आज की तेज़ रफ्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली ने हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) और डायबिटीज (Diabetes) जैसी बीमारियों को आम बना दिया है। हैरानी की बात यह है कि अब ये समस्याएं केवल बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि युवा और मध्यम आयु वर्ग भी इनकी चपेट में आ रहे हैं। दोनों बीमारियां अकेले ही शरीर पर गहरा असर डालती हैं, लेकिन जब ये साथ हो जाएं, तो दिल, किडनी, आंखों और मस्तिष्क जैसे अंगों पर इनका असर कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में केवल दवाओं पर निर्भर रहना काफी नहीं है। एक संतुलित, पौष्टिक और चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित डाइट दोनों ही स्थितियों को मैनेज करने में अहम भूमिका निभा सकती है। आइए समझते हैं कि इन दोनों बीमारियों में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं।
डाइट का महत्व: क्यों है बेहद जरूरी?
- हाई ब्लड प्रेशर में रक्त नलिकाएं संकरी हो जाती हैं जिससे हृदय पर अत्यधिक दबाव पड़ता है।
- डायबिटीज में रक्त में ग्लूकोज स्तर बढ़ने से ऑर्गन्स को धीरे-धीरे नुकसान होने लगता है।
- अगर दोनों स्थितियां एक साथ हों, तो हार्ट अटैक, किडनी फेलियर और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
- इसलिए ऐसी डाइट जरूरी है जो कम नमक, कम चीनी, हाई फाइबर और गुड फैट्स से भरपूर हो।
हाई बीपी और डायबिटीज में बेस्ट डाइट ऑप्शन्स
1. होल ग्रेन्स (Whole Grains) डाइट
- ओट्स, ब्राउन राइस, रागी, बाजरा, क्विनोआ जैसी चीजें फाइबर से भरपूर होती हैं।
- ये स्लो डाइजेस्ट होती हैं जिससे ब्लड शुगर स्थिर रहता है और लंबे समय तक ऊर्जा मिलती है।
- दिल की सेहत में भी सुधार होता है क्योंकि ये लो-ग्लाइसेमिक और कोलेस्ट्रॉल-फ्रेंडली होते हैं।
2. हरी पत्तेदार सब्जियां
- पालक, मेथी, ब्रोकली, पत्तागोभी, सरसों जैसी सब्जियां पोटैशियम, फोलेट और नाइट्रेट से भरपूर होती हैं।
- ये रक्तचाप को नियंत्रित करती हैं और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं, जो ऑर्गन्स को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाती हैं।
3. लो GI वाले फल
- अमरूद, सेब, संतरा, ब्लूबेरी, पपीता जैसे फल धीरे-धीरे शुगर रिलीज करते हैं।
- ये इंसुलिन स्पाइक्स को रोकते हैं और हाई फाइबर के कारण मेटाबोलिज्म बेहतर होता है।
- मीठे फल जैसे आम, केला, अंगूर और चीकू से दूरी बनाना फायदेमंद है।
4. गुड फैट्स (Healthy Fats)
- अलसी के बीज, अखरोट, बादाम, एवोकाडो, सूरजमुखी के बीज जैसे फैट्स ओमेगा-3 से भरपूर होते हैं।
- ये कोलेस्ट्रॉल को बैलेंस करने और दिल को मजबूत रखने में मदद करते हैं।
- इनसे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और शुगर स्पाइक नहीं होता।
5. प्रोटीन रिच फूड्स
- लो-फैट दही, टोफू, उबला अंडा (सिर्फ सफेद हिस्सा), मूंग और मसूर की दालें, छोले—ये सभी प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं।
- प्रोटीन मसल्स बनाने, भूख कंट्रोल में रखने और ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है।
किन चीज़ों से परहेज़ जरूरी है और क्यों?
अधिक नमक – रक्तचाप बढ़ाता है, जिससे दिल और किडनी पर दबाव पड़ता है।
शक्कर/मीठा – ब्लड शुगर को तेज़ी से बढ़ाता है जिससे डायबिटिक कॉम्प्लिकेशन बढ़ते हैं।
डीप फ्राइड फूड्स/जंक फूड – इनमें ट्रांस फैट्स होते हैं जो दिल के लिए ज़हरीले होते हैं।
रेड मीट – सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा अधिक होती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल और बीपी का खतरा बढ़ता है।
पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स – हाई सोडियम और प्रिज़र्वेटिव्स की वजह से यह अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं।