महाकुंभ पहुंचे अखिलेश यादव, पिता की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण, लगाई आस्था की डुबकी
By: Sandeep Gupta Mon, 27 Jan 2025 12:10:53
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा सेक्टर 16 के एक शिविर में स्थापित की गई। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने प्रतिमा का अनावरण किया था। इसके बाद इस पर सियासी हलचल तेज हो गई थी। इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को महाकुंभ पहुंचे और गंगा में डुबकी लगाई। उन्होंने इस अवसर पर संतों और महंतों से भी मुलाकात की। इसके साथ ही अखिलेश यादव अपने पिता की स्थापित प्रतिमा को देखने और श्रद्धांजलि अर्पित करने भी गए।
अखिलेश यादव ने सेक्टर 16 स्थित शिविर में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान शंखनाद भी किया गया। अखिलेश ने इस भावुक पल को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'सबके नेताजी और अपने पिताजी को महाकुंभ परिसर में श्रद्धा सुमन अर्पण।' माल्यार्पण के दौरान खींची गई तस्वीरें अखिलेश ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर कीं, जिससे सपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह देखने को मिला।
इस मौके पर अखिलेश यादव ने अपने पिता के प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान प्रकट किया। उन्होंने मुलायम सिंह यादव की समाजवादी विचारधारा और उनके योगदान को याद किया। गंगा स्नान के बाद अखिलेश यादव ने महाकुंभ में मौजूद संतों और महंतों से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। महाकुंभ में अखिलेश यादव की इस यात्रा को सियासी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अखिलेश ने शेयर की ये भी तस्वीरें
अखिलेश ने महाकुंभ में स्नान तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की है साथ ही उन्होंने लिखा, 'महाकुंभ की पुण्य-यात्रा! महाकुंभ 144 साल में एक बार आता है, वो भी संगम के किनारे ही मतलब जीवन में एक बार और वो भी नदियों के मिलन स्थल पर, इसीलिए इससे ये संकल्प लेना चाहिए कि हमें जो जीवन मिला है वो अलग-अलग दिशाओं से आती हुई धाराओं के मिलन से ही अपना सही अर्थ और मायने पा सकता है. हमें संगम की तरह जीवन भर मेलजोल का सकारात्मक संदेश देना चाहिए. सद्भाव, सौहार्द और सहनशीलता की त्रिवेणी का संगम जब-जब व्यक्ति के अंदर होगा… तब-तब हम सब महाकुंभ का अनुभव करेंगे.'
अखिलेश यादव का यह कदम उनके पिता की विरासत को सहेजने और उनकी यादों को जीवित रखने की दिशा में एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। महाकुंभ जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा की स्थापना सपा के लिए भावनात्मक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। अखिलेश यादव की इस यात्रा और उनके द्वारा प्रतिमा पर किए गए माल्यार्पण ने समर्थकों को भावनात्मक रूप से जोड़ा है। यह कदम मुलायम सिंह यादव के प्रति सपा के कार्यकर्ताओं और जनता के बीच सम्मान और अपनापन बढ़ाने का प्रतीक है।
महाकुंभ की पुण्य-यात्रा!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 27, 2025
महाकुंभ 144 साल में एक बार आता है, वो भी संगम के किनारे ही मतलब जीवन में एक बार और वो भी नदियों के मिलन स्थल पर, इसीलिए इससे ये संकल्प लेना चाहिए कि हमें जो जीवन मिला है वो अलग-अलग दिशाओं से आती हुई धाराओं के मिलन से ही अपना सही अर्थ और मायने पा सकता है।… pic.twitter.com/ml4MJuNNai
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सबके नेताजी और अपने पिताजी को महाकुंभ परिसर में श्रद्धा सुमन अर्पण। pic.twitter.com/qy7Yai46D6
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 27, 2025
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