तेलंगाना के बाद अब आंध्र प्रदेश सरकार ने भी अपने सभी सरकारी मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के महीने में नमाज अदा करने के लिए कार्यालय से जल्दी निकलने की अनुमति दी है। यह निर्णय तेलंगाना सरकार के इसी तरह के कदम के बाद लिया गया है। जानकारी के अनुसार, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में रमजान के दौरान मुस्लिम कर्मचारियों को जल्दी छुट्टी देने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है।
आंध्र प्रदेश में एनडीए सरकार और भाजपा की प्रतिक्रिया
तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा जारी इस आदेश पर भाजपा ने नाराजगी जताई है, जबकि पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार होने के बावजूद भाजपा ने इस फैसले पर चुप्पी साध ली है।
सरकार के आदेश में क्या कहा गया है?
सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सभी मुस्लिम सरकारी कर्मचारी, शिक्षक, अनुबंध और आउटसोर्सिंग कर्मचारी, साथ ही ग्राम/वार्ड सचिवालय के कर्मचारी रमजान के दौरान नमाज अदा करने के लिए दफ्तर से पहले निकल सकते हैं। निर्देशों के अनुसार, 2 मार्च से 30 मार्च तक रमजान के दौरान सभी कार्य दिवसों पर मुस्लिम कर्मचारियों को अपने कार्यालय या स्कूल बंद होने से एक घंटे पहले निकलने की अनुमति दी गई है। पिछले वर्षों की तरह, इस बार भी सरकार के आदेश (GO) के बाद विवाद शुरू हो गया है।
तेलंगाना सरकार के फैसले पर बीजेपी ने जताई नाराजगी
तेलंगाना सरकार द्वारा जारी एक परिपत्र में मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के पवित्र महीने के दौरान एक घंटा पहले दफ्तर छोड़ने की अनुमति दी गई है। इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नाराजगी जताते हुए सवाल किया है कि हिंदू त्योहारों के दौरान ऐसे प्रावधान क्यों नहीं किए जाते।
भाजपा ने इस कदम को तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया और सरकार पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि भारत में रमजान का महीना शुक्रवार, 28 फरवरी से शुरू होने की संभावना है।