्रदूषण फैले। बाजार में जगह-जगह आपको ग्रीन पटाखे देखने को मिल जाएंगे।

green crackers,know about green crackers,diwali 2022,diwali green crackers

रिपोर्ट की मानें तो ग्रीन पटाखों में सामान्य पटाखों की अपेक्षा 30% कम पॉल्यूटेंट होते हैं। ग्रीन पटाखों की आवाज करीब 110 डेसिबल होती है, जबकि सामान्य पटाखों की आवाज 160 डेसीबल होती है। ग्रीन क्रैकर्स से करीब 20 प्रतिशत पार्टिक्यूलेट मैटर निकलता है जबकि 10 प्रतिशत गैसें उत्सर्जित होती है। ये गैस पटाखों की संरचना पर आधारित होती हैं। ग्रीन पटाखों के बॉक्स पर बने क्यूआर कोड को NEERI नाम के एप से स्कैन करके इनकी पहचान की जा सकती है। हालांकि ग्रीन पटाखे पूरी तरह इको-फ्रेंडली नहीं कहे जा सकते और इन्हें जलाने से भी प्रदूषण फैलता है। आसान भाषा में कहा जा सकता है कि ग्रीन पटाखे चलाने से पॉल्यूशन होता है, लेकिन यह सामान्य पटाखों की अपेक्षा कम है।

जरुरी बात : ग्रीन पटाखे का मतलब यह नहीं है कि वह आपको नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। यह पटाखे भी आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं, इसलिए सतर्कता बरतें।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com